आसमान में लाखों जगमगाते एवं टिमटिमाते तारों को निहारना दिमाग को सुकून से भर देता है। इन्हें देखने पर मन में यही आता है कि अगली रात में पुन: आने का वायदा कर जगमगाते हुए ये सितारे आखिर कहां से आते हैं और कहां गायब हो जाते हैं? हालांकि, इसी तरह के कई अन्य सवालों जैसे उल्कावृष्टि, ग्रहों की गति एवं इन पर जीवन जैसे रहस्यों से ओत-प्रोत बातें सोचकर व्यक्ति खामोश रह जाता है। एस्ट्रोनॉमी (Astronomy) या खगोल विज्ञान वह करियर है, जो इन सभी रहस्यों, सवालों एवं गुत्थियों को सुलझाता है। अगर आप ब्रह्मांड (Universe) के रहस्यों से दो-चार होकर अंतरिक्ष को छूना चाहते हैं तो यह करियर आपके लिए बेहतर है। वैसे भी कल्पना चावला (Kalpana Chawla), राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) तथा सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) जैसे प्रतिभावान एस्ट्रोनॉट (Astronaut) के कारण आज यह करियर युवाओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।
एस्ट्रोनॉमी (Astronomy) क्या है
एस्ट्रोनॉमी (Astronomy) वह विज्ञान है, जो पृथ्वी के वातावरण से परे अंतरिक्ष (Space) से संबंधित है। यह ब्रह्मांड में उपस्थित खगोलीय पिंडों (Celestial Bodies) की गति, प्रकृति और संघटन का शास्त्र है। साथ ही इनके इतिहास और संभावित विकास हेतु प्रतिपादित नियमों का अध्ययन भी है। यह एस्ट्रोलॉजी (Astrology) या ज्योतिष विज्ञान जिसमें सूर्य, चंद्र और विभिन्न ग्रहों द्वारा व्यक्ति के चरित्र, व्यक्तित्व एवं भविष्य पर पडने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाता है, से पूरी तरह से अलग शास्त्र है। अत्याधुनिक तकनीक एवं गैजेट्स के प्रयोग ने हालांकि एस्ट्रोनॉमी को एक विशिष्ट विधा बना दिया है, परंतु वास्तव में यह बहुत ही पुरानी विधा है। प्राचीन काल से ही मानव ग्रहों (Human Planet) एवं अंतरिक्ष पिंडों (Space Bodies) का अध्ययन करता रहा है, जिनमें आर्यभट्ट (Aryabhatta), भास्कराचार्य (Bhaskaracharya), गैलीलियो (Galileo) और आइजक न्यूटन (Isaac Newton) जैसे महान गणितज्ञों एवं खगोलशास्त्रियों (Astronomers) का महत्वपूर्ण योगदान है। एस्ट्रोनॉमी में अंतरिक्ष पिंडों के बारे में जानकारी संग्रह करने के बाद उपलब्ध आंकडों से तुलना कर निष्कर्ष निकाला जाता है तथा पुराने सिद्घांतों को संशोधित कर नए नियम प्रतिपादित किए जाते हैं।
एस्ट्रोनॉमी (Astronomy) वह विज्ञान है, जो पृथ्वी के वातावरण से परे अंतरिक्ष (Space) से संबंधित है। यह ब्रह्मांड में उपस्थित खगोलीय पिंडों (Celestial Bodies) की गति, प्रकृति और संघटन का शास्त्र है। साथ ही इनके इतिहास और संभावित विकास हेतु प्रतिपादित नियमों का अध्ययन भी है। यह एस्ट्रोलॉजी (Astrology) या ज्योतिष विज्ञान जिसमें सूर्य, चंद्र और विभिन्न ग्रहों द्वारा व्यक्ति के चरित्र, व्यक्तित्व एवं भविष्य पर पडने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाता है, से पूरी तरह से अलग शास्त्र है। अत्याधुनिक तकनीक एवं गैजेट्स के प्रयोग ने हालांकि एस्ट्रोनॉमी को एक विशिष्ट विधा बना दिया है, परंतु वास्तव में यह बहुत ही पुरानी विधा है। प्राचीन काल से ही मानव ग्रहों (Human Planet) एवं अंतरिक्ष पिंडों (Space Bodies) का अध्ययन करता रहा है, जिनमें आर्यभट्ट (Aryabhatta), भास्कराचार्य (Bhaskaracharya), गैलीलियो (Galileo) और आइजक न्यूटन (Isaac Newton) जैसे महान गणितज्ञों एवं खगोलशास्त्रियों (Astronomers) का महत्वपूर्ण योगदान है। एस्ट्रोनॉमी में अंतरिक्ष पिंडों के बारे में जानकारी संग्रह करने के बाद उपलब्ध आंकडों से तुलना कर निष्कर्ष निकाला जाता है तथा पुराने सिद्घांतों को संशोधित कर नए नियम प्रतिपादित किए जाते हैं।
शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification)
यदि आप भी अंतरिक्ष की रहस्यमय और रोमांचक दुनिया में कदम रखना चाहते हैं, तो एस्ट्रोनॉमी (Astronomy) का कोर्स कर सकते हैं। फिजिक्स या मैथमेटिक्स से स्नातक पास स्टूडेंट्स थ्योरेटिकल एस्ट्रोनॉमी (Theoretical Astronomy) के कोर्स में एंट्री ले सकते हैं। इंस्ट्रूमेंटेशन/ एक्सपेरिमेंटल एस्ट्रोनॉमी में प्रवेश के लिए बीई (बैचलर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक/ इलेक्ट्रिकल/ इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन) की डिग्री जरूरी है। यदि आप पीएचडी कोर्स (फिजिक्स, थ्योरेटिकल व ऑब्जर्वेशनल एस्ट्रोनॉमी, एटमॉस्फेरिक ऐंड स्पेस साइंस आदि) में प्रवेश लेना चाहते हैं, तो ज्वाइंट एंट्रेंस स्क्रीनिंग टेस्ट-जेईएसटी (Joint Entrance Screening Test) से गुजरना होगा। इस एग्जाम में बैठने के लिए फिजिक्स में मास्टर डिग्री या फिर इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री जरूरी है। यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे (University of Pune) में स्पेस साइंस में एमएससी कोर्स उपलब्ध है। बेंगलुरु यूनिवर्सिटी (Bangalore University) और कालीकट यूनिवर्सिटी (University of Calicut) से एस्ट्रोनॉमी में एमएससी कोर्स कर सकते हैं।
यदि आप भी अंतरिक्ष की रहस्यमय और रोमांचक दुनिया में कदम रखना चाहते हैं, तो एस्ट्रोनॉमी (Astronomy) का कोर्स कर सकते हैं। फिजिक्स या मैथमेटिक्स से स्नातक पास स्टूडेंट्स थ्योरेटिकल एस्ट्रोनॉमी (Theoretical Astronomy) के कोर्स में एंट्री ले सकते हैं। इंस्ट्रूमेंटेशन/ एक्सपेरिमेंटल एस्ट्रोनॉमी में प्रवेश के लिए बीई (बैचलर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक/ इलेक्ट्रिकल/ इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन) की डिग्री जरूरी है। यदि आप पीएचडी कोर्स (फिजिक्स, थ्योरेटिकल व ऑब्जर्वेशनल एस्ट्रोनॉमी, एटमॉस्फेरिक ऐंड स्पेस साइंस आदि) में प्रवेश लेना चाहते हैं, तो ज्वाइंट एंट्रेंस स्क्रीनिंग टेस्ट-जेईएसटी (Joint Entrance Screening Test) से गुजरना होगा। इस एग्जाम में बैठने के लिए फिजिक्स में मास्टर डिग्री या फिर इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री जरूरी है। यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे (University of Pune) में स्पेस साइंस में एमएससी कोर्स उपलब्ध है। बेंगलुरु यूनिवर्सिटी (Bangalore University) और कालीकट यूनिवर्सिटी (University of Calicut) से एस्ट्रोनॉमी में एमएससी कोर्स कर सकते हैं।
एस्ट्रोनॉमी के प्रकार (Type of Astronomy)
एस्ट्रोनॉमी में वैज्ञानिक तरीकों से तारे (Stars), ग्रह (Planets), धूमकेतु (Comets) आदि के बारे में अध्ययन किया जाता है। साथ ही पृथ्वी (Earth) के वायुमंडल के बाहर किस तरह की गतिविधियां हो रही हैं, यह भी जानने की कोशिश की जाती है। इसकी कई ब्रांचेज हैं..
