लोगों से बातें करना और उनकी दिलचस्प बातें सुनना पसंद है तो रेडियो जॉकी बनकर अच्छी कमाई कर सकते हैं. आज रेडियो जॉकी का कार्यक्षेत्र काफी फैल हो गया है. जहां एक रेेडियो जॉकी पूरे प्रोग्राम की तैयारी करता है, वहीं अपनी आवाज का लोहा भी मनवाता है. एफएम चैनलों के आने पर जिस तरह से इसमें करियर की संभावनाएं बढ़ी हैं, उसके चलते युवाओं को यह फील्ड काफी भा रही है. जानें कैसे बन सकते हैं रेडियो जॉकी...
रेडियो जॉकी का काम
एक रेडियो जॉकी का काम सिर्फ रेडियो शो करना ही नहीं होता बल्कि उनके कार्यक्षेत्र में म्यूजिक प्रोग्रामिंग, स्टोरी राइटिंग, रेडियो एडवरटाइजिंग करने से लेकर ऑडियो मैगजीन और डॉक्यूमेंट्री भी पेश करने होते हैं. वहीं आपको बता दें, एक रेडियो जॉकी की जॉब 9 से 5 की रेगुलर जॉब नहीं है. रेडियो में आपको दिन या रात कभी भी शो होस्ट करना होता है.
वहीं ये कहना गलत नहीं होगा कि एक रेडियो जॉकी को एक पत्रकार की भूमिका भी निभाते हैं. वह देश−विदेश में होने वाली गतिविधियों की जानकारी होनी चाहिए बल्कि उसे अपने शहर की सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में भी पता होना चाहिए ताकि वह अपने शो को और भी बेहतर और इंर्फोमेटिव बना सके. इसी के साथ आरजे अपने शो से पहले स्क्रिप्ट लिखते हैं, लेकिन फिर भी आपको शो के दौरान आपको बातों के साथ खेलना आना चाहिए था.
योग्यता
रेडिया जॉकी का कोर्स 12वीं के बाद भी किया जा सकता है. जिसके बाद आप किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं. आज देश के हर राज्य में ऐसे बहुत से संस्थान हैं जो रेडियो जॉकी बनने के लिए प्रोफेशनल डिग्री और डिप्लोमा कोर्स कराते हैं.
इस क्षेत्र में कमाई
शुरुआती दौर में 15 से 20 हजार रुपए की सैलरी पर नौकरी मिल जाती है. यह अलग बात है कि इसके लिए विभिन्न तरह की परीक्षा से गुजरना पड़ता है जैसे वॉयस चैकअप आदि. जैसे-जैसे आपका एक्सपीरिंस बढ़ेगा आपकी सैलरी भी में भी बढ़ोतरी होगी.
राइटिंग और प्रेजेंटिंग स्किल्स
एक अच्छा आरजे अपनी स्क्रिप्ट भी खुद लिखता है. इसलिए अपने प्रोग्राम या शो को दिलचस्प बनाने के लिए दिलचस्प अंदाज के साथ लिखना भी आना चाहिए और लिखने के बाद उसे उतने ही शानदार अंदाज के साथ प्रस्तुत करना भी आना चाहिए.
सेंस ऑफ ह्यूमर
बोरिंग एंकरिग या होस्टिंग कौन पसंद करता है? लिहाजा अच्छे आरजे में सेंस ऑफ ह्यूमर का होना जरूरी है. ताकि वह अपने प्रोग्राम को मजेदार बना सकता है.
बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स
आरजे को आम लोगों से लेकर सेलिब्रिटीज से बातचीत करना होती है लिहाजा कम्युनिकेशन स्किल्स बढ़िया होनी चाहिए, ताकि वह बात को बेहतर ढंग से कह सके.
क्रिएटिविटी का होना जरूरी
बिना क्रिएटिविटी के आपका रेडियो जॉकी बन पाना मुश्किल है. एक रेडियो जॉकी का क्रिएटिव होना जरूरी है. स्क्रिप्ट से लेकर कार्यक्रम प्रस्तुत करने में रचनात्मक होना चाहिए.
यहां मिलेंगे अवसर
इस क्षेत्र में सॉफ्टवेयर प्रोड्यूसिंग कंपनी और एंकरिंग दोनों क्षेत्रों में अच्छा ऑप्शन मिलता है. मुख्य रूप से ऑल इंडिया रेडियो हर तीन महीने पर आरजे यानी रेडियो जॉकी के लिए ऑडिशन कराता रहता है. इसके अलावा कुछ कंपनियां दो महीनों में भी ये ऑडिशन टेस्ट आयोजित करती हैं. इस क्षेत्र में ऑल इंडिया रेडियो एफ एम, टाइम्स एफ एम, रेडियो मिड-डे सॉफ्टवेयर प्रोड्यूसर आदि रेडियो स्टेशन में जॉब अप्लाई कर सकते हैं.
रेडियो जॉकी के कोर्सेज
डिप्लोमा इन रेडियो प्रोग्रामिंग व ब्रॉडकास्ट मैनेजमेंट.
डिप्लोमा इन रेडियो प्रोडक्शन व रेडियो जॉकी.
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रेडियो एंड ब्रॉडकास्ट मैनेजमेंट.
सर्टिफिकेट कोर्स इन रेडियो जॉकिंग.
प्रमुख संस्थान
मीडिया एंड फिल्म इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया, मुंबई
करियर फेम, कोलकाता
सेंटर फॉर रिसर्च इन आर्ट ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, नई दिल्ली
इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन, नई दिल्ली
मुद्रा इंस्टीच्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन, अहमदाबाद
एजेके एमसीआरसी जामिया, मिलिया, इस्लामिया, नई दिल्ली
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