Tuesday, April 18, 2017

फूड टेक्नोलॉजी में करिअर

खाद्यविज्ञान में खाद्य- सामग्रियों के चुनाव, संरक्षण, प्रसंस्करण, डिब्बाबंद (पैकेजिंग), वितरण और उपभोग की तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाती है। ऐसे में जाहिर सी बात है करियर की संभावनाएं अपार है क्योंकि खाना और खिलाना तो चलता ही रहता है

बदलती जीवनशैली और व्यस्तता के कारण आज लोगों की खानपान की आदतें और शौक भी बदल गए हैं। ऐसे में खाने-पीने की चीजों में जो भी उन्हें आसान जरिया या विकल्प मौजूद मिलता है, उसी को आदत बना लेते हैं। इसी में है डिब्बा बंद भोजन और पेय पदार्थ जिस पर लोग आज निर्भर होने लगे हैं। ऐसी स्थिति में इन खाद्य पदार्थों का चलन बढ़ने के कारण युवाओं के लिए फूड टेक्नोलॉजी बेहतरीन करियर ऑप्शन के रूप में सामने आया है। खाद्यविज्ञान के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए खाद्य-सामग्रियों के चुनाव, संरक्षण, प्रसंस्करण, डिब्बाबंद (पैकेजिंग), वितरण और उपभोग की तकनीकों को ही खाद्य प्रौद्योगिकी (फूड टेक्नोलॉजी) कहते हैं। खाद्य विज्ञान खाद्य के सभी तकनीकी पहलुओं से जुड़ा एक ऐसा विषय क्षेत्र है, जो फसल की कटाई से शुरू होता है तथा इसके पकाने और खपत के साथ समाप्त होता है। योग्यता- फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री बहुत ही व्यापक और फलता- फूलता इंडस्ट्री है, जिसमें जॉब की संभावनाएं भी अपार हैं। भारत में भी कुछ यूनिर्वसटिी फूड टेक्नोलॉजी और फूड साइंस में डिग्री कोर्सेज ऑफर कराते हैं। कुछ ऐसे भी संस्थान हैं, जहां फूड प्रॉसेसिंग में पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज उपलब्ध हैं। फूड टेक्नोलॉजी, फूड साइंस और होम साइंस के अंडरग्रेजुएट कोर्स में दाखिला के लिए 10 अ 2 लेवल में पीसीएम या पीसीबी होना चाहिए। एमएससी/मैनेजमेंट में दाखिला के लिए फूड टेक्नोलॉजी में बीएससी होना जरूरी है, जिसके लिए ग्रेजुएट/पोस्टग्रेजुएट डिग्री अनिवार्य है। होम साइंस ग्रेजुएट्स या न्यूट्रिशन और होटल मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स (फूड्स एंड बेवरेज) भी फूड प्रोडक्शन इंडस्ट्रीज, मार्केटिंग, प्रिजर्वेशन आदि में टीम की तरह काम कर सकते हैं। ऐसे में होम साइंस या न्यूट्रिशन में सभी स्नातक छात्रों के सामने कई ऑप्शन मौजूद हैं। फूड टेक्नोलॉजी क्षेत्र में स्नातक डिग्री में प्रवेश पाने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी अथवा मैथमेटिक्स विषयों के साथ 10 अ 2 में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। एमएससी कोर्स करने के लिए फूड टेक्नोलॉजी से संबंधित विषयों में स्नातक की डिग्री आवश्यक है।

पढ़ाई में शामिल विषय- फूड टेक्नोलॉजी तथा इससे संबंधित कोर्सेज के अंतर्गत खाद्य पदार्थो के उचित रख-रखाव से लेकर पैकेजिंग, फ्रीजिंग आदि की तकनीकी जानकारियां शामिल होती हैं। इसके अंतर्गत पोषक तत्वों का अध्ययन, फल, मांस, वनस्पति व मछली प्रसंस्करण आदि से संबंधित जानकारियां भी दी जाती हैं।

संभावनाएं- चूंकि भारत में भी अब भारी तादाद में लोग संशोधित व डिब्बाबंद खाद्य-पदार्थ इस्तेमाल करने लगे हैं, यही कारण है कि यह क्षेत्र मल्टीनेशनल कंपनियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसी आकर्षण के कारण कई मल्टीनेशनल कंपनियां जैसे मैक्डोनाल्ड, पेप्सी, कोका कोला के साथ ही कई विदेशी कंपनियां भी अपना कारोबार भारत में बढ़ाती जा रही हैं, जिससे इस फील्ड में शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों के लिए ढेरों ऑप्शन व ऑपरच्युनिटी मौजूद है।

