एथिकल हैकर, जिसे "व्हाइट हैट हैकर" भी कहा जाता है, वह व्यक्ति होता है जो संगठनों की कंप्यूटर प्रणालियों, नेटवर्क और एप्लिकेशनों में सुरक्षा कमजोरियों की पहचान करने के लिए नैतिक हैकिंग तकनीकों का उपयोग करता है। इसका उद्देश्य इन कमजोरियों को सही समय पर पहचानना और उन्हें ठीक करना है ताकि दुर्भावनापूर्ण हैकर्स (ब्लैक हैट हैकर्स) इनका दुरुपयोग न कर सकें। एथिकल हैकिंग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो साइबर सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
कोर्स की संरचना
एथिकल हैकिंग के कोर्स में कई विषयों और तकनीकों का अध्ययन होता है। यह कोर्स आमतौर पर तीन से चार साल का होता है और इसमें विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषाओं, नेटवर्क सुरक्षा, वेब एप्लिकेशन सुरक्षा, और अन्य तकनीकी विषयों का गहन ज्ञान प्रदान किया जाता है।
प्रथम वर्ष
सेमेस्टर 1:
प्रोग्रामिंग फंडामेंटल्स:
प्रोग्रामिंग की बुनियादी बातें।
पायथन, सी, सी++ जैसी भाषाओं में कोडिंग।
नेटवर्किंग फंडामेंटल्स:
नेटवर्किंग के बुनियादी सिद्धांत।
OSI मॉडल, TCP/IP प्रोटोकॉल, और नेटवर्क डिवाइस।
इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी प्रिंसिपल्स:
इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी के मूल सिद्धांत।
कॉन्फिडेंशियलिटी, इंटीग्रिटी, और अवेलेबिलिटी।
कम्युनिकेशन स्किल्स:
प्रभावी संचार और पेशेवर लेखन।
सेमेस्टर 2:
डेटा स्ट्रक्चर्स:
लिंक्ड लिस्ट, स्टैक्स, क्यूज, और ग्राफ जैसी डेटा स्ट्रक्चर्स।
डेटा स्ट्रक्चर्स के कार्यान्वयन और उपयोग।
ऑपरेटिंग सिस्टम:
ऑपरेटिंग सिस्टम के सिद्धांत।
प्रोसेस मैनेजमेंट, थ्रेड्स, और सिमेंटिक्स।
नेटवर्क सिक्योरिटी:
नेटवर्क सिक्योरिटी के सिद्धांत।
फायरवॉल्स, आईडीएस/आईपीएस, और वीपीएन।
प्रोजेक्ट वर्क:
छोटे सुरक्षा प्रोजेक्ट्स का विकास।
द्वितीय वर्ष
सेमेस्टर 3:
एथिकल हैकिंग टूल्स:
एथिकल हैकिंग टूल्स का परिचय।
Nmap, Wireshark, Metasploit का उपयोग।
वेब एप्लिकेशन सिक्योरिटी:
वेब एप्लिकेशन सिक्योरिटी के सिद्धांत।
SQL Injection, Cross-Site Scripting (XSS)।
क्रिप्टोग्राफी:
क्रिप्टोग्राफी के बुनियादी सिद्धांत।
सिमेट्रिक और असिमेट्रिक एन्क्रिप्शन।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग:
सॉफ्टवेयर विकास जीवन चक्र।
सॉफ्टवेयर विकास पद्धतियाँ और मॉडल।
सेमेस्टर 4:
एडवांस्ड नेटवर्क सिक्योरिटी:
उन्नत नेटवर्क सिक्योरिटी तकनीकें।
नेटवर्क एनालिसिस और मॉनिटरिंग।
मोबाइल एप्लिकेशन सिक्योरिटी:
मोबाइल एप्लिकेशन सिक्योरिटी के सिद्धांत।
एंड्रॉइड और iOS एप्लिकेशन सिक्योरिटी।
मैलवेयर एनालिसिस:
मैलवेयर के प्रकार और उनका विश्लेषण।
एंटीवायरस तकनीकें और उपाय।
इंटरनशिप:
उद्योग में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए इंटर्नशिप।
तृतीय वर्ष
सेमेस्टर 5:
पैठ परीक्षण (Penetration Testing):
पैठ परीक्षण के सिद्धांत।
वल्नरेबिलिटी स्कैनिंग और एक्सप्लॉइटेशन।
क्लाउड सिक्योरिटी:
क्लाउड कंप्यूटिंग और सिक्योरिटी।
AWS, Azure, Google Cloud सिक्योरिटी।
सोशल इंजीनियरिंग:
सोशल इंजीनियरिंग के सिद्धांत।
फिशिंग, प्रीटेक्स्टिंग, और अन्य तकनीकें।
प्रोजेक्ट वर्क:
एक संपूर्ण सुरक्षा प्रोजेक्ट का विकास।
सेमेस्टर 6:
रिवर्स इंजीनियरिंग:
रिवर्स इंजीनियरिंग के सिद्धांत।
बायनरी एनालिसिस और डिबगिंग।
देवऑप्स सिक्योरिटी:
देवऑप्स प्रैक्टिसेस और सिक्योरिटी।
कंटीन्यूअस इंटीग्रेशन और डिलीवरी।
इंडस्ट्रियल विजिट्स:
उद्योग में वास्तविक दुनिया का अनुभव।
समग्र मूल्यांकन:
छात्रों के ज्ञान और कौशल का समग्र मूल्यांकन।
चौथा वर्ष
सेमेस्टर 7:
एथिकल हैकिंग सर्टिफिकेशन:
