एक्वाकल्चर में समुद्र, नदियों और ताजे पानी के कंजर्वेशन, उनके मौलिक रूप और इकोलॉजी की सेफ्टी के बारे में स्टडी की जाती है। इन दिनों घटते जल स्रोतों, कम होते पेयजल संसाधनों के चलते इस फील्ड में विशेषज्ञों की मांग बढ़ी है।
कोर्स ऐंड एलिजिबिलिटी
इस फील्ड में बीएससी और एमएससी इन एक्वा साइंस जैसे कोर्स प्रमुख हैं। इनमें एडमिशन के लिए बायोलॉजी सब्जेक्ट के साथ 10+2 पास होना अनिवार्य है। इसके अलावा, वाटर कंजर्वेशन और उसकीइकोलॉजी के बारे में गहरा रुझान जरूरी है।
एनवॉयर्नमेंट इंजीनियरिंग
एनवॉयर्नमेंट कंजर्वेशन के फील्ड में बढ़ती टेक्नोलॉजी के एक्सपेरिमेंट्स से आज एनवॉयर्नमेंट इंजीनियर्स की मांग बढ़ी है। अलग-अलग सेक्टर्स के कई इंजीनियर्स आज एनवॉयर्नमेंट इंजीनियरिंग में अपना योगदान दे रहे हैं। इनमें एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, बायोलॉजिस्ट केमिकल इंजीनियरिंग, जियोलॉजिस्ट, हाइड्रो-जियोलॉजिस्ट, वॉटर ट्रीटमेंट मैनेजर आदि कारगर भूमिका निभाते हैं।
इंस्टीट्यूट वॉच
-आइआइटी, रुड़की
(भूजल जल-विज्ञान और वाटरशेड मैनेजमेंट)
-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली
-अन्ना विश्वविद्यालय (वाटर मैनेजमेंट)
-एम.एस. बड़ौदा विश्वविद्यालय
(वाटर रिसोर्सेज इंजीनियरिंग)
-आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम
-अन्नामलाई विश्वविद्यालय (हाइड्रो-जियोलॉजी)
-दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली
-गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, रायपुर (वाटर रिसोर्सेज डेवलपमेंट ऐंड इरिगेशन इंजीनियरिंग)
-आइआइटी, मद्रास (फ्लड साइंस ऐंड वाटर रिसोर्सेज इंजीनियरिंग)
-जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
-राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की
कॉन्सेप्ट ऐंड इनपुट : अंशु सिंह, मिथिलेश श्रीवास्तव
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