Tuesday, February 9, 2021

माइनिंग इंजीनियरिंग में करियर

भारत में खनिज पदार्थों की प्रचुरता को लेकर सभी वाकिफ हैं। कोयला उत्पादन में भारत दुनिया में जहां तीसरे स्थान पर है, वहीं लौह अयस्कों के उत्पादन में इसका स्थान चौथा है। बॉक्साइट रिजर्व के मामले में भी यह विश्व में सातवें पायदान पर है। यही वजह है कि यहां की माइनिंग इंडस्ट्री का देश की आर्थिक तरक्की में विशेष योगदान रहा है। हर साल यहां बड़ी तादाद में रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। आप भी चाहें, तो माइनिंग इंजीनियरिंग के जरिये इस इंडस्ट्री का हिस्सा बन सकते हैं।

क्या है माइनिंग इंजीनियरिंग?

आज जिस तरह से अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए खनिजों का इस्तेमाल हो रहा है, वह सब धरती से खनन करके ही निकाला जाता है। खनिजों के उत्खनन और उसे उपयोग लायक बनाने की पूरी प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं। वहीं, माइनिंग इंजीनियरिंग के तहत उन तकनीकों (मशीन, टूल्स, इंजन आदि) और तरीकों की पढ़ाई होती है, जिनसे धातुओं के अयस्क खनन के जरिए इकट्ठा किए जाते हैं। इसके अंतर्गत माइनिंग की संभावनाओं को चेक करना, उसका बजट तैयार करना, उससे होने वाले मुनाफे आदि का अंदाजा लगाना, क्षेत्र को माइनिंग के लिए विकसित करना, अयस्क से धातु का उत्पादन करना आदि शामिल है। एक माइनिंग इंजीनियर ही खदान की डिजाइन तैयार करने से लेकर, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी के जरिए खदान से अयस्कों को सुरक्षित निकालने की पूरी प्रक्रिया को अंजाम देता है। ये कामगारों के साथ ही पूरा ऑपरेशन भी देखते हैं। माइनिंग इंजीनियर को निरंतर जियोलॉजिस्ट एवं मेटलर्जिकल इंजीनियर्स के संपर्क में रहना होता है, ताकि नए-नए खदानों की जानकारी मिल सके।

शैक्षिक योग्यता

आइआइटी खड़गपुर की रिसर्च स्कॉलर पारामा मुखोपाध्याय के अनुसार, माइनिंग इंजीनियरिंग के लिए स्टूडेंट्स को फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स के साथ 12वीं करना होगा। इसके बाद वे माइनिंग में बीटेक और एमटेक कर सकते हैं।

स्टूडेंट्स चाहें, तो 10वीं के बाद भी माइनिंग एवं माइन सर्वेइंग में तीन साल का डिप्लोमा कर सकते हैं। वहीं, जो स्टूडेंट्स आइआइटी एवं एनआइटी से कोर्स करने के इच्छुक हैं, वे जेईई की परीक्षा को क्वालिफाई कर ऐसा कर सकते हैं। बिटसैट एवं वीआइटीईईई अपनी अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करती हैं। जो लड़कियां इस क्षेत्र में आना चाहती हैं, वे आइआइटी खड़गपुर, आइआइआटी, बीएचयू एवं आइएसएम, धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग में बीटेक, एमटेक और पीएचडी कर सकती हैं। इनके अलावा, अन्ना यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की जा सकती है।

संभावनाएं

देश के पब्लिक सेक्टर या सरकारी संस्थानों के साथ काम करने के अलावा, खाड़ी देशों, कुवैत, सऊदी अरब, कतर एवं ब्रिटेन में भी अच्छे मौके हैं। भारत में इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, आइपीसीएल, हिंदुस्तान जिंक, अडानी माइनिंग, कोल इंडिया जैसी कंपनियों में नियमित अवसर निकलते रहते हैं। इस फील्ड में युवाओं को शुरुआत में ही 6 से 8 लाख रुपये सालाना की आय हो सकती है।

प्रमुख संस्थान

आइआइटी, खड़ग़ुपर

www.iitkgp.ac.in

आइआइटी, बीएचयू

www.iitbhu.ac.in

आइआइटीआइएसएम, धनबाद

www.iitism.ac.in

आइआइटी, गुवाहाटी

http://www.iitg.ac.in

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