एथिकल हैकिंग सर्टिफिकेशन की तैयारी।
CEH (Certified Ethical Hacker), CISSP, OSCP की तैयारी।
साइबर लॉ और एथिक्स:
साइबर कानून और नैतिकता।
डेटा प्राइवेसी और कानूनी मुद्दे।
फॉरेंसिक एनालिसिस:
डिजिटल फॉरेंसिक के सिद्धांत।
एविडेंस कलेक्शन और एनालिसिस।
इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट:
उद्योग आधारित प्रोजेक्ट का विकास।
सेमेस्टर 8:
फाइनल इयर प्रोजेक्ट:
एक प्रमुख सुरक्षा प्रोजेक्ट का विकास और तैनाती।
वास्तविक दुनिया की समस्या का समाधान।
इंटरशिप और प्लेसमेंट:
उद्योग में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए इंटर्नशिप।
प्लेसमेंट और कैरियर गाइडेंस।
एथिक्स और प्रोफेशनल प्रैक्टिस:
पेशेवर नैतिकता और व्यवहार।
साइबर सुरक्षा में कानूनी मुद्दे।
समग्र मूल्यांकन:
छात्रों के ज्ञान और कौशल का समग्र मूल्यांकन।
कौशल विकास
प्रोग्रामिंग और कोडिंग:
विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषाओं में दक्षता।
कोडिंग तकनीकें और बेस्ट प्रैक्टिसेस।
नेटवर्क सिक्योरिटी:
नेटवर्क सिक्योरिटी के सिद्धांत और तकनीकें।
फायरवॉल्स, आईडीएस/आईपीएस, और वीपीएन।
वेब एप्लिकेशन सिक्योरिटी:
वेब एप्लिकेशन सिक्योरिटी के सिद्धांत।
SQL Injection, XSS, और CSRF।
क्रिप्टोग्राफी:
एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन तकनीकें।
सिमेट्रिक और असिमेट्रिक क्रिप्टोग्राफी।
पैठ परीक्षण:
पैठ परीक्षण के सिद्धांत।
वल्नरेबिलिटी स्कैनिंग और एक्सप्लॉइटेशन।
मैलवेयर एनालिसिस:
मैलवेयर के प्रकार और उनका विश्लेषण।
एंटीवायरस तकनीकें और उपाय।
सोशल इंजीनियरिंग:
सोशल इंजीनियरिंग तकनीकें।
फिशिंग, प्रीटेक्स्टिंग, और अन्य तकनीकें।
करियर अवसर
एथिकल हैकर:
संगठनों की सुरक्षा प्रणाली में कमजोरियों की पहचान करना और उन्हें ठीक करना।
सिक्योरिटी एनालिस्ट:
सुरक्षा एनालिसिस और जोखिम मूल्यांकन।
नेटवर्क सिक्योरिटी इंजीनियर:
नेटवर्क सिक्योरिटी का प्रबंधन और सुरक्षा उपायों का कार्यान्वयन।
वेब एप्लिकेशन सिक्योरिटी विशेषज्ञ:
वेब एप्लिकेशन सिक्योरिटी का परीक्षण और सुधार।
क्रिप्टोग्राफी इंजीनियर:
क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम्स का विकास और प्रबंधन।
फॉरेंसिक एनालिस्ट:
डिजिटल फॉरेंसिक एनालिसिस और एविडेंस कलेक्शन।
देवऑप्स सिक्योरिटी इंजीनियर:
देवऑप्स प्रैक्टिसेस और सिक्योरिटी।
एडमिशन प्रक्रिया
एथिकल हैकिंग में प्रवेश के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है:
शैक्षिक योग्यता:
12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ उत्तीर्ण।
उच्चतम ग्रेड और प्रतिष्ठित संस्थानों से डिग्री प्राप्त करना।
प्रवेश परीक्षाएं:
JEE, CET, या अन्य संबंधित प्रवेश परीक्षाएं।
इन परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन।
इंटरव्यू:
व्यक्तिगत इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन।
विषय ज्ञान और संचार कौशल का मूल्यांकन।
इंटर्नशिप और वर्क एक्सपीरियंस:
प्रतिष्ठित आईटी कंपनियों में इंटर्नशिप।
प्रासंगिक कार्य अनुभव और नेटवर्किंग।
निष्कर्ष
एथिकल हैकिंग का कोर्स छात्रों को एक संपूर्ण सुरक्षा प्रणाली का ज्ञान और कौशल प्रदान करता है। इस कोर्स के माध्यम से, छात्र विभिन्न सुरक्षा तकनीकों, पैठ परीक्षण पद्धतियों, और सिस्टम डिज़ाइन का उपयोग कर सुरक्षा प्रणाली का विकास कर सकते हैं। एथिकल हैकिंग में करियर बनाने के लिए तकनीकी ज्ञान, विश्लेषणात्मक कौशल, और प्रैक्टिकल अनुभव आवश्यक होते हैं। यह क्षेत्र न केवल वित्तीय लाभ प्रदान करता है बल्कि व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के कई अवसर भी प्रदान करता है।
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