Saturday, April 20, 2019

सिस्‍मोलॉजिस्‍ट बनाएं अपना करियर


अगर आपके पास 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स जैसे सब्‍जेक्‍ट हैं तो आप सिस्‍मोलॉजी में अपना करियर बना सकते हैं.

भूकंप से आप शायद ही अनजान होंगे. यह एक प्राकृतिक आपदा है


.लोग भूकंप का नाम सुनकर ही कांप उठते हैं. पर भूकंप कैसे आता है 

और आखिर क्या होती हैं भूकंप की तरंगे जिनसे धरती पर भारी उथल- पुथल मच जाती है? 

ऐसे सवाल आपके मन में अकसर आते होंगे.

 इस प्रकार के जिज्ञासु प्रवृत्ति के लोग सिस्‍मोलॉजी कोर्स कर सकते हैं.

सिस्मोलॉजी सिलेबस
इस कोर्स को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है 

कि इसमें जियोग्राफी और फिजिक्स की पढ़ाई एक साथ की जा सके. इसे जियोफिजिक्स भी कहते हैं. इसमें सिस्मोलॉजी के अलावा ऑयल एक्सप्लोरेशन और ग्राउंड वॉटर जैसे विषय की भी जानकारी दी जाती है.

इस क्षेत्र में बैचलर से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई की जा सकती है. अगर रिसर्चर बनने की चाह है तो वह भी अच्‍छा अॉप्‍शन है. जो छात्र जियोफिजिक्स विषय लेकर पढ़ना चाहते हैं उनके लिए संभावनाएं ज्यादा हैं.

एक सिस्मोलॉजिस्ट का काम
भूकंप से होने वाली तबाही के लिए मिट्टी की स्थिति, जियालॉजिकल स्ट्रक्चर और टेक्नोटिक गतिविधियां जिम्मेदार हैं. सिस्मॉलजिस्ट अपनी स्टडी से जानकारी जुटाकर लोगों के लिए ऐसा स्ट्रक्चर तैयार करवाने पर जोर देते हैं जो भूकंप जैसे खतरों से बचा सके. एक सिस्मॉलजिस्ट लोगों से मिलता है और अलग-अलग जगहों पर भूकंप के खतरे का पता लगाकर आगे का काम शुरू करता है.

इस कोर्स में एडमिशन मेरिट के आधार पर होता है. जियॉलजी, जियोफिजिक्स, फिजिक्स या फिर एप्लाइड साइंस में डिग्री लेने के बाद आप सिस्मॉलजी में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं. देश की बहुत सी यूनिवर्सिटी जियोफिजिक्स में एमटेक प्रोग्राम चलाती है

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B.Tech in Mechatronics Engineering