मेडिकल
सेक्टर में डॉक्टर बनने के अलावा अब करियर के अनगिनत विकल्प हैं। अगर आप
इसमें एंट्री करना चाहते हैं, तो ऑप्थैलमिक असिस्टेंट एक बेहतर करियर हो
सकता है। इस तरह के ट्रेंड प्रोफेशनल अत्याधुनिक उपकरणों की सहायता से
आंखों की जांच करके सटीक डायग्नोसिस तक पहुंचते हैं।
मेडिकल
फील्ड में पैरामेडिकल साइंस की भूमिका को आज के दौर में कतई नजरअंदाज नहीं
किया जा सकता है। डायग्नोस्टिक तकनीक हेल्थकेयर सेक्टर के लिए सबसे बड़ा
वरदान साबित हुई है। आज अमूमन सभी स्पेशलिस्ट आम तौर पर लैब टेस्ट, एक्सरे,
ईसीजी, अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन की रिपोर्ट्स के नतीजों पर ही निर्भर
हैं। एक अनुमान के मुताबिक, 2050 तक देश की आबादी करीब 150 करोड़ हो जाएगी।
आज आबादी के लिहाज से देश में
ऑप्थैलमिक
असिस्टेंट, लैब टेक्निशियन या रेडियोलॉजिस्ट जैसे ट्रेंड क्वॉलिफाइड स्टाफ
की बेहद कमी है। मौजूदा समय में देश में करीब 10 लाख पैरामेडिकल स्टाफ की
शॉर्टेज है।
क्या है ऑप्थैलमोलॉजी ?
ऑप्थैलमोलॉजी
चिकित्सा विज्ञान की ही एक शाखा है। इसमें आंख संबंधी बीमारियों की जांच व
उपचार किया जाता है। ऑप्थैलमिक असिस्टेंट हेल्थकेयर सेक्टर का एंट्री-लेवल
जॉब है। ये ऑप्थैलमोलॉजिस्ट, यानी नेत्र चिकित्सक के सह यक के तौर पर अपनी
सेवाएं देते हैं। किसी भी अस्पताल या नर्सिंग होम में ऑप्थैलमिक
असिस्टेंट मुख्य रूप से मरीजों की मेडिकल इंफॉर्मेशन जुटाने, उपचार के
बारे में उन्हें समझाने से लेकर चिकित्सक से पहले मरीजों की कुछ आरंभिक
जांच करने तथा उपकरणों को मेंटेन रखने जैसी जिम्मेदारियां निभाते हैं।
जॉब के अवसर
ऑप्थैलमोलॉजी
में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद युवा सरकारी या प्राइवेट दोनों तरह के
क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। ऐसे प्रोफेशनल्स हॉस्पिटल्स, नर्सिंग
होम्स, आई क्लीनिक्स, लेजर आई सर्जरी क्लीनिक्स, डायग्नॉस्टिक सेंटर्स आदि
में जॉब पा सकते हैं। ऑप्थैलमिक असिस्टेंट अनुभव के बाद टेक्निशियन बनकर
खुद का क्लीनिक या आई सेंटर भी खोल सकते हैं।
कोर्स व क्वॉलिफिकेशन
ऑप्थैलमिक
असिस्टेंट बनने के लिए देश के कई सरकारी और प्राइवेट संस्थान कोर्स ऑफर कर
रहे हैं। फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी विषयों से 12वीं पास युवा
ऑप्थैलमोलॉजी में 2 वर्ष का डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं।
सैलरी
कोर्स
पूरा करने के बाद एक ऑप्थैलमिक असिस्टेंट के रूप में शुरूआत करने पर 10 से
12 हजार रुपए सैलरी आसानी से मिल जाती है। अनुभव बढ़ने पर ऐसे प्रोफेशनल्स
25 से 30 हजार रुपए तक सैलरी पा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान:
भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज, पुणे
पैरामेडिकल कॉलेज, दुर्गापुर (प.बंगाल)
शिवालिक इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी, चंडीगढ़
दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
ऑप्टोमेट्री रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, बांदा (उप्र)
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