Saturday, May 23, 2020

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में करियर

बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी या इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक एक 4 वर्ष का अंडरग्रेजुएट लेवल कोर्स है. जैसेकि इसके नाम से पता चलता है, इस कोर्स में इंजीनियरिंग की दो बेसिक फ़ील्ड्स – इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्यूनिकेशन – का एक साथ अध्ययन करवाया जाता है. इस कोर्स को पढ़ने वाले स्टूडेंट्स इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, सर्किट्स, ट्रांसमीटर, रिसीवर, इंटीग्रेटेड सर्किट्स जैसे कम्युनिकेशन इक्विपमेंट्स के बारे में सीखते और जानकारी प्राप्त करते हैं. इस कोर्स में बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स, एनालॉग और डिजिटल ट्रांसमिशन्स के साथ डाटा-रिसेप्शन, माइक्रोप्रोसेसर्स, सेटेलाइट कम्युनिकेशन, माइक्रोवेव इंजीनियरिंग, एंटीना और वेव प्रोग्रेशन आदि का भी अध्ययन शामिल है. यह कोर्स करने पर स्टूडेंट्स को इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन की फील्ड में काम करने के लिए अपेक्षित बेसिक कॉन्सेप्ट्स और थ्योरीज की जानकारी और स्किल सेट्स को बढ़ाने में मदद मिलती है.

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक – पात्रता मानदंड

किसी भी अंडरग्रेजुएट लेवल के इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, स्टूडेंट्स ने देश के किसी मान्यताप्राप्त शिक्षण बोर्ड से अपनी 12वीं क्लास की परीक्षा अवश्य पास की हो. इसके अलावा:

  • स्टूडेंट ने कम से कम क्वालीफाइंग मार्क्स के साथ साइंस विषय (अर्थात फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स में से कोई एक विषय कोर विषय के तौर पर पढ़ा हो) में 12 वीं क्लास का एग्जाम पास किया हो. (कम से कम क्वालीफाइंग मार्क्स विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अलग-अलग हो सकते हैं).
  • कैंडिडेट को इंजीनियरिंग के लिए जेईई मेंस एंट्रेंस एग्जाम और अन्य उपयुक्त कम्पीटीटिव एग्जाम देने होंगे. जेईई मेंस एंट्रेंस एग्जाम भारत में अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन देने के लिए सीबीएसई द्वारा आयोजित किया जानवे वाला कॉमन नेशनल लेवल एंट्रेंस एग्जाम है. जेईई मेंस एंट्रेंस एग्जाम पास करने के बाद ही स्टूडेंट्स ज्वाइंट एडवांस्ड एंट्रेंस एग्जाम दे सकते हैं. कुछ कॉलेज अपने एंट्रेंस एग्जाम्स भी आयोजित करते हैं.

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक – एंट्रेंस एग्जाम्स

भारत में जेईई मेन्स इंजीनियरिंग करने के इच्छुक कैंडिडेट्स के लिए सबसे महत्वपूर्ण एंट्रेंस एग्जाम है. भारत में अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेज जेईई मेन्स मेरिट लिस्ट के आधार पर स्टूडेंट्स को एडमिशन देते हैं. सुप्रसिद्ध आईआईटीज में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को जेईई एडवांस्ड एंट्रेंस एग्जाम पास करना होता है. लेकिन, जेईई एडवांस्ड एंट्रेंस एग्जाम देने के लिए आपको पहले जेईई मेन्स एग्जाम पास करना होगा. राष्ट्रीय, राज्य और विश्वविद्यालय के सत्रों पर कई अन्य इंजीनियरिंग एग्जाम्स भी आयोजित किये जाते हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के लिए कुछ लोकप्रिय इंजीनियरिंग एग्जाम्स निम्नलिखित हैं:

राष्ट्रीय स्तर:

• ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम – मेन्स (जेईई मेन)

• ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम – एडवांस्ड (जेईई एडवांस्ड)

राज्य स्तर:

• महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एमएचटी-सीईटी)

• उत्तर प्रदेश राज्य एंट्रेंस एग्जाम (यूपीएसईई)

• कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (केसीईटी)

विश्वविद्यालय स्तर:

• वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (वीआईटीईई)

• बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस एडमिशन टेस्ट (बीआईटीएसएटी)

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक अपने में एक सम्पूर्ण कोर्स है.

