Tuesday, June 6, 2017

ऑक्यूपेशनल थैरेपी में करियर

अगर आपकी रूचि मेडिकल क्षेत्रों में है और अगर आप इसमें कुछ हटकर करना चाहते हैं तो ऑक्यूपेशनल थैरेपी कोर्स कर सकते हैं। ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्टों की मांग भारत में तेजी से बढ़ रही है, लेकिन प्रोफेशनल्स की बेहद कमी है। यही वजह है कि इस पेशे में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं।

जानिए, ऑक्यूपेशनल थैरेपी के बारे में ::::::::
ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट का काम मुख्य तौर पर अपंग लोगों को दिनचर्या के कामों को करने के लिए प्रशिक्षण देना होता है। वे मरीजों को भावनात्मक रूप के साथ-साथ शारीरिक तौर पर भी इस बात के लिए संकल्पित कराते हैं कि कैसे वे लोग एक स्वतंत्र और संतुष्ट जीवन जी सकते हैं। एक ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट का काम मरीज के कार्यकलापों और उसकी प्रोन्नति का पूरा ट्रैक रिकॉर्ड मेंटेन करने का होता है।
ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट के लिए जरूरी है कि वो बहुत ही धैर्यवान हो और अपने मरीज के साथ एक विश्वसनीय और मजबूत भावनात्मक रिश्ता बना सके। इनोवेटिव होना उसके लिए सोने पर सुहागे जैसा है। ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट्स की भूमिका में अब वैश्विक स्तर पर बड़ा परिवर्तन आया है। वे अब लोगों के जीवन में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं, सेल्फ-केयर व्यवहार से लेकर कर्मचारी परिस्थिति विज्ञान तक।
मेडिकल और पैरामेडिकल प्रोफेशन की ही तरह ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट्स के लिए भी हॉस्पिटल्स, ऑर्थोपेडिक्स विभाग, रिहेबिलिटेशन सेंटर्स, स्पेशल स्कूल्स, हेल्थकेयर सेंटर्स आदि में रोजगार की संभावानाएं हैं।
एक क्वालिफाइड ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट बनने के लिए आपको बीपीटी या बीओटी की बैचलर डिग्री या अनिवार्य विषय में डिप्लोमा करना होता है। इन कोर्सों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता फिजिक्स-कैमिस्ट्री-मैथ्स के साथ बारहवीं उत्तीर्ण करना है।
भारत से लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया समेत तमाम देशों में ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट की खूब डिमांड है। हालांकि विदेशों में उनसे दो साल के अनुभव की मांग की जाती है। वैसे ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट को सेलरी भी अच्छी मिलती है, पर ये अपनी प्रैक्टिस भी शुरू कर सकते हैं।


ऑक्यूपेशनल थैरेपी शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम लोगों को उनकी रोजाना की जिंदगी को सुगम बनाने में मदद करती है। इसकी जरूरत ऑटिज्म या इमोशनल डिसऑर्डर के शिकार हुए बच्चों और न्यूरोलॉजिकल या साइकेट्रिक डिसऑर्डर से प्रभावित युवाओं को होती है।

संबंधित कोर्सेज :::::::

इस कोर्स में पढाई करने के लिए स्टूडेंट्स का साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास होना जरूरी है। इस कोर्स में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया जा सकता है। इस कोर्स में एंट्रेस एग्जाम के द्वारा ही स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलता है।

नौकरी की असीम संभावनाएं :::::::::

ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों, मेंटल हेल्थ केयर सेंटर, रिहेबिलेशन सेंटर, एडल्ट डे केयर में नौकरी मिल सकती है। थैरेपिस्ट या कंसल्टेंट के रूप में अगर आप चाहें तो अपना क्लीनिक भी खोल सकते हैं।

यहां से करे कोर्स ::::::::::


- राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, कटक
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड एजुकेशन रिसर्च, पटना
- इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
- दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट, दिल्ली

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