हमारा देश बहुत तेजी से आर्थिक विकास की डगर पर आगे बढ़ रहा है। क्रयशक्ति क्षमता के आधार पर तो भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। इसे देखते हुए अपने देश के विकास को गति देने के लिए आधारिक संरचना का द्रुत गति से विकास बहुत जरूरी हो गया है। इस प्रक्रिया में, एक ओर शहरी आधारिक संरचना का विकास तो दूसरी ओर ग्रामीण आधारिक संरचना का विकास जरूरी है। इसमें उन परिष्कृत आधारिक संरचना का विकास तथा प्रबंधन तकनीकों का पता लगाने और उन्हें लागू करने की जरूरत है जो आधुनिकीकरण की बदलती हुई माँग को पूरा करें। दूसरी ओर गाँवों तथा ग्रामीण जनसंख्या को शेष देश से जोड़ने की आवश्यकता है। ग्रामीण परिवहन, ग्रामीण आवास, विद्युत वितरण तथा सिंचाई सुविधाओं की एक सम्पूर्ण नए दृष्टिकोण से समीक्षा की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि सार्वजनिक आधारिक संरचना एवं सार्वजनिक-निजी सहभागिता वाली आधारिक संरचना के अतिरिक्त हमारे पास विकसित विश्व के अनुरूप ढलती निजी आधारिक संरचनाएँ जैसे मकान, दुकान, कार्यालय तथा मॉल हैं। इन सबको देखते हुए हमारे देश की केन्द्र सरकार ने निजी संस्थानों तथा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए आधारिक संरचना उद्योग के दरवाजे खोल दिए हैं जिस पर अब तक सार्वजनिक क्षेत्र का एकाधिकार था। इसे देखते हुए हमारे देश को ऐसे लोगों की जरूरत है जो विभिन्न चुनौतियों का स्थायी समाधान कर सकें। इसके लिए विशेष रूप से आधारिक संरचना प्रबंधकों की जरूरत पड़ती है जो सशक्त तकनीकी विशेषज्ञता तथा व्यवसायिक दक्षता रखते हैं।
सामान्य भाषा में कहें तो आधारिक संरचना प्रबंधन नई भौतिकीय संरचनाओं जैसे सिंचाई सुविधाओं, सड़क एवं रेल नेटवर्क, तेल तथा गैस पाइपलाइनों, ग्रामीण एवं शहरी आवास, विद्युत उत्पादन एवं वितरण एवं दूरसंचार सुविधाएँ स्थापित करने और ऐसी वर्तमान संरचनाओं के रखरखाव के कार्य से संबंधित है। आधारिक संरचना प्रबंधक विभिन्न आधारिक संरचना सेवाओं के साधनों तथा उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे संकल्पनात्मक तथा व्यावहारिक स्तर पर आने वाली समस्याओं का समाधान करते हैं। आधारिक संरचना प्रबंधन एक ऐसा विशेषज्ञतापूर्ण क्षेत्र है जो तकनीकी एवं गैर तकनीकी दोनों प्रकार के उम्मीदवारों को अवसर प्रदान करता है। आधारिक संरचना प्रबंधन में एमबीए तथा स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। इन पाठ्यक्रमों में स्नातक के उपरांत प्रवेश लिया जा सकता है।
आधारिक संरचना प्रबंधन पाठ्यक्रमों में नई आधारिक संरचनाओं के नियोजन एवं विकास तथा मौजूदा आधारिक संरचनाओं के रखरखाव के साधनों तथा मॉडल का विस्तृत अध्ययन कराया जाता है। इन पाठ्यक्रमों में संसाधनों तथा आधारिक संरचना के प्रभावी उपयोग की पद्धतियाँ भी शामिल की जाती हैं। इन पाठ्यक्रमों में वित्त, मानव संसाधन, विपणन तथा क्षेत्रगत विशिष्ट कौशल का ज्ञान कराया जाता है। पाठ्यक्रमों में शामिल कुछ विषय इस प्रकार हैं- निर्माण प्रबंधन, आधारिक संरचना विकास, संगठनात्मक आचरण, निर्माण प्रबंधन के सिद्धांत, आधारिक संरचना क्षेत्र अर्थव्यवस्था एवं योजना, आधारिक संरचना में आईटी अनुप्रयोग, लेखाकरण तथा संभार तंत्र एवं आपूर्ति चेन।
शैक्षिक पृष्ठभूमि, कार्य अनुभव एवं उद्योग के आधार पर परियोजना प्रबंधक, परियोजना सलाहकार, आईटी प्रबंधक, निर्माण प्रबंधक, सुविधा प्रबंधक, सुविधा कार्य विशेषज्ञ, वित्त प्रबंधक जैसे विभिन्न पदों पर रोजगार के अवसर हैं। इस क्षेत्र में नवोद्योग की भी चमकीली संभावनाएँ हैं।
आधारिक संरचना प्रबंधन के क्षेत्र में उजला कॅरियर बनाने के लिए व्यापक तकनीकी कौशल तथा संचार कौशल होना आवश्यक है। इस क्षेत्र में अधिकतर कार्यों में सिविल इंजीनियरों, आर्किटेक्ट, वितरकों, लेखाकारों तथा अनुबंध श्रमिकों जैसे अन्य व्यवसायियों से संपर्क स्थापित करना शामिल होता है। इसलिए उम्मीदवार में संचार कौशल होना आवश्यक है। कार्यों में प्रायः विभिन्न साइटों पर कार्य करना तथा कभी-कभी विपरीत माहौल में कार्य करना होता है। इसके लिए लगातार कई घंटों तक कार्य करने के लिए शारीरिक स्वस्थता तथा शारीरिक क्षमता की आवश्यकता होती है। कुछ कार्यों में लगातार स्थान परिवर्तन शामिल होता है। निर्माण के विभिन्न पहलुओं का ज्ञान, समस्या समाधान कौशल, परियोजना प्रबंधन कौशल होना इस क्षेत्र में ऊँचाइयों तक पहुँचाता है। आधारिक संरचना प्रबंधन में उन विद्यार्थियों के लिए बहुत उजले अवसर हैं जो सिविल इंजीनियरी का भी ज्ञान रखते हैं।
गैर इंजीनियरी स्नातक विद्यार्थी वित्त, मानव संसाधन, विधि, विक्रय जैसे विभागों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। इस क्षेत्र में कॅरियर शीघ्र उन्नति एवं आकर्षक वेतन के अवसर प्रदान करता है। किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह इस क्षेत्र में वेतन पैकेज और अन्य लाभों की बात करें तो वेतन एवं अन्य लाभ पद, कार्य अनुभव आदि पर निर्भर होते हैं। इस क्षेत्र में प्रारंभिक वेतन 15 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह के बीच प्राप्त होता है।
आधारिक संरचना प्रबंधन का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-
- सिम्बायोसिस प्रबंधन एवं मानव संसाधन विकास केन्द्र, पुणे।
- ऊर्जा एवं पेट्रोलियम अध्ययन विश्व-विद्यालय, देहरादून।
- टेरी विश्वविद्यालय, दिल्ली।
- इनलीड, गुड़गाँव।
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