Saturday, August 22, 2015

वाइल्ड लाइफ जीव संरक्षण का सजीव कैरियर

यदि प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखना है और आने वाले पीढ़ी को एक स्वस्थ पर्यावरण मुहैया करना है, तो जीव-जंतुओं के बीच की कड़ी को हमेशा बनाए रखना होगा। यही वजह है कि आज वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन के क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल्स की जरूरत भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी खूब है…
कुछ वर्ष पहले तक पक्षियों की चहचहाहट केवल गांवों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी आसानी से सुनी जा सकती थी,लेकिन बढ़ते शहरीकरण के कारण पक्षियों का कोलाहल शहरों में अब कम ही सुनने को मिलता है। पक्षी व जानवर अपने आवास को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। कई जीव-जंतु विलुप्त हो गए हैं, तो कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं क्योंकि शहरीकरण बढ़ने लगा है और वन सिमटने लगे हैं। ऐसे में यदि वाइल्ड लाइफ आपको आकर्षित करता है, तो वाइल्ड लाइफ  कंजर्वेशन के क्षेत्र में आप शानदार कैरियर बना सकते हैं। सच पूछिए, तो वाइल्ड लाइफ और पर्यावरण हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मसलन छोट-छोटे इंसेक्ट्स को भी हम दरकिनार नहीं कर सकते क्योंकि इन्हीं की वजह से फसलें पॉलिनेट हो पाती हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि हर जीव-जंतु प्राकृतिक संतुलन को कायम रखने में विशेष भूमिका निभाता है।यदि प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखना है और आने वाले पीढ़ी को एक स्वस्थ पर्यावरण मुहैया करना है, तो जीव-जंतुओं के बीच की कड़ी को हमेशा बनाए रखना होगा। यही वजह है कि आज वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन के क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल्स की जरूरत भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी खूब है।
योग्यता
इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए विज्ञान विषय से 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है और 12वीं के बाद बायोलॉजिकल साइंस से बीएससी की डिग्री जरूरी है। एग्रीकल्चर में बैचलर डिग्री भी इस क्षेत्र में प्रवेश दिला सकती है। फोरेस्ट्री या एन्वायरनमेंटल साइंस से भी स्नातक की डिग्री ली जा सकती है। बीएससी के बाद वाइल्ड लाइफ साइंस से एमएससी करने वालों के लिए भी यह क्षेत्र असीम संभावनाओं से भरा हुआ है।
क्या हैं कार्य
वाइल्ड लाइफ  एक्सपर्ट मुख्यता वाइल्ड लाइफ  साइंस का हिस्सा होते हैं। वाइल्ड लाइफ  साइंस में ईको सिस्टम का अध्ययन और जंगली जानवरों का संरक्षण संबंधी अध्ययन कराया जाता है। वाइल्ड लाइफ  रिसोर्स मैनेजमेंट के लिए इस क्षेत्र में आर्थिक व सामाजिक कारणों का पूरा ब्यौरा दिया जाता है। इस क्षेत्र में अध्ययनरत छात्रों को वाइल्ड लाइफ  से जुड़े हर पहलू का ज्ञान दिया जाता है। इनसान व जंगली जानवरों के बीच अचानक आमना-सामना होने पर किस तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं और इन्हें कैसे कम किया जा सकता है, इस बारे में ही छात्रों को जानकारी दी जाती है।
जोखिम के साथ पैसा भी
यदि आपको प्रकृति और वन्य जीवों से थोड़ा सा भी लगाव है या इनके क्रियाकलापों और जीवन को जानने में आपकी विशेष रुचि है तो समझ लीजिए आपकी रोजगार की राहें खुल गईं। क्योंकि सरकारी संस्थाओं के अलावा देश-विदेश के एनजीओ भी वाइल्ड लाइफ  से जुड़े कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए कुशल वाइल्ड लाइफ  एक्सपर्ट की तलाश कर रहे हैं। हालांकि इस क्षेत्र में अन्य क्षेत्रों की तरह सुविधाएं नहीं हैं, लेकिन यदि आपमें काम करने का जुनून है तो पैसे कोई मायने नहीं रखते। वाइल्ड लाइफ  एक्सपर्ट के काम को समझते हुए संस्थाएं इस क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों को धन संबंधी समस्याएं नहीं आने देती हैं।
