Tuesday, December 20, 2022

ग्रामीण हेल्थकेयर वर्कर बनकर संवारें कॅरियर

ग्रामीण हेल्थ केयर वर्कर्स एक मध्य स्तरीय स्वास्थ्य कर्मचारी होते हैं जो सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं का निदान और इलाज करने के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में प्रारंभिक प्रबंधन यानी शुरुआती इलाज उपलब्ध करा सकें और आगे के इलाज के लिए गंभीर रूप से बीमार या घायल मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाया जा सके। एक ग्रामीण हेल्थ केयर वर्कर हमारे देश की स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्रामीण हेल्थ केयर वर्कर की प्राथमिक जिम्मेदारियों में मामूली बीमारियों का इलाज, बुजुर्ग लोगों की देखभाल, गर्भवती महिलाओं और बच्चों की देखभाल शामिल होते हैं। इसके अलावा वे परिवार नियोजन सेवाओं, स्वच्छता के लिए जागरुकता फैलाना और स्वच्छता को बढ़ावा देना, संचारी रोगों के लिए स्क्रीनिंग, स्वास्थ्य शिक्षा गतिविधियों का प्रदर्शन, आंकड़े इकट्ठा करना, रिकॉर्ड बनाए रखना और स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने पर क्षेत्रीय लोगों को अस्पतालों तक पहुंचवाने का काम भी करते हैं। वे मेडिकल प्रोफेशनल्स और शिक्षकों के लिए डाटा एकत्र करने से लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा करने में भी मदद करते हैं। ग्रामीण हेल्थ केयर वर्कर ग्रामीण समुदाय के साथ मिलकर गांवों में स्वास्थ्य और स्वच्छता जागरुकता पर चर्चाएं भी करते हैं।

कैसे बने हेल्थ केयर वर्कर

इस काम को वही कर सकता है जो सेवाभावी हो। जिसके मन में स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों को जड़ से निकाल फेंकने का सपना हो। अगर आपमें यह सभी खूबियां हैं तो इस फील्ड को कॅरियर चुन सकते हैं। इस फील्ड में कॅरियर बनाने के लिए अभ्यर्थी को किसी भी संकाय से और मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास करना जरूरी होता है।
क्या होगी सैलेरी

डिप्लोमा इन रूरल हेल्थ केयर का कोर्स करने के बाद आप बतौर कर्मचारी कॅरियर की शुरुआत कर सकते हैं। इन्हें शुरुआत में 10 हजार से लेकर 15 हजार रुपए तक मिल सकता है। अनुभव होने के साथ ही आप सुपरवाइजर या डवलपमेंट ऑफिसर बन सकते हैं।
कोर्स के बारे में जानकारी

अभ्यर्थी रूरल हेल्थ केयर में 1 वर्ष और 2 वर्ष का डिप्लोमा लेकर इस फील्ड में एक्सपर्ट बन सकते हैं और इस फील्ड से जुड़े हर एक कार्य को प्रैक्टिकली जान और समझ सकते हैं। कोर्स के दौरान उन्हें सिखाया जाता है कि ग्रामीण इलाकों में आपातकालीन स्थिति में किस तरह समुचित मेडिकल सुविधाओं का प्रबंध कराया जाए। उन्हें अलग-अलग माध्यमों का इस्तेमाल करके जागरुकता के संदेश लोगों तक पहुंचाना और किसी परेशानी के समय गर्भवती महिलाओं और बच्चों की देखभाल करने की ट्रेनिंग दी जाती है।
अवसर: आप स्वास्थ्य विभाग, परिवार नियोजन मंत्रालय, पर्यावरण विभाग के अलावा सरकारी व गैर सरकारी एनजीओ में नौकरी कर सकते हैं। आप चाहें तो प्राइवेट कंपनी के सीएसआर विभाग में नौकरी कर सकते हैं।
ग्रामीण हेल्थकेयर वर्कर बनकर आप ग्रामीण इलाकों में आपातकालीन स्थिति में मेडिकल सुविधाओं का बेहतरीन प्रबंधन कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

महर्षि मर्केंडेश्वर यूनिवर्सिटी, अम्बाला, हरियाणा
www.mmumullana.org
इंडियन मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, जालंधर
www.iminursing.in
इंस्टीट्यूट ऑफ एलाइड हेल्थ साइंसेज, कोलकाता
www.iahs.co.in
दिल्ली पैरा एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
www.dpmiindia.com

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