Wednesday, February 5, 2020

टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री में करियर

भारत के सबसे पुराने उद्योगों में से एक टेक्सटाइल इंडस्ट्री पहले सिर्फ फैब्रिक प्रोडक्शन तक ही सीमित थी लेकिन अब नई टेक्नोलॉजी के आने से यह तेजी से विकसित हुई है। अब यह इंडस्ट्री अनुसंधान, विकास, मेन्युफैक्चरिंग और मर्केंडाइजिंग जैसी कई श्रेणियों में काम कर रही है। साथ ही, इसमें जॉब के अवसर भी पहले की अपेक्षा अब तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर आप टेक्सटाइल डिजाइनिंग या प्रोडक्शन में दिलचस्पी रखते हैं, तो टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में अपना करियर बना सकते हैं।

क्या है टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी?

टेक्सटाइल्स के प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग और डिजाइनिंग के अध्ययन को टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी या टेक्सटाइल इंजीनियरिंग कहते हैं। इस फील्ड में साइंटिफिक और इंजीनियरिंग सिद्धांतों के साथ-साथ फाइबर, टेक्सटाइल व

अपैरल की डिजाइनिंग और प्रोसेस कंट्रोल सब कुछ शामिल है। इसमें प्राकृतिक और मानवनिर्मित मटेरियल, सुरक्षा, ऊर्जा संरक्षण, वेस्ट एंड पॉल्यूशन कंट्रोल आदि सभी बातों का खयाल रखा जाता है।

छात्रा से गैंगरेप की घटना मे आया चौंकाने वाला मोड़

कौन-से कोर्स करें?

इस फील्ड में करियर बनाने के लिए इंटर में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स या बायोलॉजी जैसे विषय होने जरूरी हैं। इसके बाद आप टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में बीई या बीटेक, टेक्सटाइल डिजाइनिंग में बीए, टेक्सटाइल डिजाइन में बीएससी, बैचलर ऑफ डिजाइन, डिप्लोमा इन टेक्सटाइल मेन्युफैक्चर या टेक्सटाइल केमिस्ट्री में बीटेक कर सकते हैं। इसके बाद इन कोर्सेज में एडवांस्ड डिप्लोमा, एमई, एमटेक और उसके बाद पीएचडी भी कर सकते हैं।

कैसी है वर्क प्रोफाइल?

आप टेक्सटाइल कंपनीज के प्रोडक्शन कंट्रोल, प्रोडक्ट रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इंजीनियरिंग प्रोसेस, सेल्स, कॉर्पोरेट मैनेजमेंट, सुपरविजन आदि डिपार्टमेंट्स में काम कर सकते हैं। एक टेक्सटाइल इंजीनियर आम तौर पर इंजीनियरिंग प्रोसेस से जुड़ा होता है, जबकि अपैरल और गारमेंट्स की डिजाइनिंग और मेन्युफैक्चरिंग के लिए काम करने वाले प्रोफेशनल्स प्रोडक्ट रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में काम करते हैं।

कौन-सी स्किल्स चाहिए?

इस फील्ड में सर्वाइव करने के लिए उम्मीदवार के पास बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स, कम्प्यूटर स्किल्स, एनालिटिकल स्किल्स और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स होनी जरूरी हैं। इसके अलावा उनमें चीजों की बारीकियों पर ध्यान देने की क्षमता, लॉजिकल थिंकिंग और क्रिएटिविटी होनी भी जरूरी है।

भविष्य की संभावनाएं

आप टेक्सटाइल मिल्स, एक्सपोर्ट हाउसेज, निटवेयर मेन्युफैकचरिंग यूनिट्स, टेक्सटाइल डाइंग एंड प्रिंटिंग यूनिट्स में काम कर सकते हैं। इसके अलावा आप सरकार द्वारा प्रायोजित अथवा निजी सिल्क, हैंडलूम, जूट, खादी, क्राफ्ट डेवलपमेंट संस्थानों में काम कर सकते हैं। आप फैशन रीटेलर्स डिजाइन स्टूडियोज और बड़ी टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज जैसे में भी काम कर सकते हैं।

सैलरी कितनी?

एक फ्रैशर इंजीनियरिंग ग्रेजुएट को 12 हजार से 30 हजार रुपए की सैलरी मिलती है। अनुभवी उम्मीदवारों की सैलरी 50 हजार से 60 हजार रुपए तक होती है।

प्रमुख संस्थान

आईआईटी दिल्ली

गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, सेरामपुर

उत्तरप्रदेश टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, कानपुर

डॉ बीआर अंबेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जालंधर

पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पानीपत

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन, कल्याण

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली

एलडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अहमदाबाद

No comments:

Post a Comment