Friday, September 18, 2015

होम्योपैथ एक तेजी से उभरता कॅरियर

होम्योपैथी इलाज की एक ऐसी पद्धति है, जो इन दिनों तेजी से लोकप्रिय हो रही है और यह लोकप्रियता केवल मरीजों के बीच ही नहीं बढ़ रही है, बल्कि जो लोग डॉक्टर बनना चाहते हैं, वे भी इसमें रुचि ले रहे हैं। होम्योपैथी में मौजूद करियर ऑप्शंस के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं: 
होम्योपैथी डॉक्टर को हर कोई पसंद करता है। ऐसा क्यों है, इसके पीछे तमाम कारण हैं। सबसे बड़ी वजह तो यही है कि ये डॉक्टर मीठी गोलियों से इलाज करते हैं और दूसरा कारण यह कि बगैर मरीज को देखे केवल लक्षणों के आधार पर भी कई बार ये इलाज कर देते हैं। भले ही होम्योपैथी डॉक्टर आपको मीठी गोलियां देता हो, लेकिन इस पद्धति से इलाज करना उतना आसान नहीं है। 
होम्योपैथी में इलाज की पद्धति का आधार यह है कि संसार में हर व्यक्ति का अलग मेंटल, फिजिकल और इमोशनल सेटअप होता है। ऐसे में आप तब तक किसी मरीज का इलाज नहीं कर सकते, जब तक कि आप उसके पूरे सेटअप को न जान लें। इस पद्धति की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह रोगी को ट्रीट करने में भरोसा करती है, केवल रोग को नहीं। इसमें दिल के रोगों के अलावा बढ़ती उम्र, वायरल और फंगल इंफेक्शन, गठिया, स्ट्रेस, अस्थमा, पेट में अल्सर, लीवर के रोग सहित तमाम तरह के मर्जों को ट्रीट किया जाता है। 
होम्योपैथी के बारे में आम धारणा है कि पुराने और जटिल रोगों में यह बेहद कारगर है। जर्मनी के फिजिशियन सैम्युल हेनमेन ने होम्योपैथी को सन 1800 में दुनिया के सामने पेश किया और तब से अब तक होम्योपैथी इलाज की एक बड़ी पद्धति के रूप में डिवेलप हो चुकी है। आज हालत यह है कि तमाम बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनियां सदीर्, सिर दर्द, पेट में दर्द जैसी आम बीमारियों के लिए बड़ी मात्रा में होम्योपैथिक दवाएं बना रही हैं। 
होम्योपैथी में आजकल करियर बनाने की तमाम संभावनाएं हैं, क्योंकि विभिन्न कंपनियां इस क्षेत्र में रिसर्च और डिवेलपमेंट के लिए जम कर पैसा इन्वेस्ट कर रही हैं। होम्योपैथिक हॉस्पिटल्स की संख्या पूरे देश में तेजी से बढ़ रही है। 

इलाज का तरीका 
एक बड़ा सवाल यह है कि होम्योपैथिक डॉक्टर इलाज करता कैसे है? दरअसल होम्योपैथिक डॉक्टर मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री, टेम्परामेंट, फैमिली बैकग्राउंड, फैमिली मेंबर्स के रोगों का इतिहास, लाइफस्टाइल और इमोशनल स्टेट जैसे पॉइंट्स पर गौर करता है। इन सब चीजों के आधार पर डॉक्टर सिम्पटम्स का एक प्रोफाइल तैयार करता है और फिर दवाएं लिखता है। इस पद्धति में एक ही रोग से पीड़ित दो मरीजों को अलग-अलग दवाएं दी जा सकती हैं, क्योंकि दवाएं सुझाने का फैसला पूरी तरह मरीज की पर्सनल स्थिति पर निर्भर करता है। 
जो लोग होम्योपैथिक में रुचि रखते हैं, उनके लिए जरूरी है कि रोगों को ठीक करने के ऑल्टर्नेटिव तरीकों के प्रति उनका पैशन हो। सवाल पूछना और मरीज की पर्सनल लाइफ को जानना इस पेशे की मांग है। कौन सी दवा की कितनी डोज दी जानी है, यह सब मरीज के लक्षणों पर गौर फरमाने के बाद तय किया जाता है। इस पेशे से जुड़े लोगों को डिटेल्स में गहरी रुचि होनी चाहिए। इस लाइन में धैर्य सबसे ज्यादा जरूरी है, मरीज के लिए भी और डॉक्टर के लिए भी। मरीज जो कुछ भी कहता है, वह उसके लिए दवाएं तय करने में बड़ी भूमिका निभाता है। ऐसा माना जाता है कि आमतौर पर एक होम्योपैथ को मरीज के साथ पहली सिटिंग में एक घंटे तक का समय बिताना चाहिए। बुखार, डायरिया और उलटी जैसे लक्षणों पर गौर किया जाना जरूरी है। इसके अलावा दिमागी लक्षण जैसे गुस्सा, डर और प्रेम का भी ध्यान रखना उतना ही जरूरी है। इन सब चीजों के लिए जरूरी है कि होम्योपैथ अपने मरीज से सीधे बातचीत करे। 


होम्योपैथी पाठ्यक्रम के दो प्रकार उपलब्ध हैं:- 
1.) डिप्लोमा में होम्योपैथी चिकित्सा और सर्जरी (DHMS) 4-वर्ष की अवधि, 1-साल इंटर्नशिप के सहित का. 

