आजकल पैरा मेडिकल फील्ड युवाओं की रुचि काफी बढ़ रही है. इस वजह से फिजियोथेरेपी में करियर ही काफी संभावनाएं लगातार देखने को मिल रही हैं. कई ऐसी बीमारियों जिनका इलाज सिर्फ फिजियोथेरेपी के इस्तेमाल से किया जा रहा है. इसकी सबसे बाड़ी खासियत यह है कि इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है.
बता दें, फिजियोथेरेपी चिकित्सा विज्ञान की एक ऐसी शाखा है जिसकी मदद से शरीर के बाहरी हिस्से का इलाज आसानी से किया जाता है. फिजियोथेरेपी की मदद से कई लोगों के फिसिक को भी ठीक करने की कोशिश की जाती हैं. ये ज़्यादातर शरीर के ऐसे अंगों पर इस्तेमाल होता है जो सही से काम नहीं कर पाते.
फिजियोथेरेपी कोर्स
फिजियोथेरेपी में कैंडिडेट्स डिप्लोमा से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई कर सकते हैं. इसमें बैचलर कोर्स करने के लिए लगभग साढ़े चार साल तक का समय देना होता है. जिसके आखिरी के छह महीने में इस कोर्स के दौरान कैंडिडेट्स की इंटर्नशिप करवायी जाती है. वहीं मास्टर्स की बात करें तो ये कोर्स दो साल का होता है और इसके लिए कैंडिडेट्स के पास फिजियोथेरेपी में बैचलर्स की डिग्री का होना ज़रूरी है. इसमें करियर बनाने के लिए कैंडिडेट्स न्यूरोलॉजिकल फिजियोथेरेपी, स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी, पिडियाट्रिक फिजियोथेरेपी, ऑब्सेक्ट्रिक्स फिजियोथेरेपी, ऑर्थेपेडिक फिजियोथेरेपी, पोस्ट ऑपरेटिव फिजियोथेरेपी, कार्डियोवस्कुलर फिजियोथेरेपी में स्पेशलाइजेशन चुन सकते हैं.
कितनी होगी कोर्स की फीस
फिजियोथेरेपी कोर्स की फीस लगभग 30 हजार से शुरू होती है. जोकि अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के नियम अनुसार अलग-अलग है. कई यूनिवर्सिटीज इस कोर्स के लिए स्कॉलरशिप भी प्रदान करवाती हैं. ताकि आर्थिक तंगी के चलते किसी छात्र को अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़नी पड़े.
कितनी होगी सैलरी
इस कोर्स को पूरी तरह करने के बाद शुरूआती सैलरी 10 से 15 हजार रुपये महीने के बीच होगी. लेकिन अनुभव साथ इस क्षेत्र में पैसे भी ज्यादा मिलने लगते हैं. कई जगहों पर फिजियोथेरेपी इंटर्नशिप के दौरान ही पैसे मिलने शुरू हो जाते हैं. इसके अलावा एक अच्छा अनुभव होने के बाद खुद का क्लीनिक भी खोला जा सकता है, या फिर किसी बड़े हॉस्पिटल में फिजियोथेरिपिस्ट के तौर पर भी काम कर सकते हैं.
एंट्रेंस एग्जाम
अगर फिजियोथेरेपी कोर्स में एडमिशन लेना है, तो सबसे पहले एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना होगा. इसमें अलग-अलग यूनिवर्सिटियां अलग-अलग समय पर अपने एंट्रेस एग्जाम आयोजित करती हैं. इसके लिए मार्च से लेकर जून महीने तक के बीच में फॉर्म भरा जाता है. इसके बाद एंट्रेंस एग्जाम में आए मार्क्स के आधार पर कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन होता है.
फिजियोथेरेपी कोर्स के लिए संस्थान
1. अपोलो फिजियोथेरेपी कॉलेज, हैदराबाद
2. पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंस्टिट्यूट फॉर फिजिकली हैंडिकैप्ड, नई दिल्ली
3. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च, पटना
4. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़
5. एसडीएम कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी, कर्नाटक
6. महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एजुकेशन, केरल
7. के.जे. सौम्या कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी, मुंबई
8. डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन, तमिलनाडु
9. जे.एस.एस. कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी, मैसूर
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