एस्ट्रोनॉमी में वैज्ञानिक तरीकों से तारे (Stars), ग्रह (Planets), धूमकेतु (Comets) आदि के बारे में अध्ययन किया जाता है। साथ ही पृथ्वी (Earth) के वायुमंडल के बाहर किस तरह की गतिविधियां हो रही हैं, यह भी जानने की कोशिश की जाती है। इसकी कई ब्रांचेज हैं..
एस्ट्रोकेमिस्ट्री (Astrochemistry): इसमें केमिकल कॉम्पोजिशन (Chemical Composition) के बारे में अध्ययन किया जाता है। साथ ही विशेषज्ञ स्पेस में पाए जाने वाले रासायनिक तत्व के बारे में गहन अध्ययन कर जानकारियां एकत्र करते हैं।
एस्ट्रोमैटेरोलॉजी (Astro Meteorology): एस्ट्रोनॉमी के इस हिस्से में खगोलीय चीजों की स्थिति और गति के बारे में जानकारी जुटाई जाती है। साथ ही, यह भी जानने की कोशिश की जाती है कि खगोलीय चीजों का पृथ्वी के वायुमंडल पर किस तरह का प्रभाव पडता है। यदि आप वायुमंडल पर पडने वाले खगोलीय प्रभाव को ठीक से समझ गये और इस विद्या का डीप अध्ययन कर लिया तो आपकी डिमांड का ग्राफ बढ जाएगा।
एस्ट्रोफिजिक्स (Astrophysics): इसके अंतर्गत खगोलीय चीजों की फिजिकल प्रॉपर्टी के बारे में अध्ययन किया जाता है। खगोलीय फिजिकल प्रॉपर्टी को समझना इतना आसान नहीं होता, जितना लोग समझते हैं। इसे समझने में अध्ययन कर रहे स्टूडेंटस को सालों गुजर जाते हैं।
एस्ट्रोजिओलॉजी (Astrogeology): इसके तहत ग्रहों की संरचना और कॉम्पोजिशन के बारे स्टडी की जाती है। इस क्षेत्र के विशेषज्ञ आप तभी बन सकेंगे जब ग्रहों की तह में जाकर गहन अध्ययन करेंगे। एकाग्रचित होकर की गयी सिस्टमेटिक पढाई ही ग्रहों के फार्मूलों के करीब ले जाएगी। इसे समझने के लिए सोलर सिस्टम, प्लेनेट, स्टार, सेटेलाइट आदि का डीप अध्ययन जरूरी है।
एस्ट्रोबायोलॉजी (Astrobiology): पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर भी जीवन है? इस बात की पडताल एस्ट्रोबायोलॉजी के अंतर्गत किया जाता है। एस्ट्रोबायोलॉजी के जानकार ही वायुमंडल के बाहर जीवन होने के रहस्य से पर्दा उठा सकते हैं, इसके पीछे छुपी होती है उनकी वर्षो की तपस्या।
एस्ट्रोबायोलॉजी (Astrobiology): पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर भी जीवन है? इस बात की पडताल एस्ट्रोबायोलॉजी के अंतर्गत किया जाता है। एस्ट्रोबायोलॉजी के जानकार ही वायुमंडल के बाहर जीवन होने के रहस्य से पर्दा उठा सकते हैं, इसके पीछे छुपी होती है उनकी वर्षो की तपस्या।
संभावनाएं (Opportunities)
एस्ट्रोनॉमी का कोर्स पूरा करने के बाद विकल्पों की कमी नहीं रहती है। यदि सरकारी संस्थाओं की बात करें, तो इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (Indian Space Research Organisation), नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स पुणे (National Centre for Radio Astrophysics), फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी अहमदाबाद (Physical Research Laboratory), विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (Vikram Sarabhai Space Center), स्पेस फिजिक्स लेबोरेटरीज, स्पेस ऐप्लिकेशंस सेंटर, इंडियन रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन बेंगलुरु, एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया आदि में नौकरी की तलाश कर सकते हैं। यदि रिसर्च के क्षेत्र में कुछ वर्षो का अनुभव हासिल कर लें, तो अमेरिका की नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) जैसी संस्थाओं में नौकरी हासिल कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त समय-समय पर विभिन्न देशों में आयोजित सेमिनार एवं गोष्ठियों में हिस्सा लेने का भी अवसर प्राप्त होता है।
