दुनियाभर में किसी भी देश की विरासत संपन्नता इतनी नहीं है जितनी भारत की है। हमारे देश की विरासत को देखने दुनियाभर से लोग आते है और यहां के ऐतिहासिक स्थलों की प्रशंसा करते नही थकते है।
वहीं विरासत की सार-संभाल करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन आप भी इनकी देखरेख में अपना योगदान देकर आर्ट रेस्टोरेशन में अपना क्रियर बना सकते है।
आर्ट रेस्टोरेशन प्रोफेशनल पेंटिंग का ही एक अलग रूप है, जिसमें पुरानी हवेलियों या किलों की खराब हो चुकी आर्ट को फिर से नया बनाया जाता है। प्राचीन कलाकृतियां, मूर्तियां, पेंटिंग्स आदि किसी भी देश की अमूल्य धरोहर समझी जाती है। कलाकृतियों के संरक्षण और रख-रखाव का काम आर्ट रेस्टोरेंट द्वारा किया जाता है।
शैक्षिक योग्यता:
आर्ट रेस्टोरर बनने के लिए फाइन आर्ट और रसायन विज्ञान में स्नातक होना अनिवार्य है। इस क्षेत्र में दो साल का मास्टर डिग्री कोर्स कराया जाता है। जिसके तहत पेंटिंग रेस्टोरेशन, मेटल वर्क, टेक्सटाइल, पेपर वर्क और मैन्यूस्क्रिप्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है।
कंजर्वेशन में मास्टर डिग्री कोर्स करने के लिए केमिस्ट्री, जियोलॉजी, फिजिक्स, बॉटनी, जूलोजी, कंप्यूटर साइंस, फाइन आर्ट्स, हिस्ट्री, हिस्ट्री ऑफ आर्ट, आर्कियोलॉजी, म्यूजियोलॉजी में से किसी एक विषय में ग्रेजुएट की डिग्री होनी आवश्यक है।
कॅरियर संभानाएं:
ऐतिहासिक इमारतों को संजोकर रखने में पुरातत्व विभाग के रेस्टोरर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रेस्टोरेशन का काम सिर्फ सरकारी विभागों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसने एक उद्योग का रूप ले लिया है. इस कोर्स को करने के बाद आपको आर्ट गैलरी, म्यूजियम सहित कई जगहों पर काम मिल जाता है।
शुरू में आपको अनुभव हासिल करने के लिए किसी अच्छे आर्ट रेस्टोरर के साथ काम करना पड़ सकता है। कुछ साल का अनुभव होने के बाद आप अपना प्राइवेट वर्क भी शुरू कर सकते हैं।
प्रमुख संस्थान:
नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
सिंहगढ़ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चरर, पुणे
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ हैरिटेज रिसर्च एंड मैनेजमेंट, दिल्ली
नेशनल रिसर्च लैबोरेटरी फॉर कंजरवेशन ऑफ कल्चरल प्रॉपर्टी, लखनऊ
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