कमर्शियल पायलट का काम बेशक रोमांचकारी है, पर यह बेहद जिम्मेदारी और समझदारी की मांग भी करता है। यदि आप इस जिम्मेदारी को उठाने का साहस खुद में पाते हैं तो एविएशन क्षेत्र का यह महत्वपूर्ण काम आपको एक अच्छा करियर बनाने का अवसर प्रदान कर सकता है। कैसे, बता रहे हैं वेदव्रत काम्बोज
एविएशन सेक्टर में हाल की तमाम उठा-पटक के बावजूद भारत में यह क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है। यदि इस विकास को आंकड़ों में आंका जाए तो यह सेक्टर 25 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रहा है। नई-पुरानी लगभग सभी एयरलाइंस जहाजों के नए बेड़े बनाने में जुटी हैं। इसके अलावा देश के बड़े उद्योगपतियों का निजी विमान रखने की ओर रुझान बढ़ रहा है। जब इंडस्ट्री विकास करेगी और विमानों की संख्या में इजाफा होगा तो कमर्शियल पायलटों की मांग भी बढ़ेगी। फिलहाल भारत में कमर्शियल पायलट मांग के हिसाब से काफी कम हैं। परिणामस्वरूप उपलब्ध पायलटों को ऊंचे से ऊंचे वेतन पर रखा जा रहा है। अगर आपने 12वीं साइंस (फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथमेटिक्स) से की हुई है या करने जा रहे हैं तो आपके लिए यहां अच्छे अवसर हैं।
एक कमर्शियल पायलट का काम हालांकि काफी रोमांच से भरा होता है, लेकिन इसमें जिम्मेदाराना सोच और समझदारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रोमांच इस रूप में कि पायलट को देश-विदेश में घूमने का अवसर मिलता है, उसकी जीवनशैली काफी आकर्षक होती है, वेतन और भत्ते भरपूर होते हैं और जिम्मेदारी इस रूप में कि उसे रोजाना जटिल मशीनों से जूझना पड़ता है, सैकड़ों यात्रियों की सुरक्षित यात्रा का दबाव रहता है, आकाश में उड़ते समय सामने आने वाले तमाम खतरों से जूझना होता है। पर विमान की सफल लैंडिंग गर्व और सम्मान का अनुभव कराती है।
एक कमर्शियल पायलट सभी तरह के एयरक्राफ्ट जैसे विशाल पैसेंजर जेट, कार्गो और चार्टर्ड विमान उड़ाता है। विमान का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है पायलट। उसका काम बेहद विशेषज्ञतापूर्ण होता है। उसमें एयर नेविगेशन का ज्ञान, मौसम संबंधी रिपोर्टो की व्याख्या, इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल कंट्रोल को हैंडल करने की दक्षता, विभिन्न हवाई अड्डों के कंट्रोल टावरों से संपर्क और विपरीत परिस्थितियों में विमान का नेतृत्व करने का सामथ्र्य होना चाहिए। विमान का कैप्टन क्रू रिसोर्स मैनेजमेंट और ग्राउंड स्टाफ, केबिन क्रू, यात्रियों, कैटरिंग स्टाफ, विमान इंजीनियरों, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और अन्य एजेंसीज से सामन्जस्य बना कर रखता है।
पायलट बनने की यात्राकमर्शियल पायलट का स्थान कॉकपिट में होता है, लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए उसे पहले स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (एसपीएल), फिर प्राइवेट पायलट लाइसेंस (पीपीएल) और इसके बाद कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) प्राप्त करना होता है। इसके बाद ही वह व्यावसायिक रूप से पायलट के रूप में कार्य कर सकता है। इस स्तर तक पहुंचने से पहले कुछ योग्यताओं का होना जरूरी है।
योग्यता
स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (एसपीएल)स्टूडेंट पायलट लाइसेंस (एसपीएल) पहला चरण है। इसे हासिल करने के लिए साइंस विषयों (फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथमेटिक्स) में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ 10+2 पास होना जरूरी है। उम्र न्यूनतम 16 वर्ष होनी चाहिए और ऊंचाई न्यूनतम 5 फुट। आईसाइट 6/6 होनी चाहिए। यदि ये योग्यताएं आप में हैं तो आप किसी फ्लाइंग क्लब में एसपीएल के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। यह क्लब डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए), गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से मान्यताप्राप्त होना चाहिए। मान्यताप्राप्त फ्लाइंग क्लब की जानकारी के लिए आप डीजीसीए की वेबसाइट की सहायता ले सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट, सिक्योरिटी क्लियरेंस और एक बैंक गारंटी का होना जरूरी है। एक ऑब्जेक्टिव टैस्ट होगा, जिसमें एयरक्राफ्ट, इंजिन और एयरोडायनेमिक्स की आधारभूत जानकारी की परख की जाती है। एसपीएल परीक्षा पूरे देश में आयोजित की जाती है। 23 फ्लाइंग क्लब एसपीएल जारी करते हैं। इसे करने में करीब एक लाख रुपए खर्च आता है।