प्लेसमेंट और प्रॉस्पेक्ट्स- फूड टेक्नोलॉजिस्ट का कार्य मुख्य रूप से होटल, फूड इंडस्ट्रीज, क्वालिटी कंट्रोल, हॉस्पिटल, पैकेजिंग, इंडस्ट्रीज, डिस्टिलरीज, सॉफ्ट ड्रिंक फैक्टरी, राइस मिल्स आदि में होता है। साथ ही मै नुफैक्चरिंग इंडस्ट्री में भी काम करने का मौका मिलता है। चाहें तो, अपनी विशेषताओं और ज्ञान के जरिए स्टोरेज मॉनिटरिंग, प्रोसेसिंग, हाइजिन टेम्प्रेचर मॉनिटरिंग (जांच व निगरानी करना) और एक्सपेरिमेंटिंग आदि में भी जॉब हासिल कर सकते हैं । फूड टेक्नोलॉजी को र्स करने के बाद खुद का बिजनेस या स्वरोजगार भी शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा तकनीकी संस्थाओं में शैक्षिक या प्रशिक्षक के पद पर भी कार्य कर सकते हैं। साथ ही इस फील्ड में शिक्षा हासिल करने के बाद फूड प्रॉसेसिंग इंडस्ट्री अलग-अलग फील्ड के प्रोफेशनल्स को मैनेजेरियल लेवल पर भी नियुक्ति प्रदान करता है। जैसे कि इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन मैनेजर्स मैनुफैक्चरिंग प्लांट्स के ऑपरेशन को कंट्रोल करने, मार्केटिंग औ र सेल्स कर्मचारी सेल्स प्रमोशन और मार्केटिंग में कार्यरत हो ने के अलावा फूड टेक्नोलॉजिस्ट रिसर्च लैबोरेट्रीज या ऑन प्रोडक्शन लाइंस में भी काम करने का मौका हासिल कर सकते हैं। जिसके तहत नया प्रोडक्ट डेवलप करने के साथ तैयार माल को टेस्ट करना और फूड क्वालिटी को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी निभाते हैं। फूड टेक्नोलॉजिस्ट भविष्य पब्लिक सेक्टर के साथ प्राइवेट सेक्टर में भी उज्ज्वल है क्योंकि यहां सैलरी भी अच्छी मिलती है। उद्यम में भी लाभप्रद संभावना है, खासकर फूड प्रोसेसिंग बिजनेस में। जुलाई, 1988 में मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की स्थापना हुई थी, जो फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के विकास को प्रोत्साहित, नई दिशा देने के लिए स्थापित किया गया था। भारत में भी इन दिनों फॉरेन-टाइ-अप्स के साथ प्रोसेस्ड फूड चेन्स का विकास, फूड टेक्नोलॉजी फील्ड में जॉब प्रॉसपेक्टस को और भी बेहतर कर रहा है।

कार्य विवरण- फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के तहत वे सभी कार्य शामिल हैं, जिनसे खाने वाली चीजों की गुणवत्ता, स्वाद और रंग-रूप बरकरार रह सके। जैसे- मक्खन, सॉफ्ट ड्रिंक, जैम व जेली, फ्रूट जूस, बिस्कुट, आइसक्रीम आदि। इसके अलावा कच्चे और बने हुए माल की गुणवत्ता, स्टोरेज तथा हाइजिन आदि की निगरानी भी फूड टेक्नोलॉजिस्ट करते हैं। इसके अलावा फूड टेक्नोलॉजिस्ट मुख्य रूप से मैनुफैक्चरिंग प्रोसेस, फूड और ड्रिंक प्रोडक्ट्स के रेसेपी डेवलप करते हैं। नई रेसेपी और कॉन्सेप्ट को इन्वेंट करने के लिए डिस्कवर किये गये इंग्रीडिएंट्स और टेक्नोलॉ जी पर काम करते हैं। साथ ही फूड को सुधारने व परिवर्तित करने का भी काम करता है जैसे फैट-फ्री प्रोडक्ट्स और रेडी मील्स तैयार करना। इसके अलावा करंट कंज्यूमर मार्केट और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी रिसर्च करना ताकि न्यू प्रोडक्ट कॉन्सेप्ट डेवलप किया जा सके। सप्लायर्स से रॉ मटीरियल और अन्य सामग्री सलेक्ट करना भी इन्हीं का कार्य होता है।

गुण- फूड टेक्नोलॉजिस्ट को साइंटिफिक सोच वाला होना जरूरी है। बेहतरीन ऑब्जर्वेशन, साइंटिफिक और टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट में रु चि, हेल्थ व न्यूट्रिशन में रु चि, रिसर्च और डे वलपमेंट में खासकर ध्यान देने की क्षमता हो। इसके साथ ही जिम्मेदारी व टीम के साथ काम करने के अलावा कम्युनिकेशन स्किल भी बेहतर होनी चाहिए।

वेतन-शुरुआती स्तर पर फ्रेशर 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से कमा सकते हैं। अनुभवी होने पर 30 से 35 हजार रु पये भी प्रतिमाह वेतन प्राप्त कर सकते हैं।

उपलब्ध कोर्स
बीएससी इन फूड साइंस बीएससी और एमएससी विद फूड एंड न्यूट्रिशन बीएससी इन फूड टेक्नोलॉजी (3 वर्ष) बीएससी विद फूड प्रिजर्वेशन (3वर्ष) बीटेक इन फूड इंजीनियरिंग (4 वर्ष) एमएससी इन फूड टेक्नोलॉजी (2वर्ष) एमएससी इन फूड साइंस फूड एनालिसिस और क्वालिटी एश्योरेंस/फूड साइंस टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स

संस्थान

इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, मैदानगढ़ी, दिल्ली, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, दिल्ली जी. बी. पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रिकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर, उत्तराखंड बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी, उत्तर प्रदेश कानपुर यूनिवर्सिटी, कानपुर, उत्तर प्रदेश आचार्य एनजी रंगा एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी, राजेन्द्र नगर, हैदराबाद कोलकाता विश्वविद्यालय, कोलकाता महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी, प्रियदशर्नी हिल्स, कोट्टयम, केरल, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर, पंजाब तमिलनाडु एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी कोयम्बटू र मुंबई यूनिवर्सिटी, मुंबई नागपुर यूनिवर्सिटी, नागपुर सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर
(अंशुमाला,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,1.3.11)

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