वेतनमान
प्राइवेट सेक्टर में वाइल्ड लाइफ साइंटिस्ट को शुरुआती चरण में 10 से 15 हजार रुपए मासिक वेतनमान मिलता है। मध्य अवस्था तक पहुंचते-पहुंचते यह 20 हजार रुपए तक हो सकता है। पीएचडी डिग्री होल्डर एक वरिष्ठ वैज्ञानिक की 30 हजार रुपए प्रतिमाह तक आय हो सकती है। इसके विपरीत एनजीओ या सरकारी विभाग में वाइल्ड लाइफ साइंस से जुड़े कर्मचारियों को काफी ऊंचे वेतनमान पर नौकरियां मिलती हैं।
रोजगार के अवसर
जीव-जंतुओं को बचाने के लिए सरकार ने कई वाइल्ड लाइफ  कंजर्वेशन प्रोग्राम की शुरुआत की है। इसमें टाइगर प्रोजेक्ट प्रमुख है। इस प्रोजेक्ट की सहायता से टाइगर को बचाने में काफी मदद मिली है। इतना ही नहीं, भारत सरकार वाइल्ड लाइफ  सुरक्षित रखने के लिए वाइल्ड लाइफ रिजर्व और अभयारण्य को खूब बढ़ावा दे रही है। इस क्षेत्र में आज संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। अपेक्षित डिग्री हासिल करने के बाद आप मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, वर्ल्ड वाइल्ड फंड, वाइल्ड लाइफ  इंस्टीच्यूट आफ  इंडिया, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया के अलावा कई ऐसे आर्गेनाइजेशंज हैं, जिनमें रिसर्चर और प्रोजेक्ट आफिसर्ज के रूप में काम कर सकते हैं। वाइल्ड बायोलॉजिस्ट के क्षेत्र में भी भरपूर अवसर हैं। इस क्षेत्र में कोर्स पूरा करने के बाद आप वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरीज, एन्वायरनमेंटल एजेंसी, जूलॉजिकल फर्म, एन्वायरनमेंटल कंसल्टेंसी फर्म, नॉन गवर्नमेंटल आर्गेनाइजेशन, एग्रीकल्चरल कंसल्टेंट फर्म, इंडियन काउंसिल आफ  फोरेस्ट रिसर्च एंड एजुकेशन और ईको रिहैबिलिटेशन फर्मों में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। वाइल्ड लाइफ और एनिमल कंजर्वेशन में डिग्री रखने वाले छात्रों के लिए इस फील्ड में जॉब के बेहतर अवसर हैं। छात्रों के लिए इथोलाजिस्ट, इंटोमोलाजिस्ट, सिल्वि कल्चरिस्ट, फोरेस्ट रेंज आफिसर, जू क्यूरेटर्स, एनिमल साइटोलॉजी, जेनेटिक्स, न्यूट्रीशन आदि के रूप में काम करने का बेहतरीन मौका होता है।
कोर्स
1.बीएससी इन वाइल्ड लाइफ
2. एमएससी इन वाइल्ड लाइफ  बायोलॉजी
3. एमएससी इन वाइल्ड लाइफ
4. पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री इन वाइल्ड लाइफ साइंस
5. अंडर ग्रेजुएट कोर्स इन वाइल्ड लाइफ
6. पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एडवांस्ड वाइल्ड लाइफ
7. बीएससी इन फोरेस्ट्री इन वाइल्ड लाइफ  मैनेजमेंट
8. वाइल्ड लाइफ  फोटोग्राफी कोर्स
9. डिप्लोमा इन जू एंड वाइल्ड एनिमल हैल्थ केयर एंड मैनेजमेंट
10. सर्टिफिकेट कोर्स इन वाइल्ड लाइफ  मैनेजमेंट
11. सर्टिफिकेट कोर्स इन फोरेस्ट मैनेजमेंट
प्रमुख शिक्षण संस्थान
1. पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना
2. हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हिसार
3.वाइल्ड लाइफ  इंस्टीच्यूट आफ  इंडिया, नई दिल्ली
4. फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट देहरादून
5. इंडियन इंस्टीच्यूट आफ  फोरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल
6. हिमालयन फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट, शिमला
7. कुमाऊं यूनिवर्सिटी, नैनीताल
8. मणिपुर यूनिवर्सिटी, इम्फाल
9. वाइल्ड लाइफ  इंस्टीच्यूट आफ इंडिया, देहरादून

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