प्राइवेट पायलट लाइसेंस (पीपीएल)दूसरा चरण है प्राइवेट पायलट लाइसेंस। इसमें प्रैक्टिकल और थ्योरी, दोनों की परीक्षा होती है। पीपीएल की ट्रेनिंग में साठ घंटों की उड़ान शामिल है, जिसमें लगभग 15 घंटों की डय़ूल फ्लाइट है, जो फ्लाइट इंस्ट्रुक्टर के साथ करनी होती है। तकरीबन तीस घंटों की सोलो फ्लाइट्स और लगभग पांच घंटों की क्रॉस कंट्री फ्लाइट होती हैं। इसमें सफलता के बाद पीपीएल परीक्षा के योग्य मान लिया जाता है। इस परीक्षा में एयर रेगुलेशन, एविएशन मीटरोलॉजी, एयर नेविगेशन, एयरक्राफ्ट इंजन और जहाजरानी के बारे में पूछा जाता है। इस परीक्षा को पास करने की उम्र है 17 साल। शैक्षणिक योग्यता है 10+2 और एक मेडिकल सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है, जिसे आम्र्ड फॉर्स सेंट्रल मेडिकल एस्टेब्लिशमेंट (एएफसीएमई) जारी करता है। पीपीएल के लिए दो लाख से पांच लाख के बीच खर्च आता है।
कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल)कमर्शियल पायलट लाइसेंस पीपीएल प्राप्त करने के बाद ही हासिल किया जा सकता है। सीपीएल हासिल करने के लिए 250 घंटों की फ्लाइंग जरूरी है (इसमें साठ घंटों की पीपीएल फ्लाइंग भी शामिल है)। इसके अलावा आपको एक मेडिकल फिटनेस टैस्ट भी देना होगा, जो नई दिल्ली में होता है। एक परीक्षा भी देनी होती है, जिसमें एयर रेगुलेशन्स, एविएशन मीटरोलॉजी, एयर नेविगेशन, टेक्निकल, प्लानिंग और रेडियो तथा वायरलेस ट्रांसमिशन के रूप में कम्युनिकेशन की परीक्षा ली जाती है। सीपीएल प्राप्त करने के बाद आप ट्रेनी को-पायलट के रूप में काम कर सकते हैं। छह से आठ माह की ट्रेनिंग के बाद आप को-पायलट के रूप में काम कर सकते हैं। सीपीएल प्राप्त करने के लिए आठ लाख से पंद्रह लाख रुपए तक खर्च आ सकता है।
व्यक्तिगत गुणयह अनुशासन, धैर्य, जिम्मेदारी, समयनिष्ठा, प्रतिबद्धता और आत्मविश्वास का क्षेत्र है। यह काम कठोर मेहनत, दिमागी सतर्कता, सहनशक्ति, मुश्किल टाइम शेडय़ूल के अनुसार काम करने की शक्ति और अच्छी टीम भावना की मांग करता है। यही वजह है कि आपको हर स्थिति में मानसिक रूप से सतर्क रहना होगा। साथ ही किसी आपातकालीन स्थिति में भावनात्मक रूप से स्थिर रहने का गुण भी होना चाहिए। इन तमाम विशेषताओं के अतिरिक्त अपने काम को व्यावसायिक रूप से करने की इच्छाशक्ति के अलावा आपको शांतचित्त, विनम्र, दयालु, उत्साही और तकनीकी रूप से सशक्त होना चाहिए।
जॉब संभावनाएंभारत में एविएशन सेक्टर में प्राइवेटाइजेशन के साथ ही कमर्शियल पायलट के लिए अनेक मार्ग खुल गए हैं। वे सरकारी (एयर इंडिया) और प्राइवेट घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस (जेट एयरवेज आदि) में नौकरी की संभावनाएं तलाश सकते हैं। यहां तक कि बड़े कॉरपोरेट घरानों में जहां निजी प्रयोग के लिए विमान रखे हुए हैं, में भी मांग है। कमर्शियल पायलट लाइसेंसधारियों के लिए जॉब की शुरुआत ट्रेनी पायलट के रूप में होती है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आप पायलट या फस्र्ट ऑफिसर का पद प्राप्त कर सकते हैं। पदोन्नति फ्लाइंग के घंटों के अनुभव और विभिन्न प्रोग्राम्स को सफलतापूर्वक पूरा करने पर निर्भर करती है। इसके बाद आप कमांडर या कैप्टन का पद प्राप्त कर सकते हैं और उसके बाद सीनियर कमांडर का।
वेतनट्रेनी पायलट- 15,000 से 20,000
फर्स्ट ऑफिसर (जूनियर)- 1,00,000 और अधिक
फर्स्ट ऑफिसर (सीनियर)- 1,80,000 और अधिक
कमांडर- 2,50,000 और अधिक
यह हर ग्रेड में न्यूनतम वेतन है। वैसे यह पायलटों की मांग और उनकी योग्यता पर भी निर्भर करता है।
प्रमुख संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी, सीएसएम नगर (रायबरेली)
वेबसाइट:
www.igrua.gov.inअहमदाबाद एविएशन एंड एरोनॉटिक्स, अहमदाबाद
वेबसाइट:
www.aaa.co.inकरवर एविएशन, बारामती
वेबसाइट:
www.lvpei.orgचाइम्स एविएशन एकेडमी, सागर
वेबसाइट:
www.caindia.comगुजरात फ्लाइंग क्लब, वडोदरा
वेबसाइट:
www.gujaratflyingclub.com