शेयर बाजार सिर्फ शेयरों में निवेश और लाभ कमाने की इच्छा तक ही सीमित नहीं है। यहां आप रिलेशनशिप मैनेजर से शुरुआत करके टेक्निकल एनालिस्ट तक का सफर तय कर सकते हैं और अपना भविष्य बेहतर बना सकते हैं।
शेयर बाजार में केवल निवेश के जरिए पैसे कमाने का ही अवसर नहीं है, बल्कि अब आप अपने सपनों को करियर का आकार भी दे सकते हैं। मौजूदा समय में रिलायंस कैपिटल, एंजेल ब्रोकिंग, रेलीगेयर, शेयरखान, यूनिकॉन सॉल्युशन, कार्वी और भारती इन्वेस्टमेंट जैसी कई बड़ी कंपनियां हैं, जहां रोजगार के ढेरों मौके हैं। आने वाले दिनों में मुकेश अंबानी जैसे और कई दिग्गज एस्सेट मैनेजमेंट और इक्विटी बाजार में कदम रखने वाले हैं। इसके अलावा पिछले कुछ सालों से विदेशी संस्थागत निवेशक (एफएफआई) भी भारतीय शेयर बाजारों में खूब पैसा लगा रहे हैं। यानी इक्विटी मार्केट, म्युचअल फंड, कमोडिटी बाजार, करेंसी बाजार का और विस्तार होगा। जाहिर है इसे देखते हुए इस क्षेत्र में और बूम आएगा और प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ेगी।
इस क्षेत्र में रिलेशनशिप मैनेजर, पोर्टफोलियो मैनेजर, टेक्निकल एंड फंडामेंटल एनालिस्ट, ट्रेडर और डीलर की मांग बढ़ेगी। अगर आप एमबीए हैं तो भी यह क्षेत्र मुफीद रहेगा। बीएनपी फिनकॉर्प के सीईओ एके निगम का मानना है कि इस क्षेत्र में आने वाले प्रोफेशनल्स को बेसिक सर्टिफेकेशन कोर्स करना तो जरूरी है ही, साथ ही यह भी देखें कि आपका रुझान किस तरफ है। आप इक्विटी मार्केट में जाना चाहते हैं कि कमोडिटी बाजार में या म्युचुअल फंड में। सबसे पहले तो आपको बीएसई या एनएसई से एनसीएफएम के पेपर क्लियर करने होंगे, यानी अगर आप कमोडिटी में कदम रख रहे हैं तो कमोडिटी का पेपर पास करना होगा। सर्टिफिकेशन कोर्स करके आप किसी ब्रोकरेज कंपनी में बतौर रिलेशनशिप मैनेजर जॉब शुरू कर सकते हैं। लेकिन अगर आपको इस क्षेत्र में और आगे जाना है तो प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट पर भी ध्यान देना होगा। यानी फंडामेटल एनालिस्ट बनने के लिए कंपनियों की नेटवर्थ किस क्षेत्र में है, उस क्षेत्र का भविष्य क्या है, कंपनियों की भावी योजनाओं के बारे में मूलभूत जानकारी आदि बातें जानना जरूरी है। टेक्निकल एनालिसिस पर भी ध्यान देना होगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में आपको रोजाना अपडेट रहने की जरूरत है कि कंपनी कौन सा नया प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है और वह उस पर कितना निवेश करेगी। इसके अलावा विदेशी शेयर बाजार, कच्चे तेल की कीमतें भी घरेलू शेयर बाजार की दिशा तय करती हैं, इनकी समझ भी जरूरी है।
रिलेशनशिप मैनेजर से होगी शुरुआत
अगर आप इस क्षेत्र में करियर बनाने जा रहे हैं तो सबसे पहले आपको रिलेशनशिप मैनेजर से शुरुआत करनी होगी। रिलेशनशिप मैनेजर का काम ग्राहकों को वित्तीय उत्पादों के बारे में जानकारी देना और डीमैट खोलना और केवाईसी (नो योर क्लाइंट) को पूरा करना होता है। इसमें कुछ ग्राहक ऑफिस आकर निवेश करते हैं तो कुछ मामलों में आपको संबधित व्यक्ति के घर जाकर फार्म भरना होगा। इस तरह से आपकी लोगों के प्रति जानकारी बढ़ेगी और कंपनी का विश्वास भी हासिल होने लगेगा। एक समय आपके पास निवेशकों की लंबी फेहरिस्त होगी। इसके बाद पोर्टफोलियो मैनेजर बन सकते हैं। इसके लिए आपकी इक्विटी, कमोडिटी, म्युचुअल और डेट मार्केट की गहरी समझ जरूरी है। तभी आप निवेशकों का पैसा सुरक्षित रख पाएंगे।
किसी एक क्षेत्र में निवेश करना बेहतर तरीका नहीं माना जा सकता। कोई भी पोर्टफोलियो बनाने के लिए उसमें इनका कॉम्बीनेशन जरूरी है। एक पोर्टफोलियो मैनेजर निवेशक के पैसे को डायवर्सिफाइड करके अच्छा रिटर्न दिलाने का काम करता है। यानी किसी क्षेत्र में गिरावट का दौर चल रहा है तो उसको दूसरे क्षेत्र से पूरा करना। एक संतुलित पोर्टफोलियो ही अच्छे पोर्टफोलियो मैनेजर की पहचान है। कुछ पोर्टफोलियो मैनेजर तो हर महीने 30 हजार से डेढ़ लाख रुपए प्रति महीने तक कमाते हैं।
