बैंक में पीओ एवं क्लर्क
बैंकिंग सेक्टर में नौकरियों की बहार
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नौकरियां करने के इच्छुक युवाओं के लिए हाल का समय काफी खुशनुमा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अगले तीन साल के दौरान 85,000 नई नियुक्तियां करने की योजना बनाई है। आर्थिक संपादकों के सम्मेलन के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार सूचना पत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की 2011-13 के दौरान 34,000 अधिकारियों तथा 51,000 क्लर्कों की नियुक्ति की योजना है। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने सरकार को सुझाव दिया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नियुक्ति के लिए आईबीपीएस द्वारा सामान्य भर्ती कार्यक्रम का आयोजन किया जाना चाहिए। यदि हाल के रोजगार समाचारपत्रों पर नजर दौड़ाएं, तो आए दिन किसी न किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में पीओ या क्लर्क के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते रहते हैं। उद्योग परिसंघ एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकिंग सेक्टर में इस साल की पहली तिमाही में सबसे ज्यादा लोगों को नौकरियां मिली हैं।
बैंकों में काम करने का दायरा
बैंक में काम करने का दायरा काफी बढ़ गया है। इसमें फाइनेंस, मैनेजमेंट, बिजनेस, पर्सनेल, मॉर्केटिंग, ऑपरेशन, इलेक्ट्रॉनिक सर्विस, कार्ड सर्विस, के्रडिट ऐंड रिस्क आदि से जुड़े कार्य होते हैं। साथ ही, कई स्तर पर अन्य एम्प्लॉइज भी कार्य करते हैं, जैसे-चीफ एग्जीक्यूटिव, जनरल ऐंड ऑपरेशन मैनेजर, मार्केटिंग ऐंड सेल्स, कम्प्यूटर ऐंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम मैनेजर, फाइनेंशियल मैनेजर, ह्यूमन रिसोर्स, ट्रेनिंग ऐंड लेबर रिलेशन स्पेशलिस्ट, मैनेजमेंट एनालिस्ट, अकाउंट ऐंड ऑडिट, क्रेडिट एनालिस्ट, फाइनेंशियल एनालिस्ट, पर्सनल फाइनेंशियल एडवाइजर, लोन काउंसलर, लोन ऑफिसर्स, कंप्यूटर स्पेशलिस्ट, क्लर्क आदि। हालांकि इस फील्ड में लोग अलग-अलग एरिया से जुड़े होते हैं, लेकिन कुछ कॉमन स्किल्स होती है, जिनकी जरूरत प्रत्येक बैंक एम्प्लाई को होती हैै। इसमें कम्युनिकेशन स्किल सबसे ऊपर है।
आप क्लर्क के तौर पर काम कर रहे हों या फिर मैनेजर के रूप में, किसी न किसी रूप में ग्राहक के साथ संवाद स्थापित करना ही पड़ता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकतर लोग इसलिए भी तरक्की नहीं कर पाते हैं, क्योंकि उनकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी नहीं होती है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में सरकारी बैंकों में कर्मचारियों पर काम का बोझ काफी बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में बैंकों को बाजार में मजबूती से जमे रहने के लिए प्रतिवर्ष करीब 70 हजार से अधिक प्रोफेशनल्स की भर्ती करनी होगी। लगभग 2012 तक तकरीबन 40 हजार लोग रिटायर हो जाएंगे। साथ ही मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग के क्षेत्र में काफी उछाल आएगा। जैसे-जैसे यह क्षेत्र बढ़ेगा उसके लिए सुरक्षा के इंतजाम को भी पुख्ता करना होगा। सबके लिए यूनिफाइड आइडेंटिटी कार्ड होगा और उसी में एटीएम, डेबिट कार्ड आदि होंगे। साथ ही, प्लास्टिक मनी के जरिए ज्यादा काम होने लगेगा। कुछ वर्ष पहले शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मोबाइल से पैसा ट्रांसफर हो सकता है। आज यह संभव है। बदलाव की गति भविष्य में और भी तेज होने की आशा है। | शैक्षिक योग्यता
