आजकल अपराधिक घटनओं में लगातार इजाफा हो रहा है। लेकिन अपराधी कितने
भी शातिर क्यों न हों, वे कोई न कोई सुराग छोड ही जाते हैं। और इन्हीं
सूक्ष्म से सूक्ष्म साक्ष्य के सहारे फोरेंसिक एक्सपर्ट अपराधियों को
बेनकाब करने में सफल हो जाते हैं। फोरेंसिक एक्सपर्ट विज्ञान के
सिद्धांतों और नई तकनीकों का उपयोग करते हुए क्राइम का इन्वेस्टिगेशन करते
हैं। इसके लिए एक्सपर्ट ब्लड, बॉडी फ्लूड, हेयर, फिंगरप्रिंट, फूटप्रिंट,
टिशू आदि की मदद लेते हैं। आमतौर पर फोरेंसिक एक्सपर्ट पुलिस के साथ मिल
कर ही काम करते हैं।
हाल के वर्षो में कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों में भी फोरेंसिक साइंस
से संबंधित कोर्स शुरू हो गए हैं, जो कि कुछ वर्ष पहले तक नहीं था। इससे
यही जाहिर होता है कि आज इस कोर्स की बहुत ज्यादा पॉपुलरिटी है। अमूमन
गवर्नमेंट कॉलेजों या विश्वविद्यालयों में फोरेंसिक साइंस से संबंधित
कोर्स की फीस प्राइवेट इंस्टीटयूट की तुलना में काफी कम होती है, लेकिन इन
दिनों जिस तरह से आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हो रही है, उससे फोरेंसिक
एक्सपर्ट्स की डिमांड काफी बढ गई है।
इनके लिए रोजगार के अवसरों की अब कोई कमी नहीं है। गवर्नमेंट सेक्टर
के साथ-साथ प्राइवेट संस्थानों में भी नौकरी की भरपूर संभावनाएं मौजूद
हैं। आज करीब-करीब हर राज्य में फोरेंसिक लैब हैं। केवल यही नहीं, रीजनल
और मोबाइल लैब्स की संख्या भी बढती जा रही है। वैसे, कुछ लैब में फोरेंसिक
से जुडे स्टूडेंट्स को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर भी रखा जाने लगा है। ऐसे में
इस क्षेत्र से जुडे लोगों के लिए रोजगार की फिलहाल कोई समस्या नहीं है।
खास बात यह है कि इन दिनों इस प्रोफेशन के प्रति युवाओं में बेहद क्रेज
देखा जा रहा है।
कैसे मिलेगी एंट्री
फोरेंसिक साइंस में एंट्री के लिए साइंस बैकग्राउंड का होना जरूरी
है। यदि आप साइंस सब्जेक्ट से 10+2 कर चुके हैं, तो फोरेंसिक साइंस में
ग्रेजुएशन कर सकते हैं। ग्रेजुएशन के बाद फोरेंसिक साइंस और क्रिमिनोलॉजी
में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में भी एंट्री ले सकते हैं। फोरेंसिक साइंस
से मास्टर डिग्री कोर्स करने के लिए स्नातक में फिजिक्स, केमिस्ट्री,
जूलोजी, बॉटनी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, बी.फार्मा, बीडीएस और
अप्लायड साइंस में से किसी एक में 60 प्रतिशत अंक होना जरूरी है। इसके
अलावा, फोरेंसिक स्पेशलिस्ट (जो मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए
पोस्टमार्टम करते हैं) बनने के लिए एमबीबीएस की डिग्री जरूरी है। इसके बाद
फोरेंसिक साइंस में एमडी भी कर सकते हैं।
प्रमुख उपलब्ध कोर्स
देश में प्रमुख शिक्षण संस्थानों में फोरेंसिक साइंस से जुडे कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं :
u डिप्लोमा इन फोरेंसिक साइंस ऐंड क्रिमिनोलॉजी
u बीएससी इन फोरेंसिक साइंस
u पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन क्रिमिनोलॉजी ऐंड पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन
u एमएससी इन फोरेंसिक साइंस
u एमएससी इन क्रिमिनोलॉजी ऐंड फोरेंसिक साइंस
u एमएससी इन साइबर फोरेंसिक्स ऐंड इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी
u एमए क्रिमिनोलॉजी ऐंड क्रिमिनल जस्टिस।
कहां मिलेगी नौकरी
फोरेंसिक एक्सपर्ट के लिए गवर्नमेंट और प्राइवेट ऑर्गनाइजेशन में जॉब
की अच्छी संभावनाएं हैं। यदि गवर्नमेंट एजेंसी की बात करें, तो फोरेंसिक
साइंटिस्ट के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ
इंवेस्टिगेशन (सीबीआई), स्टेट पुलिस फोर्स के क्राइम सेल में, गवर्नमेंट व
स्टेट फोरेंसिक लैब, प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी आदि में काम करने का
भरपूर मौका है। इसके अलावा, फोरेंसिक टीचर के रूप में भी करियर बनाने का
भरपूर अवसर होता है। वैसे, गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन में फोरेंसिक एक्सपर्ट
को तकरीबन आठ से 10 हजार रुपये प्रति माह शुरू में सैलॅरी मिल जाती है।
हालांकि, प्राइवेट एजेंसी में फोरेंसिक एक्सपर्ट की सैलॅरी आकर्षक होती
है।
फोरेंसिक साइंस में स्पेशलाइज्ड फील्ड
इस क्षेत्र में आप निम्न क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं :
क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन, फोरेंसिक पैथोलॉजी/ मेडिसिन, फोरेंसिक
एंथ्रोपालॉजी, फोरेंसिक डेंटिस्ट्री, क्लिनिकल फोरेंसिक मेडिसिन, फोरेंसिक
एंटोमोलॉजी, फोरेंसिक सेरालॉजी, फोरेंसिक केमिस्ट, फोरेंसिक इंजीनियर,
फोरेंसिक आर्टिस्ट व स्कल्पचर, टॉक्सिकोलॉजी आदि।
शिक्षण संस्थान
u इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस ऐंड क्रिमिनोलॉजी, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी
u डिपार्टमेंट ऑफ फोरेंसिक साइंस, पंजाब यूनिवर्सिटी
u दिल्ली यूनिवर्सिटी
u डॉ. भीमराव अम्बेदकर यूनिवर्सिटी, आगरा
u लोक नायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी ऐंड फोरेंसिक साइंस, दिल्ली
u गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
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