एक चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है जो छात्रों को साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में गहन ज्ञान और कौशल प्रदान करता है। इस कोर्स का उद्देश्य छात्रों को साइबर अपराध, डेटा प्रोटेक्शन, नेटवर्क सिक्योरिटी, और डिजिटल फोरेंसिक में विशेषज्ञ बनाना है। यहां बी.टेक (साइबर सिक्योरिटी और फोरेंसिक) के कोर्स की विस्तृत जानकारी दी गई है:
कोर्स संरचना
प्रथम वर्ष:
मूलभूत विज्ञान: गणित, भौतिकी, और रसायन विज्ञान के आधारभूत सिद्धांत।
कंप्यूटर विज्ञान की मूल बातें: प्रोग्रामिंग की मूलभूत बातें, डेटा स्ट्रक्चर, और एल्गोरिदम।
इंजीनियरिंग ड्रॉइंग और ग्राफिक्स: इंजीनियरिंग ड्रॉइंग की बुनियादी तकनीकें।
प्रयोगात्मक लैब: लैब असाइनमेंट और प्रैक्टिकल अनुभव।
द्वितीय वर्ष:
डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम: जटिल डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम की पढ़ाई।
डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स: डिजिटल सर्किट और उनके अनुप्रयोग।
डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम्स: डाटाबेस डिजाइन और मैनेजमेंट।
नेटवर्क सिक्योरिटी: नेटवर्क सिक्योरिटी की बुनियादी अवधारणाएं और प्रोटोकॉल।
ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग: जावा या सी++ जैसी भाषाओं में प्रोग्रामिंग।
प्रायोगिक लैब: संबंधित विषयों की लैब गतिविधियां।
तृतीय वर्ष:
साइबर सिक्योरिटी: साइबर खतरों, हमलों, और सुरक्षा तकनीकों का अध्ययन।
ऑपरेटिंग सिस्टम्स सिक्योरिटी: ऑपरेटिंग सिस्टम की सुरक्षा और संबंधित तकनीकें।
नेटवर्क सिक्योरिटी: नेटवर्क सिक्योरिटी के उन्नत सिद्धांत और तकनीकें।
क्रिप्टोग्राफी: डेटा एनक्रिप्शन और डीक्रिप्शन तकनीकें।
वेब सिक्योरिटी: वेब एप्लिकेशन सिक्योरिटी और संबंधित तकनीकें।
फोरेंसिक एनालिसिस: डिजिटल फोरेंसिक के सिद्धांत और प्रैक्टिस।
इलेक्टिव सब्जेक्ट्स: विभिन्न ऐच्छिक विषय जैसे एथिकल हैकिंग, मोबाइल सिक्योरिटी आदि।
चतुर्थ वर्ष:
प्रोजेक्ट वर्क: अंतिम वर्ष का प्रोजेक्ट, जिसमें छात्र वास्तविक समस्या का समाधान प्रस्तुत करते हैं।
इंटरनशिप: उद्योग में वास्तविक अनुभव प्राप्त करना।
उन्नत विषय: उन्नत नेटवर्क सिक्योरिटी, क्लाउड सिक्योरिटी, और बिग डेटा फोरेंसिक जैसे विषय।
साइबर लॉ और एथिक्स: साइबर कानून, नैतिकता, और अनुपालन।
प्रमुख विषय
प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज: पायथन, जावा, सी++, और अन्य।
डेटाबेस सिक्योरिटी: SQL, NoSQL, और संबंधित तकनीकें।
वेब सिक्योरिटी: HTML, CSS, जावास्क्रिप्ट, और वेब एप्लिकेशन सिक्योरिटी।
नेटवर्क सिक्योरिटी: TCP/IP, नेटवर्क प्रोटोकॉल, और सुरक्षा।
साइबर सिक्योरिटी: नेटवर्क सुरक्षा, एथिकल हैकिंग, और डेटा प्राइवेसी।
डिजिटल फोरेंसिक: फोरेंसिक उपकरण और तकनीकें, डेटा रिकवरी, और विश्लेषण।
क्रिप्टोग्राफी: एनक्रिप्शन, डीक्रिप्शन, और संबंधित तकनीकें।
कौशल विकास
तकनीकी कौशल: प्रोग्रामिंग, सॉफ्टवेयर विकास, और समस्या समाधान।
विश्लेषणात्मक कौशल: डेटा एनालिसिस, समस्या विश्लेषण, और निर्णय लेना।
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट: परियोजना नियोजन, क्रियान्वयन, और प्रबंधन।
टीम वर्क: टीम में कार्य करना और सहयोगी वातावरण में काम करना।
सुरक्षा विशेषज्ञता: साइबर खतरों का पहचान और निवारण।
फोरेंसिक विश्लेषण: डिजिटल साक्ष्यों का संग्रह, विश्लेषण, और रिपोर्टिंग।
करियर अवसर
साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ: साइबर हमलों से सुरक्षा और सुरक्षा रणनीतियों का विकास।
फोरेंसिक एनालिस्ट: डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण और जांच।
नेटवर्क सिक्योरिटी इंजीनियर: नेटवर्क सुरक्षा के लिए समाधान विकसित करना।
सिस्टम सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेटर: ऑपरेटिंग सिस्टम और सर्वर की सुरक्षा।
इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी मैनेजर: सुरक्षा नीतियों और प्रक्रियाओं का प्रबंधन।
एथिकल हैकर: प्रणाली की कमजोरियों का पता लगाना और उनका सुधार।
साइबर लॉ एक्सपर्ट: साइबर कानून और नैतिकता का अनुपालन।
एडमिशन प्रक्रिया
बी.टेक (साइबर सिक्योरिटी और फोरेंसिक) में प्रवेश के लिए छात्रों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं (जैसे जेईई मेन, राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाएं) में उत्तीर्ण होना पड़ता है। इसके अलावा, कुछ निजी विश्वविद्यालय अपने स्वयं के प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं।
निष्कर्ष
बी.टेक (साइबर सिक्योरिटी और फोरेंसिक) छात्रों को साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में अत्यधिक ज्ञान और कौशल प्रदान करता है। यह कोर्स न केवल तकनीकी ज्ञान विकसित करता है, बल्कि छात्रों को उद्योग में सफल करियर के लिए तैयार भी करता है। आज के डिजिटल युग में, साइबर सुरक्षा और फोरेंसिक के विशेषज्ञों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह कोर्स करियर की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
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