पीओ पद के लिए ग्रेजुएट और क्लर्क पद के लिए इंटरमीडिएट जरूरी है। इसके साथ ही कैंडिडेट को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कम्प्यूटर लिटरेसी का सर्टिफिकेट जरूरी है। अन्य प्रोफेशनल्स के लिए संबंधित क्षेत्र में डिग्री या डिप्लोमा होना आवश्यक होता है। पीओ पद के लिए उम्र सीमा जनरल कैंडिडेट के लिए 21 से 30 वर्ष तथा क्लर्क के लिए 18 से 28 वर्ष निर्धारित होती है।
चयन प्रक्रिया
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्राय: पीओ और क्लर्क पदों के लिए दो स्तरीय परीक्षाएं होती हैं। पहले चरण में लिखित परीक्षा तथा दूसरे चरण में ग्रुप डिस्कशन व साक्षात्कार होता है। पहले चरण में न्यूनतम क्वालिफाइंग माक्र्स हासिल करने वाले अभ्यर्थी को ही दूसरे चरण के लिए बुलाया जाता है। इन चरणों में प्राप्त अंकों के योग के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। इसके बाद ही अंतिम रूप से चयन होता है। इसमें वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं। अंग्रेजी भाषा, तर्कशक्ति परीक्षण, डाटा एनालिसिस व इंटरप्रिटेशन और सामान्य जानकारी से संबंधित प्रश्न रहते हैं। लिखित परीक्षा के दूसरे चरण में एक घंटे की वर्णनात्मक अर्थात डिस्क्रिप्टिव प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसके लिए 50 अंक निर्धारित होते हैं। दूसरे प्रश्नपत्र में पांच अनिवार्य प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका उत्तर 250-300 शब्दों में देना जरूरी है। इसमें क्वाालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों को ही ग्रुप डिस्कशन व साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
ग्रुप डिस्कशन व साक्षात्कार
कई बैंकों में सिर्फ साक्षात्कार लिया जाता है, जबकि एसबीआई पीओ की परीक्षा में ग्रुप डिस्कशन भी कराया जाता है। ग्रुप डिस्कशन में अभ्यर्थी के कॉन्फिडेंस लेवल और नेतृत्व क्षमता की जांच की जाती है। साक्षात्कार में अभ्यर्थियों का पर्सनैलिटी टेस्ट लिया जाता है। बैंकिंग क्षेत्र की सभी परीक्षाओं में निगेटिव मार्किंग होती है। इसमें गलत उत्तर के लिए एक-चौथाई निगेटिव मार्किंग का प्रावधान है। अर्थात चार प्रश्नों के उत्तर गलत होने पर एक सही उत्तर वाले प्रश्न के अंक काट लिए जाएंगे। अत: इसके लिए विशेष रणनीति के तहत तैयारी करना आवश्यक है।
कैसे पाएं सफलता
यदि आप बैंक परीक्षा में सफल होना चाहते हैं, तो सर्वप्रथम अपनी योग्यता को पहचानिए तथा उसके अनुरूप तैयारी आरंभ कर दीजिए। इसके लिए एक -एक पल का सदुपयोग करना शुरू कर दीजिए। आप इस भ्रम में कतई न रहें कि थोड़ी सी तैयारी से भी सफलता सुनिश्चित की जा सकती है, क्योंकि परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या सीट की अपेक्षा काफी अधिक होती है। आप बैंक की परीक्षा में तभी सफल हो सकते हैं, जब आप औरों से अलग तथा योजना के अनुरूप किसी कार्य को गंभीरता से पूरा करने की कोशिश करेंगे।
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IBPS पीओ परीक्षा के लिए याद रखने हेतु महत्वपूर्ण बातें
नए पैटर्न का रखें ध्यान