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक – लोकप्रिय स्पेशलाइजेशन्स

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स इस फील्ड के विभिन्न उप-विषयों में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं. कुछ महत्वपूर्ण उप-विषय निम्नलिखित हैं:

  • सिग्नल प्रोसेसिंग – इसमें सिंगल्स के एनालिसिस, सिंथिसिस और मॉडिफिकेशन का अध्ययन शामिल है.
  • टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग – इस फील्ड में टेलीकम्यूनिकेशन सिस्टम्स को सपोर्ट और बढ़ावा दिया जाता है. इसके तहत बेसिक सर्किट डिज़ाइन से लेकर स्ट्रेटेजिक मास डेवलपमेंट्स तक सभी कार्य शामिल होते हैं.
  • कंट्रोल इंजीनियरिंग – यह फील्ड उन कंट्रोलर्स की डिजाइनिंग से संबद्ध है जो मशीन के बिहेवियर को माइक्रो-कंट्रोलर्स, प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर्स, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसर्स और इलेक्ट्रिकल सर्किट्स का इस्तेमाल करके कंट्रोल करते हैं.
  • इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग – यह फील्ड प्रेशर, फ्लो और टेम्परेचर की मेजरिंग डिवाइसेज की डिजाइनिंग से संबद्ध है. इस फील्ड के लिए स्टूडेंट्स को फिजिक्स की काफी अच्छी जानकारी और समझ होनी चाहिए.
  • कंप्यूटर इंजीनियरिंग – इस विषय के तहत कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को डेवलप करने के लिए जरुरी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस की विभिन्न फ़ील्ड्स को एकीकृत किया जाता है.
  • वीएलएसआई डिज़ाइन इंजीनियरिंग – वैरी-लार्ज-स्केल इंटीग्रेशन (वीएलएसआई): यह बिलियन्स ट्रांजिस्टर्स को सिंगल चिप में जोड़ने के द्वारा इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) बनाने की प्रोसेस है. 

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक – मुख्य विषय और सिलेबस

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में शामिल कुछ मुख्य विषय निम्नलिखित हैं:

• रैखिक एकीकृत/ लीनियर इंटीग्रेटेड सर्किट्स

• एम्बेडेड सिस्टम्स

• वीएलएसआई डिजाइन

• मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक – टॉप कॉलेजेज

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग कोर्सेज की लगातार बढ़ती लोकप्रियता और डिमांड के कारण, आजकल अधिकांश संस्थान यह कोर्स ऑफर कर रहे हैं. इनमें से हम आपकी सहूलियत के लिए यूजीसी द्वारा मान्यताप्राप्त कुछ लोकप्रिय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट्स पेश कर रहे हैं जिन्हें वर्ष 2018 के लिए एनआईआरएफ रैंकिंग में टॉप 10 केटेगरीज में शामिल किया गया है:

• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी खड़गपुर, खड़गपुर

• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी दिल्ली, दिल्ली

• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी कानपुर, कानपुर

• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी रुड़की, रुड़की

• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी, गुवाहाटी

• अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई

• जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता

• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी हैदराबाद, हैदराबाद

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद करियर के अवसर

एक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर के तौर पर, कोई भी व्यक्ति एविएशन, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिसिटी प्लांट्स, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसपोर्टेशन, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर एप्लीकेशन आदि में काम कर सकता है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर्स के लिए कुछ अन्य लोकप्रिय रोज़गार के क्षेत्र निम्नलिखित हैं:

• भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (आईईएस)

• भारतीय टेलीफोन उद्योग

• सेमीकंडक्टर, चिप डिजाइन-इंडस्ट्रीज

• इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड

• तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड

• सिविल एविएशन डिपार्टमेंट

• स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडियन लिमिटेड (सेल)

