वहीं उच्च तकनीक वाले ग्रीन हाउस, इन-हाउस रिसर्च और ऑफ-सीजन की खेती ने हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में नयी संभावनाएं विकसित की हैं। यही वजह है कि आज भारत दुनिया में फलों और सब्जियों के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है।
क्या है हॉर्टिकल्चर (What is Horticulture)
हॉर्टिकल्चर को एग्रीकल्चर की एक विशेष शाखा कहा जाता है। हॉर्टिकल्चर में अनाज, फल, मसाला, सब्जियां, फूल, सजावटी पेड़ और औषधीय आदि की खेती की जाती है। हॉर्टिकल्चर कला, विज्ञान एवं तकनीक का सम्मिश्रण है। इसमें खाद्य और अखाद्य दोनों तरह की फसलों का अध्ययन शामिल है। खाद्य फसलों में फल, सब्जी और अनाज एवं अखाद्य फसलों में फूल और पौधे आदि आते हैं। हॉर्टिकल्चर में पौधों के फसल उत्पादन से लेकर मिट्टी की तैयारी, पौधे की प्रजनन और आनुवंशिक इंजीनियरिंग, पौधे की जैव रसायन और पादप शरीर क्रिया विज्ञान आदि शामिल है।
जरूरी एजुकेशन (Education required for Horticulture)
अगर आप इस क्षेत्र में आना चाहते हैं तो आपकी एजुकेशन इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस प्रकार के हॉर्टिकल्चर में रूचि रखते हैं। इस क्षेत्र में प्रवेश स्नातक स्तर से शुरू होता है। जिन उम्मीदवारों ने भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित, जीव विज्ञान, कृषि के साथ विज्ञान स्ट्रीम के साथ 12वीं की परीक्षा पास किया है, तो आप अपने विषय के अनुसार हॉर्टिकल्चर में स्नातक की डिग्री के लिए एक अलग विषय के रूप में या बीएससी कृषि विज्ञान विषय के रूप में चयन कर सकते हैं। वहीं डिप्लोमा कार्यक्रम करने के लिए एक ही मूल योग्यता आवश्यक है। छात्र हॉर्टिकल्चर में बीएससी करने के बाद एमएससी भी कर सकता है। कई संस्थान हॉर्टिकल्चर में चार वर्षीय बीटेक प्रोग्राम भी संचालित करते हैं।
कुछ कॉलेज बैचलर कोर्स में एडमिशन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से, तो कुछ स्कोर के आधार पर देते हैं। हॉर्टिकल्चर कोर्स के अंतर्गत प्लांट प्रोपगेशन, प्लांट ब्रीडिंग, प्लांट मटेरियल, टिशू कल्चर, क्रॉप प्रोडक्शन, क्रॉप न्यूट्रिशन, प्लांट पैथोलॉजी, पोस्ट-हार्वेस्ट हैंडलिंग, इकोनॉमिक्स, एग्री-बिजनेस जैसे विषयों का अध्ययन कराया जाता है।
जरूरी स्किल्स
अगर आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो आपमें प्रकृति के प्रति प्रेम की भावना होना जरूरी है। इसके अलावा छात्रों में सीखने के लिए उत्साह और प्रेरणा देने की क्षमता, गहन एकाग्रता के साथ लंबे समय तक काम करना और एक उत्सुक विश्लेषणात्मक मन होना चाहिए। उनके भीतर पौधों में रोग के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए बागवानी विशेषज्ञों में व्यावहारिक क्षमता, अवलोकन की अच्छी शक्तियां होनी चाहिए। सामान्य तौर पर, बागवानी विशेषज्ञों को अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने और समस्याओं को हल करने में रचनात्मक होने की आवश्यकता होती है।
करियर बनाने की संभावना (Career Prospect)
कोर्स पूरा करने के बाद आप विभिन्न सरकारी निकायों, जैसे- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, आईएआरआई, सीएसआईआर, एनबीआरआई, एपीईडी में हॉर्टिकल्चरिस्ट के तौर पर कार्य कर सकते हैं। वहीं अगर आपने हॉर्टिकल्चर में नेट परीक्षा पास कर या पीएचडी कर के एग्रीकल्चर कॉलेज में लेक्चरर या असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नौकरी शुरू कर सकते हैं या रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। हॉर्टिकल्चर की पढ़ाई के बाद उद्यान अधिकारी, कृषि अधिकारी, तकनीकी अधिकारी, फल व सब्जी निरीक्षक, उद्यान पर्यवेक्षक, कृषि विकास अधिकारी, हॉर्टिकल्चर स्पेशलिस्ट, फ्रूट-वेजिटेबल इंस्पेक्टर के तौर पर आगे बढ़ने के मौके मौजूद हैं।
कोर्स के लिए कुछ प्रमुख संस्थान (Best Institutes For The Course)
श्रीराम कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, महाराष्ट्र (Shri Ram College of Agriculture, Maharashtra)
हार्टिकल्चरल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, तमिलनाडु (Horticultural College and Research Institute, Tamil Nadu)
नालंदा कॉलेज ऑफ हार्टिकल्चर, नालंदा (Nalanda College of Horticulture, Nalanda)
देशभगत यूनिवर्सिटी, पंजाब (Deshbhagat University, Punjab)
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना (Punjab Agricultural University, Ludhiana)
आईटीएम यूनिवर्सिटी, ग्वालियर (ITM University, Gwalior)
जरूरी स्किल्स
अगर आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो आपमें प्रकृति के प्रति प्रेम की भावना होना जरूरी है। इसके अलावा छात्रों में सीखने के लिए उत्साह और प्रेरणा देने की क्षमता, गहन एकाग्रता के साथ लंबे समय तक काम करना और एक उत्सुक विश्लेषणात्मक मन होना चाहिए। उनके भीतर पौधों में रोग के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए बागवानी विशेषज्ञों में व्यावहारिक क्षमता, अवलोकन की अच्छी शक्तियां होनी चाहिए। सामान्य तौर पर, बागवानी विशेषज्ञों को अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने और समस्याओं को हल करने में रचनात्मक होने की आवश्यकता होती है।
करियर बनाने की संभावना (Career Prospect)
कोर्स पूरा करने के बाद आप विभिन्न सरकारी निकायों, जैसे- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, आईएआरआई, सीएसआईआर, एनबीआरआई, एपीईडी में हॉर्टिकल्चरिस्ट के तौर पर कार्य कर सकते हैं। वहीं अगर आपने हॉर्टिकल्चर में नेट परीक्षा पास कर या पीएचडी कर के एग्रीकल्चर कॉलेज में लेक्चरर या असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नौकरी शुरू कर सकते हैं या रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। हॉर्टिकल्चर की पढ़ाई के बाद उद्यान अधिकारी, कृषि अधिकारी, तकनीकी अधिकारी, फल व सब्जी निरीक्षक, उद्यान पर्यवेक्षक, कृषि विकास अधिकारी, हॉर्टिकल्चर स्पेशलिस्ट, फ्रूट-वेजिटेबल इंस्पेक्टर के तौर पर आगे बढ़ने के मौके मौजूद हैं।
कोर्स के लिए कुछ प्रमुख संस्थान (Best Institutes For The Course)
श्रीराम कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, महाराष्ट्र (Shri Ram College of Agriculture, Maharashtra)
हार्टिकल्चरल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, तमिलनाडु (Horticultural College and Research Institute, Tamil Nadu)
नालंदा कॉलेज ऑफ हार्टिकल्चर, नालंदा (Nalanda College of Horticulture, Nalanda)
देशभगत यूनिवर्सिटी, पंजाब (Deshbhagat University, Punjab)
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