इसी तरह से जब आप शेयर बाजार में कुछ साल काम कर लेते हैं तो कंपनियों के बारे में अच्छी-खासी जानकारी जुटा लेते हैं तो आप उस क्षेत्र का टेक्निकल एनालिसिस करने लगते हैं। आज टेक्निकल एनालिस्ट की बाजार में बहुत मांग है। अगर आपको बाजार के उतार-चढ़ाव की अच्छी-खासी समझ हो गई है तो आप खुद भी निवेश करके पैसा बना सकते हैं और अपना और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। यानी आपके दोनों हाथों में लड्डू होना तय है।
फैक्ट फाइल
स्टॉक बाजार में करियर के लिए कोर्स हैं अनेक
बीएसई (बांबे स्टॉक एक्सचेंज) ट्रेनिंग इंस्टीटय़ूट बीटीआई के नाम से जाना जाता है। यह पूंजी बाजार पर 3 महीने का पार्टटाइम सर्टिफिकेट प्रोग्राम -बीएसई सर्टिफिकेशन ऑन सिक्योरिटीज मार्केट्स (बीसीएसएम) जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के साथ मिल कर चलाता है। यह वित्तीय बाजार में काफी लोकप्रिय कार्यक्रम है। इसमें सफल होने वाले अभ्यर्थियों को मुंबई विश्वविद्यालय की ओर से सर्टिफिकेट मिलता है। यह कोर्स कोई भी ग्रेजुएट सब-ब्रोकर, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंट, पोर्टफोलियो मैनेजर, डिपॉजिटरीय प्रोफेशनल्स, डीपी बैंक, इंश्योरेंस कंपनियां, म्युचुअल फंड, कस्टोडियन, क्लीयरिंग हाउस और फाइनेंशियल इंस्टीटय़ूट एवं मैनेजमेंट के छात्र कर सकते हैं। अभ्यर्थी बीटीआई या क्षेत्रीय कार्यालयों में टेस्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कोर्स
एडवांस प्रोग्राम ऑन डेरिवेटिव्स
एडवांस प्रोग्राम ऑन स्टॉक मार्केट
अकाउंटिंग ऑफ फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट एंड डेरिवेटिव्स
अस्बा (एप्लीकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट)
बेसिक कोर्स ऑन स्टॉक मार्केट
कमोडिटी एंड कमोडिटी डेरिवेटिव्स
स्टॉक एनालिसिस
एडवांस प्रोग्राम ऑन स्टॉक मार्केट
अकाउंटिंग ऑफ फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट एंड डेरिवेटिव्स
अस्बा (एप्लीकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट)
बेसिक कोर्स ऑन स्टॉक मार्केट
कमोडिटी एंड कमोडिटी डेरिवेटिव्स
स्टॉक एनालिसिस
पूंजी बाजार से जुड़े करीब 40 कोर्स हैं। ज्यादा जानकारी के लिए बीएसई की वेबसाइट पर लॉगइन कर सकते हैं।
वेबसाइट: www.bseindia.com
वेबसाइट: www.bseindia.com
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की ओर से 1998 से सर्टिफिकेट कोर्स सर्टिफिकेशन इन फाइनेंशियल मार्केट्स (एनसीएफएम) कोर्स चलाया जा रहा है। आप ऑनलाइन टेस्ट देना चाहते हैं तो एनएसई की वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं। एनएसई ने देशभर के बड़े शहरों में अपने टेस्ट सेंटर बनाए हैं, इनके माध्यम से भी टेस्ट दे सकते हैं।
फाइनेंशियल मार्केट्स,
डेरिवेटिव्स मार्केट,
कैपिटल मार्केट,
सिक्योरिटीज मार्केट,
डेब्ट मार्केट,
करेंसी मार्केट,
डिपॉजिटरी
ऑपरेशंस मॉडय़ूल,
एएमएफआई (म्युचुअल फंड) मॉडय़ूल।
बेवसाइट : www.nseindia.com
डेरिवेटिव्स मार्केट,
कैपिटल मार्केट,
सिक्योरिटीज मार्केट,
डेब्ट मार्केट,
करेंसी मार्केट,
डिपॉजिटरी
ऑपरेशंस मॉडय़ूल,
एएमएफआई (म्युचुअल फंड) मॉडय़ूल।
बेवसाइट : www.nseindia.com
एक्सपर्ट व्यू
बाजार की समझ जरूरी
अतुल गुप्ता
ब्रांच हेड ब्रोकरेज फर्म रेलीगेयर
अतुल गुप्ता
ब्रांच हेड ब्रोकरेज फर्म रेलीगेयर
वैसे तो शेयर बाजार में काम करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सर्टिफिकेट प्रोग्राम 10+2 के बाद किए जा सकते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि पूंजी बाजार में करियर बनाने के लिए ग्रेजुएशन होना जरूरी है। केवल सर्टिफिकेट कोर्स करने से ही काम नहीं चल सकता। यह आपको किसी ब्रोकरेज कंपनी के साथ करियर शुरू करने का मौका तो देता है, लेकिन इस क्षेत्र में आने के लिए सबसे जरूरी चीजें हैं मेहनत, लगन और धैर्य।
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