नए पैटर्न के अनुसार, परीक्षा वस्तुनिष्ठ होगी, जिसमें पांच क्षेत्रों से संबंधित प्रश्न होंगे। इसके अतिरिक्त डिसक्रिप्टिव पेपर भी होंगे। कुल 250 अंकों की परीक्षा होगी, जिसके अंतर्गत रीजनिंग, इंग्लिश लैंग्वेज, न्यूमेरिकल एबिलिटी, कम्प्यूटर नॉलेज और जनरल अवेयरनेस से संबंधित प्रश्न होंगे। कम समय में स्मार्ट स्ट्रेटजी यदि आप बैंक परीक्षा में सफल होना चाहते हैं, तो सर्वप्रथम अपनी योग्यता को पहचानिए तथा उसके अनुरूप तैयारी को अंतिम रूप दीजिए। इसके लिए एक -एक पल का सदुपयोग करना शुरू कर दीजिए। आप इस भ्रम में कतई न रहें कि अभी तो बहुत समय है या इतनी अधिक सीटें हैं कि थोडी-सी तैयारी से भी सफलता सुनिश्चित की जा सकती है। याद रखें कि इस परीक्षा में सिर्फ सफलता से ही नौकरी नहीं मिल जाती है। परीक्षा में सफल होने के बाद आप सिर्फ संबंधित सार्वजनिक बैंकों में जीडी या पीआई देने के लिए योग्य हो जाते हैं। यदि आप सिर्फ इस परीक्षा में क्वालीफाई करते हैं और अच्छे मार्क्स नहीं ला पाते हैं, तो संभव है कि आपको किसी बैंक से इंटरव्यू या जीडी के लिए कॉल लेटर नहीं आए। आप इस परीक्षा में अधिक से अधिक मार्क्स लाएं, ताकि सभी बैंकों में इंटरव्यू या जीडी का कॉल आपके पास आ सके। प्रैक्टिस जरूरी इस तरह की परीक्षा में प्रश्न इस प्रकार के होते हैं, जिन्हें करीब-करीब हर अभ्यर्थी हल कर सकता है, लेकिन कम समय में बडी संख्या में प्रश्न हल करने होते हैं। ऐसी स्थिति में समयाभाव के कारण अधिकांश स्टूडेंट्स सभी प्रश्नों को ठीक ढंग से पढ भी नहीं पाते हैं। आपको कम समय में अधिक से अधिक उत्तर देने की कोशिश करना होगा। निगेटिव मार्किग का रखें ध्यान अब प्राय: सभी बैंकों में गलत उत्तर देने पर निगेटिव मार्किग का प्रावधान है। इससे बचने के लिए पहले से ही इस बात को गांठ बांध लें कि जिन प्रश्नों के उत्तर आप नहीं जानते हैं उन्हें कभी भी सॉल्व न करें। बेहतर प्रदर्शन पर फोकस करें अक्सर स्टूडेंट के बीच इस तरह के झूठे प्रचार सुनने को मिलते हैं कि मिनिमम इतने क्वैश्चन सॉल्व करने के बाद ही परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ जा सकता है। इस तरह के झूठे प्रचार में कभी भी न फंसें। इसके लिए सिर्फ मिनिमम क्वालिफिकेशन फिक्स होता है। वास्तविकता यह है कि जितनी रिक्तियां होती हैं, उसी के अनुपात में सर्वाधिक अंक प्राप्त उम्मीदवारों को चुना जाता है।
परीक्षा के ट्रेंड से रहें अवगत
किसी भी परीक्षा की अच्छी तैयारी तभी कर पाएंगे, जब आपको संबंधित विषय की जानकारी होगी। इसके लिए सबसे पहले प्रश्नों के पैटर्न को देखें। बेहतर होगा कि पिछले वर्षो के प्रश्नपत्रों के आधार पर तैयारी की योजना बनाएं। वस्तुनिष्ठ परीक्षा में यदि प्रश्नों को तेजी और शुद्धता से हल करने की आदत नहीं है, तो अधिकांश प्रश्नों के जवाब दे पाना संभव नहीं है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए अधिक से अधिक संख्या में प्रश्नों को सही हल करने का अभ्यास करें। गणित के प्रश्नों को शॉर्टकट फार्मूले से हल करने का प्रयास करें। रीजनिंग और न्यूमेरिकल के लिए विश्वसनीय पुस्तकें पढे एवं पत्रिकाओं की मदद से प्रैक्टिस सेट हल करें। अंग्रेजी के लिए ग्रामर की प्रामाणिक पुस्तक पढें और अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्रों की सहायता से शब्द भंडार बढाते रहें। अपनी तैयारी को बेहतर शेप देने के लिए आप अभ्यास के दौरान एक लिस्ट बनाते चलें। इस लिस्ट में अपनी गलतियों को लिखें। गलतियों से सीखते हुए अपनी कमजोरियों को दूर करने की कोशिश करें। | बैंक पीओ/ मैनेजमेंट ट्रेनी की भर्ती परीक्षा हेतु रणनीति
बैंक में पीओ बनने का क्रेज युवाओं में इस समय सिर चढकर बोल रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि बदलते माहौल में बैंक की परीक्षा युवाओं के लिए काफी आकर्षक और सुविधाजनक हो गई है। आप एक परीक्षा पास करके पब्लिक सेक्टर की 19 बैंकों में प्रोबेशनरी ऑफिसर और मैनेजमेंट ट्रेनी की अगली परीक्षा के लिए योग्य हो जाते हैं। अगर आप इस पद के लिए गंभीर हैं, तो आपके लिए इस समय बेहतरीन अवसर है।
