एनर्जी इंजीनियरिंग का कोर्स इन दिनों काफी पॉपुलर हो रहा है। यदि भविष्य की बात करें, तो इसकी मांग आगे भी बनी रहेगी। यदि आप इससे संबंधित कोर्स कर लेते हैं, तो करियर के लिहाज से बेहतर हो सकता है।
योग्यता व कोर्स
इस क्षेत्र में करियर की संभावनाएं तलाशने वाले छात्रों को बीई या बीटेक करने के लिए 12वीं में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व गणित होना आवश्यक है। अगर आप चाहें, तो बीटेक करने के बाद एमटेक भी कर सकते हैं। अधिकतर संस्थानों में एडमिशन प्रवेश परीक्षाओं द्वारा दिया जाता है। वैसे एनर्जी में दक्षता या स्पेशलाइजेशन अंडर ग्रेजुएट स्तर पर उतना लोकप्रिय नहीं है, जितना पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर। मास्टर्स कोर्स में ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों और ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों में सुधार पर अधिक जोर दिया जाता है।
संभावनाएं
जलवायु में बदलाव और ग्लोबल वार्मिंग के बारे में बढी जागरूकता के चलते नौकरियों के बाजार में ऊर्जा इंजीनियरिंग की बहुत मांग है। विभिन्न सरकारी संस्थानों, खासकर विभिन्न राज्यों की नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसियों में प्रशिक्षित कर्मचारियों की काफी मांग है। सरकार ने उद्योगों के लिए अब ऊर्जा ऑडिटिंग, ऊर्जा सरंक्षण और ऊर्जा प्रबंधन में स्पेशलाइजेशन करने वालों की नियुक्ति को भी अनिवार्य कर दिया है।
कार्य
एक एनर्जी इंजीनियर सिर्फ ऊर्जा के व्यावसायिक उपयोग को ही नहीं समझता, अपितु ऊर्जा खपत के पैटर्न का अनुमान भी लगाता है। करियर काउंसलर मीनाक्षी ठक्कर बताती हैं कि एक सफल एनर्जी इंजीनियर बनने के लिए तार्किक व विश्लेषणात्मक होना जरूरी है। इस क्षेत्र में बहुत अधिक लोगों से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं पडती, इसलिए एक अंतर्मुखी व्यक्ति भी आसानी से एनर्जी इंजीनियर बन सकता है। साथ ही आपको कई बार बाहर भी जाना पड सकता है, इसलिए आपको घर से दूर रहने की भी आदत डालनी पडेगी। इसके अतिरिक्त आपको धैर्यशील व हमेशा अपडेट रहना चाहिए।
क्या कहती है रिपोर्ट
एनर्जी इंजीनियर के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं, विदेश में भी काफी स्कोप है।
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