2.) स्नातक होम्योपैथी चिकित्सा और शल्य चिकित्सा (BHMS) 4 साल + 1 साल इंटर्नशिप के का। शिक्षा, प्रशिक्षण और होम्योपैथी से संबंधित अन्य मामलों की देखभाल एक शीर्ष निकाय होम्योपैथी की केंद्रीय परिषद, भारत सरकार, के अंतर्गत एक सांविधिक निकाय है. 

सभी पाठ्यक्रमों होम्योपैथी केन्द्रीय परिषद अधिनियम १९७३ द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए। वर्तमान में वहाँ लगभग 200 संस्थाओं में देश में होम्योपैथी की डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की पेशकश कर रहे हैं. 

होम्योपैथिक उपचार के लाभ 

1.) होम्योपैथी स्वास्थ्य की प्रकृति के कानून पर काम करता है। यह प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता और आंतरिक शक्ति को उत्तेजित करता है। यह भी शरीर और मन के सद्भाव प्रकृति के साथ बनाता है. 

2.) होम्योपैथी उपचार प्रभावी और तेजी से काम करता है। इसकी उपयोगिता में चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और मनोदैहिक विकारों साबित कर दिया है। गंभीर परिस्थितियों में, यह दवा के प्रशासन के मिनट के भीतर से राहत देता है. 

3.) होम्योपैथी उपचार कोई साइड इफेक्ट के साथ गैर विषैले है। यह गैर नशे की लत और गैर बनाने की आदत है। यह शिशुओं के लिए भी उपयुक्त है बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को. 

4.) होम्योपैथी चिकित्सा सक्रिय और निवारक है। यह प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है और बीमारी को विकसित करने से रोकता है. 

5.) होम्योपैथी उपचार पूरे प्रणाली rejuvenates और एक और अधिक आराम और ऊर्जावान बनाता है। यह बढ़ाता है और नींद, पाचन अंत: स्रावी स्राव आदि की तरह शरीर के शारीरिक कार्यों के स्थिर. 

6.) होम्योपैथी चिकित्सा अग्रिम पंक्ति के उपचार के रूप में उपयोग किए गए के रूप में अच्छी तरह से मानार्थ पारंपरिक चिकित्सा करने के लिए किया जा सकता. 

7.) होम्योपैथी बीमारी मानते हैं, शरीर और मन और भावनाओं को पूर्ण और स्थायी राज्य के स्वास्थ्य और खुशी दे भर देता है। यह उच्च रक्तचाप बेजोड़ क्षमता मनोदैहिक तनाव जैसे विकारों का इलाज करने के लिए प्रेरित किया है. 

8.) होम्योपैथिक उपचार गैर suppressive है। पूरे व्यक्ति के बजाय लक्षणों के उपचार के द्वारा, पारंपरिक दवा अक्सर जीव में गहरी बीमारी को दबा. 

9.) होम्योपैथी उपचार के भीतर से और शरीर के आत्म चिकित्सा क्षमता का उपयोग करने पर केंद्रित। परंपरागत चिकित्सा से बिना उपचार पर ध्यान केंद्रित. 
10.) होम्योपैथी की तुलना परंपरागत चिकित्सा उपचार के एक बहुत सुरक्षित और gentler फार्म है। परंपरागत चिकित्सा अभी तक ज्यादा दखल है. 


प्रवेश प्रक्रियाबीएचएमएस में एडमिशन ऑल इंडिया कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एआईसीईटी) के माध्यम से होता है। यह टेस्ट ऑल इंडिया इंजीनियरिंग एंड मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन (एआईएमईसीए) की ओर से आयोजित किया जाता है।  कोर्स करने के बाद गवर्नमेंट या प्राइवेट हॉस्पिटल में होम्योपैथी डॉक्टर के रूप काम कर सकते हैं। इसके अलावा क्लिनिक, चैरिटेबल इंस्टीटयूट, रिसर्च इंस्टीटयूट, मेडिकल कॉलेजों में भी आसानी से काम मिल जाता है। आप चाहे तो प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
 नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ होम्योपैथी, साल्ट लेक, कोलकाता 
गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, कश्मीरी गेट, दिल्ली 
डॉ. बीआर सूर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, नानकपुरा, नई दिल्ली 
नेहरू होम्यो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, डिफेंस कॉलोनी, नई दिल्ली
कानपुर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कानपुर
 नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, लखनऊ
 जीडी मेमोरियल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, पटना

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