Friday, June 13, 2025

एनवायरनमेंटल साइंटिस्ट में करियर: प्रकृति के रक्षक बनें

आज जब पर्यावरण संकट, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जैव विविधता में गिरावट जैसी समस्याएँ दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही हैं, ऐसे समय में एनवायरनमेंटल साइंटिस्ट (पर्यावरण वैज्ञानिक) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। ये वे लोग होते हैं जो धरती के पर्यावरण की रक्षा करने, प्रदूषण को नियंत्रित करने और सतत विकास की राह सुझाने में अहम भूमिका निभाते हैं।


इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि पर्यावरण वैज्ञानिक कौन होता है, उसकी जिम्मेदारियाँ क्या होती हैं, इस क्षेत्र में कैसे करियर बनाया जा सकता है, योग्यता, कोर्स, वेतन और भविष्य की संभावनाएं क्या हैं।


एनवायरनमेंटल साइंटिस्ट कौन होता है?


एनवायरनमेंटल साइंटिस्ट वह विशेषज्ञ होता है जो प्राकृतिक पर्यावरण, संसाधनों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान और विश्लेषण करता है। उसका मुख्य उद्देश्य होता है मानव गतिविधियों के कारण हो रहे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जल संकट और पारिस्थितिकीय असंतुलन से निपटने के उपाय ढूंढ़ना।


प्रमुख कार्य और जिम्मेदारियाँ


पर्यावरणीय डेटा एकत्र करना और विश्लेषण करना

जल, वायु, मृदा आदि से नमूने लेकर उनकी जांच करना

प्रदूषण स्तर की निगरानी करना

प्रदूषण नियंत्रण नीतियाँ बनाना

सरकार या उद्योगों को पर्यावरण-अनुकूल सलाह देना

ग्रीन टेक्नोलॉजी अपनाने की सिफारिश

प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन (EIA)

किसी भी परियोजना (जैसे डैम, फैक्ट्री, माइनिंग) से पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव का विश्लेषण करना

रिपोर्ट और सिफारिश तैयार करना

वैज्ञानिक रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन और पॉलिसी मेकर को सुझाव देना

सार्वजनिक जागरूकता अभियान

पर्यावरण संरक्षण के लिए समाज में जागरूकता फैलाना

शैक्षणिक योग्यता


1. स्नातक स्तर (Bachelor’s Degree):

B.Sc. इन Environmental Science / Biology / Chemistry / Geology / Agriculture

B.Tech इन Environmental Engineering / Civil Engineering

2. स्नातकोत्तर स्तर (Master’s Degree):

M.Sc. इन Environmental Science, Environmental Management, Climate Science

M.Tech इन Environmental Engineering

3. पीएच.डी. (Ph.D.):

उच्च स्तर के शोध और वैज्ञानिक पदों के लिए Ph.D. लाभकारी है

प्रमुख कोर्स


Bachelor of Environmental Science (3 साल)

B.Tech in Environmental Engineering (4 साल)

M.Sc. in Environmental Science (2 साल)

M.Tech in Environmental Engineering

Diploma / PG Diploma in Environmental Management, EIA, Sustainability

प्रमुख संस्थान


भारत में:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs)

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी

टेरी स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, नई दिल्ली

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU)

अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई

विदेश में:

Stanford University

Harvard University

University of Oxford

University of California, Berkeley

आवश्यक कौशल


तकनीकी कौशल   सॉफ्ट स्किल्स

GIS और रिमोट सेंसिंग समस्या सुलझाने की क्षमता

लैब परीक्षण और डेटा विश्लेषण   टीमवर्क और नेतृत्व

रिपोर्ट लेखन और प्रेजेंटेशन  संवाद और जागरूकता फैलाने की क्षमता

पर्यावरण नियमों का ज्ञान   निर्णय लेने की क्षमता और नैतिक जिम्मेदारी

EIA, ISO 14001, पर्यावरण प्रबंधन  समय प्रबंधन और अनुशासन

कहां काम कर सकते हैं?


सरकारी विभाग:

पर्यावरण मंत्रालय (MoEFCC)

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

नगर निगम / स्मार्ट सिटी मिशन

शोध संस्थान:

CSIR

NEERI (नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट)

IISc, IITs, TERI

प्राइवेट सेक्टर:

पर्यावरण सलाहकार कंपनियाँ

कंस्ट्रक्शन, माइनिंग, एफएमसीजी, ऊर्जा कंपनियाँ

अंतरराष्ट्रीय संगठन:

United Nations Environment Programme (UNEP)

WHO, WWF, Greenpeace

World Bank, ADB

शिक्षा और प्रशिक्षण:

विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर या रिसर्चर

वेतनमान


अनुभव स्तर  अनुमानित मासिक वेतन (INR)

फ्रेशर (Entry Level)   ₹25,000 – ₹40,000

2–5 साल अनुभव  ₹40,000 – ₹70,000

वरिष्ठ वैज्ञानिक   ₹80,000 – ₹1,50,000+

अंतरराष्ट्रीय NGO/संस्था    ₹2 लाख+ प्रति माह तक

सरकारी संस्थानों में 7वें वेतन आयोग के अनुसार वेतन और भत्ते मिलते हैं।


करियर पथ


पर्यावरण विश्लेषक / सहायक वैज्ञानिक

पर्यावरण सलाहकार

प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर / सीनियर एनवायर्नमेंटल साइंटिस्ट

प्रोजेक्ट मैनेजर / डिप्टी डायरेक्टर

डायरेक्टर – पर्यावरण योजना और नीति

भविष्य की संभावनाएँ


जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के चलते इस क्षेत्र की माँग तेजी से बढ़ रही है

ग्रीन जॉब्स की संख्या बढ़ रही है

भारत सरकार के कार्यक्रम जैसे – स्वच्छ भारत, जल जीवन मिशन, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) इस क्षेत्र को प्रोत्साहित कर रहे हैं

ESG (Environmental, Social, Governance) रिपोर्टिंग अनिवार्य होने से प्राइवेट सेक्टर में भी भारी मांग

चुनौतियाँ


फील्ड वर्क कठिन हो सकता है (जैसे – जंगल, प्रदूषित क्षेत्र)

सरकारी नौकरियों में प्रतियोगिता अधिक

पर्यावरण संरक्षण के लिए समाज और नीति में बदलाव लाना चुनौतीपूर्ण

प्रेरणादायक नाम


सुंदरलाल बहुगुणा: चिपको आंदोलन के जनक

वंदना शिवा: पर्यावरण कार्यकर्ता और लेखक

राजेन्द्र सिंह: जलपुरुष, जल संरक्षण के लिए प्रसिद्ध

आर.के. पचौरी: IPCC के पूर्व प्रमुख, नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित

निष्कर्ष


एनवायरनमेंटल साइंटिस्ट बनना न केवल एक करियर विकल्प है, बल्कि यह समाज और प्रकृति के प्रति आपकी जिम्मेदारी निभाने का एक अवसर भी है। यदि आप पर्यावरण के लिए कुछ करना चाहते हैं, विज्ञान में रुचि है, और समाज के लिए सकारात्मक परिवर्तन लाने का जज़्बा रखते हैं, तो यह क्षेत्र आपके लिए आदर्श हो सकता है।


आप प्रकृति के रक्षक बन सकते हैं — शोध के ज़रिए, नीति निर्माण के ज़रिए, या लोगों को जागरूक करके। याद रखिए, एक वैज्ञानिक का उद्देश्य केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं होता, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और स्वस्थ भविष्य का मार्गदर्शक होता है।

No comments:

Post a Comment