क्या आप योग्य हैं? बैंक में पीओ और मैनेजमेंट ट्रेनी के लिए ग्रेजुएट होना आवश्यक है। जनरल केटेगरी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 30 वर्ष और न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष निर्धारित है। ओबीसी के लिए अधिकतम उम्र सीमा में तीन वर्ष, एससी, एसटी के लिए 5 वर्ष और समाज के विकलांग व्यक्तियों के लिए दस वर्ष तक की छूट का प्रावधान है। सिर्फ दो स्तरीय होगी परीक्षा पब्लिक सेक्टर के बैंकों में प्राय: प्रोबेशनरी ऑफिसर पदों के लिए दो स्तरीय परीक्षाएं हो रही है। पहले चरण में लिखित परीक्षा तथा दूसरे में ग्रुप डिस्कशन व इंटरव्यू होता है। पहले चरण में क्वालिफाइंग मार्क्स हासिल करने वाले कैंडिडेट को दूसरे चरण के लिए बुलाया जाता है। दोनों चरणों में प्राप्त मार्क्स के आधार पर ही अंतिम मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। लिखित परीक्षा के पहले चरण में वस्तुनिष्ठ अर्थात ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते हैं। अंग्रेजी भाषा, तर्कशक्ति परीक्षण, मैथ्स, बैंकिंग से संबंधित सामान्य और कंप्यूटर से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके अलावा अंग्रेजी में वर्णनात्मक प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे। डिसक्रिप्टिव पेपर के अंतर्गत एस्से, प्रेसिस, लेटर राइटिंग से प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें मिनिमम क्वालीफाइंग मार्क्स लानेवाले स्टूडेंट्स के ही ऑब्जेक्टिव पेपर देखे जाएंगे। उसके बाद एक स्कोर कार्ड मिलेगा, जिसमें आपके प्राप्त अंक रहेंगे। इस स्कोर कार्ड की मान्यता एक वर्ष तक रहेगी। कहने का आशय यह है कि आपको एक वर्ष तक 19 सार्वजनिक बैंकों में लिखित परीक्षा नहीं देनी होगी। आपको सिर्फ ग्रुप डिस्कशन या इंटरव्यू अथवा दोनों के लिए बुलाया जाएगा। इसमें सफल होने के बाद आप उस बैंक में मैनेजमेंट ट्रेनी या पीओ बनने के योग्य हो जाएंगे। निगेटिव मार्किग का है प्रावधान इस परीक्षा में निगेटिव अंक का प्रावधान है। यदि आप एक प्रश्न गलत करते हैं, तो आपके एक सही प्रश्नों के प्राप्त किए गए अंकों में से एक चौथाई अंक काट लिए जाएंगे। इस कारण आप उन्हीं प्रश्नों को हल करें, जिसे अच्छी तरह से जानते हों। यदि आप उत्तर नहीं जानते हैं, तो गलत उत्तर देने से बचें। अंतिम परीक्षा है अहम यदि लिखित परीक्षा पास कर जाते हैं, तो इंटरव्यू में एंट्री करेंगे। यह अंतिम परीक्षा है। इस कारण बहुत से अभ्यर्थी इसके नाम से ही नर्वस हो जाते हैं। इस संबंध में सफल अभ्यर्थी और विशेषज्ञों का यही कहना है कि इसमें आत्मविश्वास का अहम रोल होता है। इस कारण आप किसी भी प्रश्नों का उत्तर टू दी प्वाइंट दें। यदि नहीं जानते हैं, तो गलत उत्तर देने से बचें। आप यह सोचकर जाएं कि सभी प्रश्नों का उत्तर सभी व्यक्ति नहीं दे सकते है। जहां तक प्रश्न पूछने की बात है, तो प्राय: सभी इंटरव्यू करेंट से संबंधित होते हैं। इस कारण आप देश-विदेश की प्रमुख घटनाओं, खेलों, संधियों पर बारीक नजर रखें। इसमें ओवरकॉन्फिडेंस से बचें। इंटरव्यू व्यक्तित्व परीक्षण का एक भाग है, जिसके माध्यम से आपके व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाता है। अपने बेहतर व्यक्तित्व को बिना किसी झिझक के आगे लाएं। कमियां है, तो उसे समय रहते दूर करें। यदि इस तरह की सोच के साथ इंटरव्यू और जीडी में जाते हैं, तो कोई कारण नहीं कि आप इसमें सफल न हो सकें। |
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