Saturday, May 9, 2015

वोकेशनल कोर्स का जमाना

हर कोई डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस... बनना चाहता है, लेकिन हर किसी का यह सपना पूरा नहीं होता है। लेकिन आप वोकेशनल कोर्स के माध्यम भी अपने करियर को एक नए मुकाम तक पहुंचा सकते हैं। अगर आप उच्च शिक्षा हासिल करने में फाइनेंशियल रूप से सक्षम नहीं हैं, तो वोकेशनल कोर्सेज आपके लिए बेहतर विकल्प हैं। इंडस्ट्री की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न सरकारी और प्राइवेट संस्थानों द्वारा कई तरह के शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कोर्सेज चलाए जा रहे हैं। इस तरह के कोर्स करने के बाद नौकरी भी आसानी से मिल जाती है।

हेयर स्टाइल
इन दिनों फैशन का खूब पैशन है। इसलिए लोग अपने हेयर स्टाइल के प्रति काफी सजग हो गए हैं। यही वजह है कि बाजार में संभावनाओं को देखते हुए कुछ संस्थानों ने इससे जुड़े कोर्स शुरू कर दिए हैं। आप 10वीं और 12वीं पास करने के बाद इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।
इंस्टीट्यूट- -पॉलिटेक्निक फॉर वूमन, साउथ एक्सटेंशन-1, नई दिल्ली, -हबिब्स हेयर एकेडमी, 
साउथ एक्सटेंशन-2 नई दिल्ली, -मैन्स वर्ल्ड इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ग्रेटर कैलाश, नई दिल्ली।


ब्यूटी कल्चर

फैशन के इस दौर में हर कोई सुंदर दिखना चाहता है और लोगों की इसी चाहत की वजह से ब्यूटी कल्चर का कारोबार काफी बढ़ रहा है। यदि आप ऑफबीट करियर में कदम रखना चाहते हैं, तो ब्यूटी कल्चर से जुड़े कोर्स 10वीं और 12वीं के बाद भी कर सकते हैं।
इंस्टीट्यूट- -अहिमसा वूमन पॉलिटेक्निक, शंकर रोड, नई दिल्ली, -लोयला इंस्टीट्यूट ऑफ
वोकेशनल एजुकेशन, लोयला कॉलेज, चेन्नई


जेरियाट्रिक केयर

यह कोर्स उन युवाओं के लिए है जो समाज के वरिष्ठजनों की सेवा करना चाहते हैं। इस कोर्स की अवधि छह माह की होती है। लिखित परीक्षा के आधार पर कोर्स में दाखिला मिलता है। 18 से 45 वर्ष तक की आयु वर्ग के दसवीं पास व्यक्ति इस परीक्षा में बैठ सकते हैं। यह कोर्स सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत 'नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस ’ द्वारा कराया जाता है। कोर्स करने के बाद विभिन्न एनजीओ, सरकारी ऑफिसेज और कॉरपोरेट सेक्टर के अलावा काउंसलिंग तथा अकादमिक इन्स्टीट्यूशंस में जॉब तलाश सकते हैं।
इंस्टीट्यूट- नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस, मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस ऐंड एम्पॉवरमेंट, वेस्ट ब्लॉक-1, विंग-3, फस्र्ट फ्लोर, आरके पुरम, नई दिल्ली।
वेबसाइट : www.nisd.gov.in 

फैशन डिजाइनिंग

फैशन डिजाइनिंग का क्षेत्र काफी विस्तृत है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां कैरियर के लिए अपार गुंजाइश है। बदलते फैशन की समझ और नए डिजाइन क्रिएट करने की क्षमता आपको इस क्षेत्र में सफल बना सकती है। फैशन की दुनिया में जाने के लिए 10+2 के उपरांत फैशन से संबंधित किसी भी पाठ्यक्रम में एडमिशन ले सकते हैं। फैशन डिजाइनिंग से संबंधित संस्थान तीन वर्ष का डिगरी कोर्स करवाने के साथ-साथ कुछ शार्ट टर्म कोर्स भी करवाते हैं, जो छह महीने से लेकर एक साल तक के हैं।