• पॉवर सेक्टर

• इंडियन रेलवे

• भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड

• भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)

• सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद जॉब के अवसर

यह कोर्स करने पर स्टूडेंट्स ब्राडकास्टिंग, कंसल्टिंग, डाटा कम्युनिकेशन, एंटरटेनमेंट, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, सिस्टम सपोर्ट आदि जैसे अन्य कई मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के संगठनों में काम कर सकते हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर्स के लिए कुछ बढ़िया जॉब प्रोफाइल्स निम्नलिखित हैं:

• इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर

• फील्ड टेस्ट इंजीनियर

• नेटवर्क प्लानिंग इंजीनियर

• इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन्स कंसलटेंट

• कस्टमर सपोर्ट इंजीनियर

• इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्निशियन

• एसोसिएट फर्स्टलाइन टेक्निशियन

• रिसर्च एंड डेवलपमेंट सॉफ्टवेयर इंजीनियर

• सर्विस इंजीनियर

• सीनियर सेल्स मैनेजर

• टेक्निकल डायरेक्टर

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक – लोकप्रिय रिक्रूटर्स

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर्स के लिए जॉब के अच्छे अवसर उपलब्ध करवाने वाले कुछ लोकप्रिय रिक्रूटर्स निम्नलिखित हैं:

सरकारी क्षेत्र की कंपनियां

• दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी)

• रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)

• भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)

निजी क्षेत्र की कंपनियां

• एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड

• कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस

• एचसीएल टेक्नोलॉजीज

• हेवलेट पैकर्ड

• हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया लिमिटेड

• इंफोसिस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड

• एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंक

• टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस)

• विप्रो लिमिटेड

• सीमेंस

• टेक महिंद्रा

• एनवीआईडीआईए

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद सैलरी प्रॉस्पेक्ट्स

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में सैलरी प्रॉस्पेक्ट्स बहुत बढ़िया हैं. लेकिन, आपको कैसा सैलरी पैकेज मिलेगा?... यह कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है जैसेकि, वर्किंग स्किल्स, क्वालिफिकेशन्स, वर्किंग एरिया, रिक्रूटर्स सहित अन्य फैक्टर्स आदि. हालांकि, एक फ्रेश कॉलेज ग्रेजुएट के तौर पर, आप 2-3 लाख प्रति वर्ष सैलरी कमा सकते हैं और 5-7 वर्ष के अनुभव के बाद आप प्रति वर्ष 8-9 लाख रु. कमा सकते हैं. 

कौन से स्टूडेंट्स करें यह कोर्स?

जो स्टूडेंट्स प्रॉब्लम-सॉल्विंग में कुशल होते हैं और सूचनाओं को सटीक, संक्षिप्त और असरदार ढंग से पेश करने में माहिर हैं तथा असंगत फैक्ट्स में से संगत फैक्ट्स चुनने की क्षमता जिनमें होती है, उन स्टूडेंट्स के लिए यह कोर्स बिलकुल सही रहेगा. इसके साथ ही, स्टूडेंट्स के पास जिज्ञासु दिमाग होना चाहिए और वे आलोचना को स्वीकार करके उस पर काम करने की इच्छा जाहिर करें. 

आप क्यों करें यह कोर्स?

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग एक काफी लोकप्रिय इंजीनियरिंग विषय है. प्रति वर्ष हजारों स्टूडेंट्स भारत के विभिन्न संस्थानों में इस कोर्स में एडमिशन लेते हैं. यह कोर्स ऐसे तैयार किया गया है ताकि स्टूडेंट्स को कम्प्लेक्स सिस्टम्स को प्लान, डिज़ाइन, इनस्टॉल, ऑपरेट, कंट्रोल और मेनटेन करना सीखने में मदद मिल सके. यह कोर्स स्टूडेंट्स के लिए बेहतरीन करियर विकल्प पेश करता है. यह कोर्स स्टूडेंट्स को टेलिकॉम इंडस्ट्रीज और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज से संबद्ध दो विभिन्न सेक्टर्स में काम करने के अवसर भी उपलब्ध करवाता है.

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