एस्ट्रोनॉमी का कोर्स पूरा करने के बाद विकल्पों की कमी नहीं रहती है। यदि सरकारी संस्थाओं की बात करें, तो इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (Indian Space Research Organisation), नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स पुणे (National Centre for Radio Astrophysics), फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी अहमदाबाद (Physical Research Laboratory), विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (Vikram Sarabhai Space Center), स्पेस फिजिक्स लेबोरेटरीज, स्पेस ऐप्लिकेशंस सेंटर, इंडियन रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन बेंगलुरु, एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया आदि में नौकरी की तलाश कर सकते हैं। यदि रिसर्च के क्षेत्र में कुछ वर्षो का अनुभव हासिल कर लें, तो अमेरिका की नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) जैसी संस्थाओं में नौकरी हासिल कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त समय-समय पर विभिन्न देशों में आयोजित सेमिनार एवं गोष्ठियों में हिस्सा लेने का भी अवसर प्राप्त होता है।
सैलरी (Salary)
शोध के दौरान जूनियर रिसर्चर (Junior Researcher) को 8 हजार एवं सीनियर रिसर्चर (Senior Researcher) को 9 हजार रूपये मिलते हैं। हॉस्टल में रहने-खाने, चिकित्सा तथा ट्रैवल की सुविधा संस्थान द्वारा दी जाती है। साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार एवं कांफे्रंस में भाग लेने का भी मौका मिलता है। शोध पूरा करने के पश्चात् विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में वैज्ञानिक एवं एस्ट्रोनामर या एस्ट्रोनाट के पद पर उच्च वेतनमान के साथ अन्य उत्कृष्ट सुविधाएं भी मिलती हैं।
शोध के दौरान जूनियर रिसर्चर (Junior Researcher) को 8 हजार एवं सीनियर रिसर्चर (Senior Researcher) को 9 हजार रूपये मिलते हैं। हॉस्टल में रहने-खाने, चिकित्सा तथा ट्रैवल की सुविधा संस्थान द्वारा दी जाती है। साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार एवं कांफे्रंस में भाग लेने का भी मौका मिलता है। शोध पूरा करने के पश्चात् विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में वैज्ञानिक एवं एस्ट्रोनामर या एस्ट्रोनाट के पद पर उच्च वेतनमान के साथ अन्य उत्कृष्ट सुविधाएं भी मिलती हैं।
कहां से करें कोर्स (Course)
रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट, सीवी रमन एवेन्यू, बेंगलुरू
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स,
फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी, अहमदाबाद
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुम्बई
रेडियो एस्ट्रोनॉमी सेंटर, तमिलनाडु
उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, मदुरै, तमिलनाडु
पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला, पंजाब
महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोट्टयम, केरला
रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट, सीवी रमन एवेन्यू, बेंगलुरू
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स,
फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी, अहमदाबाद
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुम्बई
रेडियो एस्ट्रोनॉमी सेंटर, तमिलनाडु
उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, मदुरै, तमिलनाडु
पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला, पंजाब
महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोट्टयम, केरला
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