कोर्स पूरा करने के बाद फैशन टेक्नोलॉजी, स्टिचिंग ऑफ गारमेंट्स, गारमेंट टेक्नोलॉजी, अपैरल मर्चेंडाइजिंग को अपैरल कोआर्डिनेटर, रीटेलर, सेल प्रमोशन, फैशन फोटोग्राफी, ड्रेस ऐंड एक्सेसरी डिजाइनर, गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजिस्ट, निटवियर डिजाइनर, टेक्सटाइल आदि के तौर पर नौकरी मिल सकती है। अपैरल पैटर्न मेकिंग का कोर्स दसवीं कक्षा के बाद कर सकते हैं।
इसकी अवधि चार से छह माह की है। कपड़ा मंत्रालय के तहत अपैरल एक्सपोर्ट काउंसिल के अंडर में भी अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाइन सेंटर से इस कोर्स को किया जा सकता है। फैशन टेक्नोलॉजी का कोर्स करने के बाद आपको सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की गारमेंट कंपनियों, फैशन ब्राडों, टैक्सटाइल मिलों, फैशन संस्थानों में रोजगार मिल सकता है। स्वरोजगार के तौर पर रेडीमेट गार्मेंट बुटीक खोलकर भी कमाई की जा सकती है।
इंस्टीट्यूट- नेशनल वोकेशनल ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट फॉर वुमेन, नोएडा। इसके अलावा पॉलीटेक्नीक फॉर वूमेंस संस्थानों से भी ये कोर्स किए जा सकते हैं। 

फुटवियर टेक्नोलॉजी ऐंड लेदर गुड्स मेकिंग

फुटवियर टेक्नोलॉजी या लेदर गुड्स में प्रशिक्षण हासिल करके बेहतर करियर बनाया जा सकता है। इसमें डिप्लोमा कोर्स के बाद अच्छी नौकरियां पाई जा सकती हैं। फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग और फुटवियर डिजाइनिंग एक्सपटर्स की मार्केट में काफी डिमांड है। किसी भी स्ट्रीम में बारहवीं पास युवा इन कोर्सेज में प्रवेश पा सकते हैं। 

ज्वैलरी डिजाइनिंग

फैशन एसेसरीज में ज्वैलरी हमेशा से ही हॉट डिमांड में रही है। इस क्षेत्र में मुख्य काम ज्वेलरी मेकिंग, डिजाइनिंग आदि है। इसके अलावा, वैलरी डिजाइन, स्टोन कटिंग ऐंड इनेमलिंग, जेमोलॉजी कॉस्टिंग टेक्नोलॉजी, आईडेंटीफिकेशन ऑफ स्टोन ऐंड जेम्स आदि पाठ्यक्रम भी किए जा सकते हैं। इसमें रत्नों की शुद्धता मापने, रत्नों का चुनाव, मूल्य,काटने-तराशने का ज्ञान, कास्टिंग, सैटिंग, पॉलिशिंग, सोइंग तथा सोल्डरिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता बारहवीं है। कोर्स करने के बाद किसी भी ज्वैलरी कंपनी से जुड़कर काम की शुरुआत कर सकते हैं। इसकी पढ़ाई दिल्ली, जयपुर और नोएडा के अलावा कई शहरों में होती है। 

ट्रैवल ऐंड टिकटिंग

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के विस्तार ने रोजगार के कई अवसर खोल दिए हैं। इनमें ट्रैवल ऐंड टिकटिंग भी एक है। ट्रैवल एजेंसियों, होटलों, एयरलाइंस कंपनियों में टूर मैनेजर्स, फ्रंट ऑफिस एग्जीक्यूटिव्स, ग्राउंड स्टॉफ, टिकटिंग स्टॉफ आदि में ऐसे प्रोफेशनल्स की डिमांड होती है। इसके लिए विभिन्न संस्थानों में तीन से छह माह के कोर्स संचालित किए जाते हैं।

इंटीरियर डिजाइनिंग

घर हो, दफ्तर, होटल या शोरूम, इनको डिफरेंट लुक देने का काम इंटीरियर डिजाइनर का होता है। इंटीरियर डिजाइनर स्थान की साज-स’जा के अलावा जगह का भी प्लान करता है। वे कस्टमर की रुचि, बजट तथा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पूरी रूपरेखा तैयार करते हैं। इसमें दीवार, फर्श, छत की स’जा, फर्नीचर और दूसरी सामग्रियों की जमावट, विंडो ट्रीटमेंट, लाइटिंग, विजुअल और साउंड इफेक्ट्स आदि शामिल होते हैं।
 
