एक तीन वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है जो छात्रों को फोरेंसिक साइंस के क्षेत्र में गहन ज्ञान और कौशल प्रदान करता है। इस कोर्स का उद्देश्य छात्रों को वैज्ञानिक विधियों और तकनीकों का उपयोग करके अपराधों की जांच और साक्ष्यों के विश्लेषण में विशेषज्ञ बनाना है। यहां बी.एससी (फोरेंसिक साइंस) के कोर्स की विस्तृत जानकारी दी गई है:
कोर्स संरचना
प्रथम वर्ष:
मूलभूत विज्ञान: भौतिकी, रसायन विज्ञान, और जीवविज्ञान के आधारभूत सिद्धांत।
फोरेंसिक साइंस का परिचय: फोरेंसिक साइंस का इतिहास, महत्व, और अनुप्रयोग।
क्राइम सीन मैनेजमेंट: अपराध स्थल का निरीक्षण, साक्ष्य संग्रह, और दस्तावेजीकरण।
फिंगरप्रिंटिंग: फिंगरप्रिंट संग्रह, विश्लेषण, और पहचान।
प्रायोगिक लैब: संबंधित विषयों की लैब गतिविधियां।
द्वितीय वर्ष:
फोरेंसिक केमिस्ट्री: रासायनिक साक्ष्यों का विश्लेषण और पहचान।
फोरेंसिक बायोलॉजी: जैविक साक्ष्यों का विश्लेषण और डीएनए प्रोफाइलिंग।
टॉक्सिकोलॉजी: विषविज्ञान, जहरीले पदार्थों का विश्लेषण और प्रभाव।
फोरेंसिक फोटोग्राफी: अपराध स्थल और साक्ष्यों की फोटोग्राफी तकनीकें।
इलेक्ट्रॉनिक फोरेंसिक: डिजिटल उपकरणों से साक्ष्य संग्रह और विश्लेषण।
प्रायोगिक लैब: संबंधित विषयों की लैब गतिविधियां।
तृतीय वर्ष:
फोरेंसिक मेडिसिन: फोरेंसिक मेडिसिन के सिद्धांत, पोस्टमॉर्टम, और चोट विश्लेषण।
फोरेंसिक एनथ्रोपोलॉजी: मानव अवशेषों की पहचान और विश्लेषण।
फोरेंसिक साइकोलॉजी: अपराधी की मानसिक स्थिति और प्रोफाइलिंग।
फोरेंसिक सेरोलॉजी: रक्त और शारीरिक द्रवों का विश्लेषण।
फायर आर्म्स और बैलिस्टिक्स: आग्नेयास्त्रों और विस्फोटक साक्ष्यों का विश्लेषण।
फोरेंसिक रिपोर्टिंग और कोर्ट टेस्टिमनी: फोरेंसिक रिपोर्ट तैयार करना और न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत करना।
प्रायोगिक लैब: संबंधित विषयों की लैब गतिविधियां।
प्रमुख विषय
क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन: अपराध स्थल का निरीक्षण, साक्ष्य संग्रह, और दस्तावेजीकरण।
फिंगरप्रिंट एनालिसिस: फिंगरप्रिंटिंग तकनीकें और पहचान।
फोरेंसिक केमिस्ट्री: रासायनिक साक्ष्यों का विश्लेषण।
फोरेंसिक बायोलॉजी: जैविक साक्ष्यों का विश्लेषण और डीएनए प्रोफाइलिंग।
टॉक्सिकोलॉजी: विषविज्ञान और जहरीले पदार्थों का विश्लेषण।
डिजिटल फोरेंसिक: डिजिटल उपकरणों से साक्ष्य संग्रह और विश्लेषण।
फोरेंसिक मेडिसिन: फोरेंसिक मेडिसिन के सिद्धांत और प्रक्रियाएं।
फायर आर्म्स और बैलिस्टिक्स: आग्नेयास्त्रों और विस्फोटक साक्ष्यों का विश्लेषण।
कौशल विकास
तकनीकी कौशल: साक्ष्य संग्रह, विश्लेषण, और दस्तावेजीकरण।
विश्लेषणात्मक कौशल: डेटा एनालिसिस, समस्या विश्लेषण, और निर्णय लेना।
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट: परियोजना नियोजन, क्रियान्वयन, और प्रबंधन।
टीम वर्क: टीम में कार्य करना और सहयोगी वातावरण में काम करना।
सुरक्षा विशेषज्ञता: अपराध स्थलों का निरीक्षण और साक्ष्यों का सुरक्षित संग्रह।
फोरेंसिक विश्लेषण: डिजिटल साक्ष्यों का संग्रह, विश्लेषण, और रिपोर्टिंग।
करियर अवसर
फोरेंसिक साइंटिस्ट: अपराधों की जांच और साक्ष्यों का विश्लेषण।
क्राइम सीन इन्वेस्टिगेटर: अपराध स्थलों का निरीक्षण और साक्ष्य संग्रह।
फोरेंसिक केमिस्ट: रासायनिक साक्ष्यों का विश्लेषण और पहचान।
फोरेंसिक बायोलॉजिस्ट: जैविक साक्ष्यों का विश्लेषण और डीएनए प्रोफाइलिंग।
टॉक्सिकोलॉजिस्ट: विषविज्ञान और जहरीले पदार्थों का विश्लेषण।
डिजिटल फोरेंसिक एनालिस्ट: डिजिटल उपकरणों से साक्ष्य संग्रह और विश्लेषण।
फोरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ: फोरेंसिक मेडिसिन के सिद्धांत और प्रक्रियाएं।
फायर आर्म्स एनालिस्ट: आग्नेयास्त्रों और विस्फोटक साक्ष्यों का विश्लेषण।
फोरेंसिक साइकोलॉजिस्ट: अपराधी की मानसिक स्थिति और प्रोफाइलिंग।
एडमिशन प्रक्रिया
बी.एससी (फोरेंसिक साइंस) में प्रवेश के लिए छात्रों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं (जैसे राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाएं) में उत्तीर्ण होना पड़ता है। इसके अलावा, कुछ निजी विश्वविद्यालय अपने स्वयं के प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं। योग्यता और मार्क्स के आधार पर चयन किया जाता है।
निष्कर्ष
बी.एससी (फोरेंसिक साइंस) छात्रों को फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में अत्यधिक ज्ञान और कौशल प्रदान करता है। यह कोर्स न केवल तकनीकी ज्ञान विकसित करता है, बल्कि छात्रों को अपराधों की जांच और साक्ष्यों के विश्लेषण के लिए तैयार भी करता है। आज के युग में, फोरेंसिक विज्ञान के विशेषज्ञों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह कोर्स करियर की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
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