Wednesday, November 9, 2016

एपिग्राफी में करियर

क्या आपको इतिहास चुनौतीपूर्ण लगता है? अगर नहीं, तो यकीन मानिए आप इस फील्ड के बारे में बहुत कम जानते हैं। इसका सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है, इतिहास में छिपे रहस्यों को सटीक जानकारी के साथ दुनिया के सामने लाना और यह काम करते हैं, एपिग्राफिस्ट्स। अगर आपको भी अतीत के गूढ़ रहस्यों को जानने और उन्हें दुनिया के सामने लाने में रुचि है, तो आप बन सकते हैं बेहतरीन एपिग्राफिस्ट।
एपिग्राफी एक ऐसा विज्ञान है, जिसकी मदद से प्राचीन लिपियों और भाषाओं को समझा जाता है। अगर आपको भी समय की धूल में छिपी पुरानी सभ्यताओं के प्रमाणों को खोजने, पढ़ने और उन्हें समझने में रुचि है व उससे जुड़े तथ्यों और जानकारियों को दुनिया के सामने लाने का चुनौतीपूर्ण काम करने में आपको मजा आता है, तो एपिग्राफी में एक उम्दा करियर आपका इंतजार कर रहा है।
क्या है एपिग्राफी?
एपिग्राफी विभिन्न प्राचीन भाषाओं तथा संकेतों वाले रहस्यमयी अभिलेखों को पढ़ने की कला है। एक एपिग्राफिस्ट पाषाण, ताम्र थालियों व लकड़ी पर लिखी प्राचीन और अनजानी हस्तलिपियों को खोजने, समझने तथा ट्रांसलेट करके दुनिया के सामने लाने का काम करता है। एपिग्राफ्स इतिहास के स्थायी और सर्वाध‍िक प्रामाणिक दस्तावेज होते हैं। उनमें ऐतिहासिक घटनाओं की तिथि से लेकर वंशावली तक के बारे में सटीक जानकारी होती है।
जॉब प्रोफाइल
एपिग्राफी के तहत किलों, धार्मिक स्थलों, समाध‍ियों, मकबरों जैसे विभिन्न स्मारकों और पुरालेखों या शिलालेखों की खोज की जाती है। इन्हें फोटोग्राफी द्वारा या स्याही रगड़कर कागज पर उतार लिया जाता है। इसके बाद इन्हें समझने का प्रयास किया जाता है। इस दौरान इनमें दिए गए तथ्यों व जानकारी की मदद से इनमें जिन लोगों, घटनाओं, तिथियों, स्थानों आदि का उल्लेख होता है, उनका पता लगाया जाता है।
कौन-से कोर्स?
इस फील्ड में आने के लिए इतिहास में ग्रेजुएशन जरूरी है। इसके बाद आप एपिग्राफी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कर सकते हैं। आपके पास भारतीय या विदेशी भाषाओं जैसे संस्कृत, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, अरबी, फारसी या तमिल में डिग्री अथवा डिप्लोमा भी होना चाहिए।
करियर की संभावनाएं
आप आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की एपिग्राफी शाखा में अलग-अलग भाषाओं के विभिन्न पदों पर काम कर सकते हैं। अलग-अलग राज्यों में भी आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट्स हैं, जहां आप बतौर एपिग्राफिस्ट काम कर सकते हैं। इसके अतिरित सभी प्रमुख संग्रहालयों में क्यूरेटर, कीपर, डिप्टी कीपर, गैलरी असिस्टेंट्स
के पद होते हैं, जिनके लिए एपिग्राफिस्ट्स को ही कंसिडर किया जाता है। आप चाहें, तो विदेश जाकर वहां के विभिन्न संस्थानों से जुड़कर भी काम कर सकते हैं।
जरूरी स्किल्स
आपके पास संबंधि‍त भाषा पर कमांड और इतिहास का बेहतरीन ज्ञान होना चाहिए। आपकी एनालिटिकल और लॉजिकल एबिलिटीज भी अच्छी होनी चाहिए। अगर आपको पढ़ना और नई जानकारी हासिल करते रहना पसंद है, तो आपकी करियर ग्रोथ जल्दी होगी। एपिग्राफिस्ट की जॉब में मेहनत और समय दोनों चाहिए होते हैं, लिहाजा खराब मौसम हो या मुश्किल परिस्थितियां, आपको हर स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
प्रमुख संस्थान
- पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
- कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
- जीवाजी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर
- अवधेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, रीवा
- डेक्कन कॉलेज, पुणे
- महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, बड़ौदा
- आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापत्तनम

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