एक अच्छा इंटीरियर डिजाइनर बनने के लिए कल्पनाशीलता और रचनात्मकता बेहद जरूरी गुण है। इंटीरियर डिजाइनिंग कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता बारहवीं है। यूं तो इंटीरियर डिजाइनिंग में तीन साल के भी कोर्स हैं, लेकिन करियर बनाने के लिए आर्किटेक्चर में पांच वर्षीय डिगरी कोर्स बेहतर होता है। साइंस स्ट्रीम के बारहवीं पास स्टूडेंट्स इंटीरियर डिजाइनिंग के डिगरी पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं, जबकि कला स्ट्रीम के छात्र एक से दो साल का डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं।
 
अधिकांश शहरों के पॉलीटेक्निक और वोकेशनल ट्रेनिंग स्कूलों में ये कोर्स कराए जाते हैं। यह कोर्स करने के बाद विभिन्न इंटीरियर डिजाइनिंग संस्थानों, आर्किटेक्ट फर्म, कंसल्टेंसी फर्म या बिल्डर और कॉन्ट्रैक्टर के साथ काम कर सकते हैं। इसके अलावा बड़े होटलों, हॉस्पिटल्स, शॉपिंग मॉल या डिजाइन स्टूडियो और फर्नीचर स्टोर्स में डिजाइन कंसल्टेंट की जरूरत होती है। खुद का उद्यम भी शुरू कर सकते हैं। 

फाइनेंस, अकाउंटेंसी ऐंड ऑडिटिंग

दसवीं कक्षा पास छात्रों के लिए फाइनेंस और ऑडिटिंग में डिप्लोमा करने के बाद विभिन्न लघु उद्योगों में इन्हें नौकरी दी जाती है। वर्तमान में यह सेक्टर काफी डिमांड में भी है। थोड़ा एक्सपीरिएंस हासिल करने के बाद इन्हें बड़ी कंपनियों में भी अच्छी सैलरी में हायर किया जाता है। आजकल इंश्योरेंस तथा फाइनेंस कंपनियों में भी इनके लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं। 

इलेक्ट्रॉनिक इन्स्ट्रूमेंट्स रिपेयरिंग

इसके अंतर्गत रेडियो ऐंड टेलीविजन कंपोनेंट, रिपेयर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स, रिपेयररिंग ऐंड मेंटीनेंस ऑफ मोबाइल फोन आदि में प्रशिक्षण हासिल करके खुद का सर्विस सेंटर खोल सकते हैं। कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्ïस बेचने वाली कंपनियां भी अपने यहां ऐसे प्रोफेशनल्स को हायर करती हैं। यह कोर्स एक वर्ष, छह माह या दो सप्ताह के होते हैं। इन्हें आठवीं या दसवीं कक्षा के बाद किया जा सकता है। कम्प्यूटर के क्षेत्र में सॉफ्टवेयर एनालिस्ट, डोमेन स्पेशलिस्ट, इनफॉर्मेशन सेक्योरिटी प्रोफेशनल, डाटाबेस ऐडमिनिस्ट्रेटर, नेटवर्किंग स्पेशलिस्ट जैसे कोर्स बहुत पॉपुलर हैं। 

कुछ पॉपुलर वोकेशनल कोर्सेज 

u डिप्लोमा इन फिल्म आट्र्स ऐंड ऑडियो, वीडियो एडिटिंग 
u डिप्लोमा इन फार्मेसी 
u डिप्लोमा इन जनरल नर्सिंग ऐंड मिडवाइफरी 
u स्टेनोग्राफी ऐंड प्राइवेट सेक्रेटरी प्रैक्टिस 
u ब्यूटी कल्चर ऐंड हेयर ड्रेसिंग 
u वोकेशनल कोर्सेंज इन फिशसरीज 
u कोर्स इन टूल ऐंड डाई मेकिंग 

u कोर्स इन प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी 

u कोर्स इन प्लास्टिक ऐंड लेदर टेक्नोलॉजी 
u कोर्स इन पॉल्ट्री 
u स्टोर कीपिंग, सेल्समैनशिप ऐंड ऐडवरटाइजिंग 
u डिप्लोमा इन फूड टेक्नोलॉजी 
u एम्ब्रॉयडरी 
u प्रिंटिंग वेडिंग कार्ड ऐंड नेम प्लेट्ïस 
u फ्रूट्स ऐंड वेजीटेबल प्रिजरवेशन 

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