आज क्रिएटिविटी की एक अलग दुनिया है। इसमें मानचित्रकला भी एक है। पिछले पांच-छह साल से लगातार मानचित्रकला के क्षेत्र में ग्रोथ दिखाई दे रही है। डिमांड के अनुसार इस फील्ड में ट्रेंड प्रोफेशनल्स के लिए स्कोप भी बढ़ा है, लेकिन यह केवल उन्हीं के लिए है, जो अपने विषय के साथ-साथ इसमें प्रयोग होने वाली नई टेक्नोलॉजी में भी पूरी तरह से निपुण हैं। मानचित्र तथा विभिन्न संबंधित उपकरणों की रचना, इनके सिद्धांतों और विधियों का ज्ञान एवं अध्ययन मानचित्रकला कहलाता है। मानचित्र के अतिरिक्त तथ्य प्रदर्शन के लिये विविध प्रकार के अन्य उपकरण, जैसे उच्चावचन मॉडल, गोलक, मानारेख आदि भी बनाए जाते हैं। मानचित्रकला में विज्ञान, सौंदर्यमीमांसा तथा तकनीक का मिश्रण है। इसका रूपांतर कार्टोग्राफी है जो कि ग्रीक शब्द से बना है।
योग्यता
मानचित्रकार बनने के लिए बैचलर ऑफ कार्टोग्राफी करनी होती है। अर्थ साइंस और अन्य फिजिकल साइंस ग्रेजुएट स्टूडेंट्स भी इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। उन्हें अपनी बीएससी या बीटेक में एक विषय कार्टोग्राफी रखना चाहिए। अगर आप मानचित्रकार बनना चाहते हैं तो इससे संबंधित डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करके इस फील्ड में एंट्री करें। कार्टोग्राफी में बैचलर डिग्री के अलावा ज्योग्राफी, जियोलॉजी, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, अर्थ साइंस और फिजिकल साइंस के ग्रेजुएट भी इसमें करियर बना सकते हैं।
मानचित्रकार की खूबियां
मानचित्रकार साइंटिफिकल, टेक्नोलॉजिकल और ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन को डायग्राम, चार्ट, स्प्रेडशीट और मैप के रूप में पेश करता है। इसमें डिजिटल मैपिंग और ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) सबसे ज्यादा काम में आता है। साथ ही अन्य कौशल का होना भी जरूरी है, जैसे- भूगोल के लिए जुनून, उत्कृष्ट डिजाइन और आईटी कौशल, अच्छी स्थानिक जागरूकता, विश्लेषणात्मक कौशल आदि।
अवसर
मैप का इस्तेमाल एक इंडिविजुअल से लेकर इंडस्ट्रियल पर्पज तक के लिए किया जाने लगा है, इसलिए प्लानर्स, यूटिलिटी कंपनियों, स्टेट एजेंसीज, कंस्ट्रक्शन कंपनियों, सर्वेयर्स, आर्किटेक्ट्स सभी को मानचित्रकार की जरूरत पड़ती है। इस तरह वेदर फोरकास्टिंग, ट्रैवल एंड टूरिज्म, ज्योलॉजिकल, मिनिरल एक्सप्लोरेशन, मिल्रिटी डिपार्टमेंट, पब्लिशिंग हाउसेज में जॉब के अच्छे मौके हैं। इस कोर्स को करने के बाद रोजगार की कोई समस्या नहीं होती। बहरहाल मानचित्र के बढ़ते हुए प्रयोग को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह क्षेत्र रोजगार की दृष्टि से काफी सुरक्षित है। साथ ही इससे संबंधित निम्न नौकरियां यह भी हैं-मैपिंग तकनीशियन, मैप लाइब्रेरियन, अधिकारी चार्टिग, भौगोलिक सूचना प्रणाली अधिकारी, भूविज्ञानी, भूभौतिकीविद्, ग्राफिक डिजाइनर, जल सर्वेक्षण सर्वेयर, भूमापक सॉफ्टवेयर इंजीनियर।
टेक्निकल जानकारी
वैसे तो मैप बनाने का आर्ट तकरीबन 7 हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। पहले मैप बनाने वाले ज्यादातर वक्त फील्ड में बिताते थे और फिर हाथ से मैप बनाते थे, लेकिन अब यह काम कंप्यूटर के जरिए किया जाता है। इसलिए कंप्यूटर स्किल्स के अलावा ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम और डिजिटल मैपिंग तकनीकी जानकारी रखनी होगी।
मानचित्रकार एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स होता है, जिसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक है।
वेतन
शुरुआती दौर में इसमें 15 से 20 हजार रुपये महीना आसानी से कमाया जा सकता है। हालांकि यह संस्थान पर काफी निर्भर करता है। विदेश से अनुभव प्राप्त कार्टोग्राफर 5-10 लाख रुपये प्रति माह भी कमा लेते हैं।
संस्थान
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जामिया नगर, नई दिल्ली
इंस्टीटय़ूट ऑफ जियोइन्फॉर्मेटिक्स एंड रिमोट सेंसिंग, कोलकाता
मद्रास विश्वविद्यालय
पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
नेशनल एटलस एंड थीमैटिक मैपिंग ऑर्गनाइजेशन, कोलकाता
जिम्मेदारियां: मानचित्रकार मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र (स्थानीय अधिकारियों, सरकारी एजेंसियों, रक्षा मंत्रालय, संरक्षण ट्रस्टों और कंपनियों), सर्वेयर और प्रकाशन कंपनियों के लिए काम करते हैं। काम के मुताबिक उन्हें अपना आउटपुट देना होता है
Tuesday, July 9, 2019
मानचित्रकला क्रिएटिविटी की दुनिया
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